साथियों आपने सुना ही होगा की इंसान के जीवन में जो तीन बुनियादी जरूरत होती है, वो है रोटी, कपड़ा और मकान।विश्वभर में कोरोना के रूप में आयी महामारी से सभी जगह त्राही त्राही मची है। आज कपड़ा, मकान तो है, लेकिन अचानक जीवन में आये लॉकडाउन के चलते लोग जहाँ फंसे, वही फंसे ही रह गए।
दिनाँक 09/04/2020 को हमारे दिल्ली के मित्र श्री प्रेम चंद चौधरी जी का हमको फ़ोन आया था की आप लोग जो पासी समाज के लिए अखिल भारतीय पासी विकास मंडल मुम्बई के तरफ से राहत सामग्री वितरण का पुनीत कार्य कर रहे है उससे बड़ी कोई समाज सेवा नहीं। आप सभी लोग धन्यवाद के पात्र है। उनके द्वारा हमको यह बताया गया की उनके कोई शेखपुरा बरबीघा, बिहार के 4 से 5 लोगो का परिवार थाने, काल्हेर भिवंडी में फंसे है, उन सबको कुछ राहत सामग्री की व्यवस्था हो जाती तो ठीक था।
लेकिन उन्होंने कहा की वो अपने पासी समाज से तो नहीं है। हमने कहा ठीक है देखते है क्या हो सकता है। आज सुबह मन की आत्मा यही कही की भले अपने समाज से नहीं, लेकिन है तो मानव ही ना। और बात यहां भूखे परिवार को रोटी की है। तुरंत हमने काल्हेर में रहने वाले भाई जगदीश जी से बात किये, उनको सब बताया की ऐसी ऐसी बात है,बोले ठीक है भाई काम हो जाएगा। भाई जगदीश जी को श्री दीपक सादरीक ठाकुर जी का फ़ोन नंबर दिया। उन्होंने उनको कॉल करके अपने घर बुलाये, चाय, नास्ते करवाये, उसके बाद किराना की दूकान पर लेकर गए।हमारे तरफ से जो सामान की लिस्ट और पैसा भेजा गया था उतने की सामग्री लेकर दीपक जी को सुपुर्द किये।
जिसके लिए दीपक जी ने हम सबका बहुत-बहुत आभार माने। इस कार्य को सफलता पूर्वक नेक सोच के साथ मिलकर करवाने के लिए भाई जगदीश जी को धन्यवाद। आप जैसे साथियों पर पासी समाज को गर्व है। साथियों सही मायनों मे इस कार्य को करके जो संतुष्टि मिल रही है, उससे बड़ी कोई समाज सेवा नहीं। इसीलिए कहता हूँ की आपका सारा अहंकार और सब मोहमाया यही खत्म हो जायेगी।
ऐसे संकट में आप सभी से करबद्ध निवेदन करता हूँ की कुछ पुण्य कमा लीजिए, गरीब भूखे लचारो की सहायता कर अपने जीवन को सार्थक बना लीजिये।
जीवन एक सफ़र है, मौत उसकी मंजिल है, मोक्ष का द्वार कर्म है, यही जीवन का सत्य है।
प्रो.वीरेंद्र कुमार पासी
मुम्बई
9773779632