उनकी याद में दो शब्द …
सुबह आँख खुलतें ही व्हाट्सएप पर ये मैसेज आया कि “पापा इज नो मोर ” यह मैसेज इन्ही के मोबाइल से आया तो समझा कि कवि जी खुद के पिता जी के लिए लिखें है थोड़ा संयमित हुआ ,फेसबुक खोला तो अचानक निराशा हाथ लगी ,यह मैसेज उनके पुत्र का था मतलब साफ था पासियों के हर मंचो पर अपनी कविताओं से सबको आकर्षित करने वालें नेक दिल इंसान कवि आरके सरोज @Ram Kumar saroj दुनियां को अलविदा कह दिए …
यकीं तो नही हो रहा था कि अभी तो 11 नवंबर को महाबली वीरा पासी की जयंती में शामिल हुए और कल ही यानि 16 नवम्बर को तिलोई, अमेठी में वीरांगना ऊदा देवी का बलिदान दिवस मना कर लौटे ही थें ।
प्रतापगढ़ जनपद के मूलनिवासी आरके सरोज जी पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर पद से रिटायर्ड होकर सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहें । आपने नौकरी के दौरान श्रीपासी सत्ता मासिक पत्रिका में बतौर प्रबंध संपादक पद पर रहें,और कई कविताएं और लेख लिखें ।
वों समाज को हमेशा जाग्रत करने का काम करतें रहें युवाओं से उनका खासा लगाव रहा । उनके समर्थक उन्हें ‘दादा गुरु ‘ कहकर पुकारतें थें । वो सबको स्नेह और आदर करना नही भुलतें। जब भी लखनऊ सामाजिक कार्यो हेतु जाता तो दादा गुरु का आशीर्वाद मुझें मिलता रहा था।
अचानक उनका जाना पासी समाज के लिये दुःखद हैं, मेरे लिए ब्यक्तिगत क्षति हैं …विनम्र श्रद्धांजलि 😢💐
संपादक – अजय प्रकाश सरोज