अगर मैं अखिलेश यादव को अखिलेश मिश्रा कहूँ
तो हैरत की बात नहीं होगी । आप नीचे स्वयं देखिये उनकी घोर सवर्ण परस्ती ।
समाजवादी पार्टी के विधान सभा अध्यक्ष रहे माता प्रसाद पाण्डेय अपने पिछले कार्यकाल में विधान सभा सचिवालय के लिए 40 समीक्षा अधिकारीयों और 50 सहायक समीक्षा अधिकारीयों की विज्ञप्ति निकाले थे ।परीक्षा हुई अभ्यर्थीयों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया लेकिन समीक्षा अधिकारी की कुल 22 सीटें सामान्य थीं। शेष ओबीसी और sc वर्ग की थी । ज्ञातव्य है कि -प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे और बिधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने मिलकर सिर्फ अपनी ही जाति और रिश्तेदारों को पूरी सीट पर चयन कर डाला और मात्र 3 दिनों के अंदर इनकी joining भी करवा डाली ।आख़िरकार इतने जल्दी joinning की वजह क्या थी ?बाद में कुछ सीटें बढ़ा भी दी गयी थी ।
सामान्य वर्ग में चयनित सभी अभ्यर्थियों के नाम की लिस्ट डाल रहा हूँ ।
कृपया स्वयं आकलन करें और सोचें कि -आख़िरकार जो मीडिया 86 में 56 यादव sdm की फ़र्ज़ी खबरे फैला दिया वो ब्राह्मणों के अधिकतम संख्या में चयन किये जाने पर शांत क्यों रहा ….
उपेंद्रनाथ मिश्र,
रुद्ररजनीकांत दुबे,
वरुण दुबे,
रवींद्र कुमार दुबे,
भास्करमणि त्रिपाठी,
वीरेंद्र कुमार पांडेय,
जय प्रकाश पांडेय,
आदित्य दुबे,
नवीन चतुर्वेदी,
प्रवेश कुमार मिश्र,
संदीप कुमार दुबे,
अमिताभ पाठक,
राहुल त्यागी,
अविनाश चतुर्वेदी,
पुनीत दुबे,
शलभ दुबे,
पार्थ सारथी पांडेय,
प्रशांत कुमार शर्मा,
राहुल त्यागी।
प्रशांत राय शर्मा,
आदित्य कुमार द्विवेदी,
श्रेयांश प्रताप मिश्र,
सोनी कुमार पांडेय,
चंद्रेश कुमार पांडेय,
पीयुष दुबे,
अरविंद कुमार पांडेय,
करुणा शंकर पांडेय,
अंकिता द्विवेदी,
दिलीप कुमार पाठक,
प्रवीण कुमार सिंह,
भूपेंद्र सिंह,
अभिषेक कुमार सिंह,
संजीव कुमार सिंह,
सतीश कुमार सिंह,
वरुण सिंह,
हिमांशु श्रीवास्तव,
राकेश कुमार साहनी,
क्या माता प्रसाद और प्रदीप दुबे की सांठगांठ से हुई सचिवालय में नियुक्तियां, जानें कौन हैं प्रदीप दुबे ?
(शशिकांत मेहता की वाल से)