(शहीद ओम प्रकाश पासवान जी अपने पुत्र कमलेश और विमलेश पासवान के साथ)
गोरखपुर : पूर्व विधायक ओम प्रकाश पासवान के छोटे बेटे और बीजेपी के संसद कमलेश पासवान के भाई विमलेश पासवान भी भाजपा के टिकट पर विधान सभा पँहुच गये है। 36 साल के युवा विमलेश ब्लॉक प्रमुख रहते हुए विधान सभा का चुनाव ज़ीतने में सफल हुए है।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज से लेक्चररशिप की नौकरी छोड़ डॉ विमलेश पासवान ने अभी संपन्न हुए विधान सभा के चुनाव में जिले की बांसगांव विधान सभा की सीट जीत ली है। यह सीट इनके परिवार की परंपरागत सीट मानी जाती है ।
गौरतलब है की पूर्वांचल में लोकप्रिय व दबंग नेता पूर्व विधायक ओम प्रकाश पासवान की बम मारकर हत्या कर दी गई थी। पिता की हत्या के वक्त विमलेश की उम्र 14 साल थी और दिल्ली में पढ़ाई करते थे और उसके बाद वह गोरखपुर में ही पढ़ाई शुरू कर दिए।
पासवान जी की हत्या के बाद उनकी माँ सुभावती पासवान को जनता ने सहानुभूति लहर में सत्ता सौंपी। साथ ही चाचा चंद्रेश पासवान भी मानीराम विधान सभा से विधायक चुनकर सत्ता के गलियारे में भेजा। विमलेश पासवान ने किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ से एमडीएमएस (मैक्सिलो फेशियल सर्जन) किया है।
माँ के राजनीतिक सन्यास के बाद उनके बड़े भाई कमलेश पासवान बांसगांव से बीजेपी से दो बार से सांसद हैं, जबकि मां सुभावती भी विधायक रह चुकी हैं। ऐसे में लाज़मी है कि जब पूरा कुनबा ही राजनितिक रहा हो तो एक बेटा क्यों न राजनीतिक ककहरा पढ़ेगा।
विमिलेश की पत्नी डॉक्टर मोहिता पासवान भी जबलपुर मेडिकल कालेज से बी डी एस कर दन्त चिकित्सा के पेशे से जुडी है और अपने आवास में ही क्लीनिक चलाती है।
विमलेश पासवान राजनितिक रूप से काफी समृद्ध है। उनके पिता ओम प्रकाश पासवान 1979 से लेकर दस वर्षो तक लगातार चरगांवा ब्लाक के प्रमुख थे। यही से उनका राजनीतिक सफ़र गोरक्षनाथ मंदिर के साये में रहकर मानीराम विधानसभा क्षेत्र से 1989-1991 और 1993 में लगातार विधायक और 1996 में सपा के बैंनर तले सांसदी का सफ़र शुरू हुआ। जहां 1996 में बांसगांव से लोकसभा चुनाव में सभा के दौरान बांसगांव क्षेत्र में कुख्यात अपराधी राकेश यादव ने बम मारकर उनकी हत्या कर दी थी। पासी समाज में जन्मे अमर शहीद ओम प्रकाश जी का परिवार राजनीतिक रूप से जनता की सेवा करने में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। गरीबो के मशीहा ओम प्रकाश का 25 मार्च को 21 पुण्यतिथि मनाई गयी । उनके पूण्य तिथि पर नमन