किसी बुजुर्ग से सुना था, “भेड़ों की पीठ पर चढ़कर ऊपर वाली एक भेड़ ने आसमान छू लिया, तो इससे नीचे वाली भेड़ों को क्या मिला?”. उस निचली वाली भेड़ जैसा हाल ही हिंदुओं का है.
वर्तमान में मंत्री “अनुराग ठाकुर” के पिता प्रेम कुमार धूमल, हिमांचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं. वर्तमान में सांसद परवेश वर्मा के पिता “साहिब सिंह वर्मा” दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे हैं. वर्तमान में गृहमंत्री अमित शाह का बेटा “जय शाह” बीसीसीआई का सचिव बना दिया गया है. I repeat BCCI. दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड. जय शाह की संपत्ति के 16000 गुना बढ़ने की खबर द वायर ने की थी, वो इससे अलग है. यदि वह गलत होती तो द वायर के सम्पादक आज जेल में होते.
आपके बच्चों को भड़काने वाले तीनों नेताओं के बेटे सेट हैं, ऐसे ही तीनों के बाप सेट थे. इनके बच्चे मोंटेशरी स्कूलों में पढ़ते हैं, जवानी विदेशों में काटते हैं. वापस इंडिया आकर चुनाव लड़तें हैं, इनके गले में माला पड़ती है, तिलक लगता है, आप भीड़ में नीचे जमीन पर बैठकर सिर्फ मूंह तकते हैं, छाती फुलाते हैं. आपका नेता मंच पर चढ़कर आपसे कहता हैं- “गोली मारो सालों को” और आप गोली चला देते हैं, लेकिन इससे आपको क्या मिला? किसी गरीब आदमी के बेटे को ही मार दिया सिर्फ इतना ही न! पुलिस आएगी, पकड़ ले जाएगी, न अनुराग आएगा, न अमित शाह आएगा. अमित शाह का गार्ड ही आपको लात मारकर भगा देगा. पूरी जिन्दगी कोर्ट-कचहरी. शंभु रैगर, गरीब मजदूर ही तो था, आज जेल में सड़ रहा है. एक मजदूर को मारकर उसे क्या मिल गया? हां उसके नेता को वोट जरूर मिला.
आपने कभी सोचा है? आपका नेता आपसे ही गोली चलाने के लिए कहता है, अपने बेटे से क्यों नहीं कहता है? उसे तो वह स्विमिंग पूल में घुमाएंगे, पिज़्ज़ा खिलाएंगे, अंग्रेजी वाले स्कूल में पढ़ाएंगे. एटीएम से पैसा भरके रखेंगे. लेकिन आपके बच्चों से कहेगा “गोली मारो सालों को”. ऐसे ही आप राममंदिर में लगा दिए गए थे, आपने कारसेवा की. आप जैसे एक हजार से अधिक लोग एक अपने घरों पर कभी भी वापस न आ सके. घटना स्थल पर ही मर गए. किसी एक नेता ने उनके परिवारों की कभी कोई सुध न ली.
आप मुझे किसी एक नेता के बेटे का नाम गिना दो, जिसने बाबरी मस्जिद का एक पत्थर भी उखाड़ा हो? एक नेता का नाम गिना दो जो आपके साथ हथौड़ा चला रहा हो, पुलिस से लाठियां खा रहा हो.
आप जमीन पर बैठकर अपने नेता को सुन रहे थे, आपका बेटा पुलिस पर पिट रहे थे, आप पुलिस की लाठी खा रहे थे, आपका नेता मंच से आपको आदेश दे रहा था, “मस्जिद तोड़ दो”
आपको क्या मिला? लेकिन आपके नेता को संसद मिल गई. आपके नेता को राजभवन मिल गया. आपका नेता कल्याण सिंह आज राज्यपाल है, राजस्थान के राजभवन में रहता है, उसका बेटा राजवीर सिंह आज सांसद है, सांसद भवन में रहता है, दिल्ली के सबसे पॉश इलाके में उसे सरकारी आवास मिला हुआ है. उसी समय रथ यात्रा निकालने वाला एक नेता, आज इस देश का प्रधानमंत्री बना हुआ है, 7 आर सी आर पर उसका शानदार भवन है, पीएम आवास में रहता है. उसी समय जमीन समतल करने की बात कहने वाले अटल बिहारी बाजपेयी बाद में प्रधानमंत्री बने, मस्त जिंदगी जिए.
आपको क्या मिला? आपके बेटे को क्या मिला? क्या आपके बच्चे के लिए आपके नेता ने आपके गांव के सरकारी स्कूल को दुरस्त करा दिया है? क्या आपके नेता ने, आपके इलाज के लिए जिला अस्पताल में सारी सुविधाएं करवा दी हैं? क्या दिल्ली के एम्स अस्पताल में आपको अब लाइन में नहीं लगना पड़ता? क्या आपके गांव की सड़क उधड़ी हुई नहीं रही? क्या आपके खाने की दाल अब 40 रुपए किलो मिलने लगी है? क्या आपके बच्चे जिस किसी एग्जाम की तैयारी करते हैं उनके एग्जाम बिना किसी घपले के हो जा रहे हैं? उनमें आजतक कितनी वेकैंसियां निकली हैं? क्या आज सड़क पर पुलिस वाला आपसे रिश्वत नहीं लेता? यदि लेता है तो आप कैसा नेता चुन रहे हैं? नफरत, नफरत, नफरत, सिर्फ नफरत से आपके बच्चों को क्या मिलेगा?
आपको पता ही नहीं है आप निचली वाली भेड़ हैं, जिनपर चढ़कर आपका नेता मौज मार रहा है. आपको लग रहा है मुसलमान को मजा चखाया जा रहा है. लेकिन किस क़ीमत पर ये आपको मालूम ही नहीं है।
– श्याम मीरा सिंह की फेसबुक वॉल से साभार