देश में एका आंदोलन व मदारी पासी पर चर्चा जारी है

● अजय प्रकाश सरोज आज सुबह का खबर खोला सोचा कि, कर्नाटक के चुनाव में एग्जिट पोल का मुयायना किया जाए । अक्सर मैं एक बार सरसरी तौर पर अखबार कि हर पेज को परख लेता हूं । उसके बाद ध्यान से पढ़ता हूं । जैसे हिंदुस्तान अखबार के 15वें पेज (इलाहाबाद प्रकाशन) पर गया ,एक आंदोलन की एक बड़ी रिपोर्ट छपी थी। अचानक मन प्रफुल्लित व उत्सुक हो उठा यह स्वाभाविक तौर पर होता है कि जिस काम को आप कर रहें हो उसमें कोई बढोत्तरी हो तो मन उत्साहित हो उठता है। जिस इतिहास को नजर अंदाज किया गया अब वह अपने मुकाम पर है। अंग्रेजों के ख़िलाफ़ किसानों व मजलुमो के हक़ के लिए छेड़ा गया यह आन्दोलन जिसे देश के इतिहासकारों ने साजिश कर भुलाने की कोशिश की थीं। लेकिन हीरे को कितना भी कोयले में दबाया जाय एक दिन वह बाहर आ ही जाता है।

समाज में मील का पत्थर साबित हुई श्री पासी सत्ता पत्रिका ने लगातार इस आंदोलन पर लिखकर मुद्दा उठाता रहा है। पिछले ही वर्ष मई में श्री पासी सत्ता ने मदारी पासी पर विशेषांक प्रकाशित किया था। जिसकी चर्चा पूरे देश में पासी समाज के बुद्धिजीवियों के अलावा अनुसूचित समुदाय के बीच हुई । जल्द ही पूरे देश के साहित्यकारों ,पत्रकारों ने इस पर अध्ययन शुरू किया ।

दिल्ली से प्रकाशित दलित दस्तक व दलित अस्मिता नामक पत्रिका ने भी मदारी पासी पर विशेषांक निकालकर बौद्धिक जगत का ध्यान आकषर्ण किया । जेएनयू दिल्ली सहित कई विश्वविद्यालयों में सेमिनार व परिचर्चा शुरू हुई। कई किताबें प्रकाशित हुई’ अवध का किसान विद्रोह’ नाम से इतिहासकार सुभाष चंद्र कुशवाहा ने एका आंदोलन पर ऐतिहासिक तथ्यों के साथ पुस्तक लिखा जिसे राज कमल प्रकाशन ने प्रकाशित किया है । उन्ही की पुस्तक से हिंदुस्तान दैनिक अखबार ने अपने 13वें पेज ‘शब्द’ पर अपना रिपोर्ट छापा है ।

हालांकि मादरी पासी के आजीवन संघर्ष और एका आंदोलन का पूरा वर्णन तो नही है । फिर भी काफी कुछ है। जिसे पढ़कर मन खुश हो रहा है। आप भी पढ़िये , आंदोलन को बिस्तार से पढ़ने के लिए इंतजार कीजिये झाँसी के रहने वाले देश के प्रसिद्ध उपन्यासकार व कथाकार बृजमोहन जी का आने वाला उपन्यास जो एका आंदोलन व मदारी पासी के जीवन पर आधारित है। पूरे देश इस विषय चर्चा जारी है। इस उपलब्धि में पासी समाज के प्रथम आईपीएस (रिटायर्ड) राम प्रकाश सरोज, इतिहासकार रामदयाल वर्मा, राजकुमार इतिहासकार ,नवल किशोर सिद्धार्थ के साथ प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ0 सीबी भारती का बड़ा योगदान रहा है –

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