आज प्रबुद्ध वादी बहुजन मोर्चा के अध्यक्ष एडवोकेट लालाराम सरोज की अध्यक्षता में वीरांगना ऊदा देवी पासी के 162वें बलिदान दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन प्रयागराज ,कचेहरी में हुआ।
जिसमें मुख्य विषय-“1857की क्रांति में जरायमपेशा जातियों की भूमिका-” पर वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।
विषय पर वक्ताओं ने इस बात को प्रमुखता से उठाया कि 1857 की क्रांति में वह सभी जातियां जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ा वे सभी लगभग 200 जातियों को टारगेट करते हुए जरायमपेशा एक्ट(criminal tribes act)1871 के अंतर्गत अपराधी जाति घोषित कर दिया गया।उसी क्रांति की बहादुर वीरांगना ऊदा देवी पासी भी एक बहुत बड़ी स्टार रहीं जो अकेले अंग्रेजों की सेना के 36 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था।
वक्ताओं ने कहा कि जरायमपेशा एक्ट में सम्मिलित जातियां आजादी के बाद संविधान लागू होने बाद तक इस एक्ट के कारण प्रताड़ित होती रही।इस एक्ट से 31 अगस्त 1952 में छुटकारा मिला।जब संसद द्वारा इसे हटाया गया।
इस अवसर पूर्व मंत्री रामानन्द भारतीय, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष इलाहाबाद यूनिवर्सिटी अजीत यादव ,एडवोकेट समरबहादुर सरोज,रामबिशाल पासवान, बच्चा पासी , संजय सिंह,राजेश भारती, शशि कैथवास ,और बहुत से गणमान्य लोग उपस्थित थे।