लखनऊ : कई दिनो से फेसबुक पर इजी.नीतिश पासी द्वारा पोस्ट की गई महाराजा कल्याण मणि पासी की जर्जर स्मारक को देखा जा रहा है । लेकिन यकीं नहीं हो रहा था कि यह हमारे पूर्वजों का शहर है। बेढंग तरह से बने इस प्रतिमा को देखकर गुस्सा सातवे आसमान पर था ।
उन सरकारों पर ज्यादा गुस्सा आया जिनके कार्यकाल में प्रतिमाओं और पार्को का जबरदस्त काम किया गया। लगा की किस तरीके से लोग अपनी अपनी सरकारो मे सिर्फ अपने अपने महापुरुषों की मूर्ति स्थापना करते है । लेकिन पासी समाज की पहले से बनाई गई मूर्तिया व किले खंडहरो मे तब्दील या धीरे धीरे नष्ट हो रहे हैं। इसकी देख भाल के लिए शासन की तरफ से किसी प्रकार की जिम्मेदारी नहीं निभाई जा रही हैं। नीतिश जी से मिली जानकारी के अनुसार ‘
महाराजा कल्याण मणि पासी जी जो (बिजली पासी के समकक्ष) का किला लखनऊ, कल्ली पश्चिम में आज टीले के रूप में ही शेष बचा है इनके किले मे पासी रत्न रामलखन पासी के प्रेरणा से १५ अगस्त २००१ मे स्थापना की गई थी । लक्ष्मी प्रसाद रावत जैसे कई जुझारू समाज सेवियो का नाम शिलापट पर दर्ज है । उनके टीले में अब शिव जी का मंदिर बना है, यह किला SGPGI से मोहनलाल गंज की तरफ जाने पर PGI से 5 से 6 KM की दूरी पर जाने में दायी तरफ पड़ता है।
यहा पासी समाज के समृद्ध लोग लखनऊ में रहते है जिनमे विधायक और सांसद भी शामिल है लेकिन पासियों की विरासत की शुध लेने वाला कोई नही वहा लगभग 80% पासी की जनसंख्या रहती है फिर भी यह हाल है स्मारक का यह कही ना कही हम लोगो की जागरुकता की भी कमी है या समाज के प्रति झुकाव नही है ।
बहुत अच्छा लगा की मेरी थोड़ी सी मेहनत रंग लाई
श्री पासी सत्ता मैगजीन का बहुत शुक्रिया अपनी मैगजीन में इस आवाज को समाज में उठाने के लिए
कृपया सभी पासी बंधुवर और समाजसेवी कल्याण मणि पासी जी के किले में उनकी बड़ी प्रतिमा स्थापित और किले की घेरा बंदी कराने की कृपया करें