यूपी, कौशाम्बी / ब्राह्मणों को गाली, कोटेदारों , प्रधानों को धमकी देकर वोट माँगने वालें सांसद विनोद सोनकर की हालत क्षेत्र में बहुत खराब हो चुकी हैं। पासी बाहुल संसदीय क्षेत्र कौशाम्बी में 2014 में पासियों ने इनपर भरोशा किया। लेकिन चुनाव जीतने के बाद पासियों का उत्पीड़न शुरू कर दिये । यहां तक कि जिन पासियों और खटिकों ने इनके चुनाव में अंतिम समय तक लगे रहें सांसद बनने के बाद उनको भूल गए।
विनोद के इसी खराब होती स्थिति को देखतें हुए बीजेपी ने इनका टिकट काट दिए थें , लेकिन अमित शाह को बड़ी मशक्कत के बाद मनाने में कामयाब हो गए और पुनः टिकट बहाल कराकर चुनावी मैदान में हैं । लेकिन इस बार इनके पुराने समर्थक बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ मोर्चा खोलें हुए हैं।
यहां तक कई कई गांवों में तो इन्हें घुसने भी नही दिया गया। जिसकी चर्चा मीडिया जगत होती रहीं हैं। चुनाव प्रचार के दौरान इनके बदजुबानी के चलते ही कुंडा में कुछ दिन पहले जनसत्ता दल के समर्थकों के साथ झड़प भी हुई थीं।
ग्राउंड रिपोर्ट से पता चला कि संसद रहते दलित उत्पीड़न की घटनाओं में हमेशा लीपापोती करते रहें हैं। उसमें भी पीड़ित अगर पासी है तो संसद महोदय विपक्षीगणों की मदत करने में स्वंय की प्रतिष्ठा दांव पर लगा देते थें।यह कहकर की पासी हमको वोट नही करता हैं।
इस बार पासी-खटिक समाज इनके इस दुर्ब्यावहार से ग़ुस्से में हैं, और सांसद जी के बदजुबानी से भी कौशाम्बी का भाजपाई मतदाता नाराज़ हैं। यहीं भाषा गठबंधन के प्रत्याशी इंद्रजीत सरोज का भी हैं। अचार संहिता के उल्लंघन में इनपर आयोग दो बार नोटिस जारी कर चुका हैं।
जिसका फ़ायदा सीधे और सरल प्रत्याशी गिरीश पासी, पूर्व सांसद शैलेन्द्र कुमार को मिल सकता हैं। गिरीश इस बार कांग्रेस के पंजे निशान पर चुनावी मैदान में हैं। तो शैलेंद्र राजा भईया की पार्टी जनसत्ता के उम्मीदवार हैं।