अक्सर हमने देखा है कि जिस तरीके से बसपा के शुरुआती दौर में कांशी राम ने पासियों को आगे करके पंडित ठाकुर से लड़ वाया जिसमें पासियों की काफी हत्याएं हुई पासियों के दम पर जमीन तैयार करने के बाद पासियों को लात मारकर भगा दिया और राजनैतिक जमीन कांशी राम ने अपने समाज को दे दिया उसी तरीके से वामन मेश्राम भी कर रहा है पासियों के अंदर कट्टरता भरकर पंडित ठाकुर से लड़ाने का काम कर रहा है पासी समाज के युवाओं को गुमराह करके अपनी राजनीतिक जमीन तैयार कर रहा है जबकि हमारे समाज के युवा समझ नहीं पा रहे हैं वामन मेश्राम भी कांशीराम का फोटो स्टेट है आज हमारे समाज के नौजवान बावन मेश्राम की तारीफ करते और पंडित ठाकुर को गरियाते फेसबुक पर नजर आ रहे हैं ,और इस कट्टरता मैं बावन मेश्राम के समाज के लोग आग में घी डालकर पासी समाज के नौजवान को गुमराह कर पंडित ठाकुर से लड़ा कर पीछे से मजा ले रहे हैं और हमारे समाज के लोग हाथी के नाम पर तो कहीं बावन मेश्राम के नाम पर मारे पीटे जा रहे हैं उनकी हत्याएं हो रही हैं आखिर जिस तरीके से उत्तर प्रदेश में पासियों की हत्या हो रही है क्या कारण है Bavan Meshram के लोगों की हत्या नहीं हो रही है सीधा जवाब है कि हमारे लोगों को नीला अफीम पिलाकर आगे कर दिया जाता है मरने मारने के लिए और वह स्वयं पीछे से मजा लेते हैं हत्या होने के बाद दिखाई भी नहीं पड़ते उनकी लड़ाई समाज के सामाजिक संगठन वा समाज का नौजवान ही लड़ता है । ( यह लेखक के निजी विचार हैं)