आज इलाहाबाद के लोक निर्माण विभाग इंजीनियर संघ भवन में उत्तर प्रदेश में हो रहे दलित उत्पीड़न हत्या एवं बढ़ते अपराध के खिलाफ इलाहाबाद के आंदोलनकारियों ने प्रतिरोध सभा का आयोजन किया ।
इस अवसर पर रायबरेली से चलकर आए राष्ट्रीय भागीदारी मिशन के संयोजक सुशील पासी बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए । उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में दलितों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं यह एक जातिय मसला है जो लोग कहते हैं कि घटना जाति का मसला नहीं है झूठ बोलते हैं। अगर जाति का मसला होता तो बाबासाहेब आंबेडकर संविधान में जातीय उत्पीड़न और अनुसूचित जाति आयोग जैसे प्रावधानों का उल्लेख ना किये होते। जाति उत्पीड़न और हमले को लेकर के बाबा साहब अंबेडकर बहुत पहले से ही सजग थे । वह जानते थे कि इस देश में सदियों से दबे कुचले उत्पीड़ित व शोषित समुदाय के ऊपर जिस तरीके से अत्याचार हुए हैं वह इतनी जल्दी जाने वाला नहीं है । इसलिए उन्होंने दलित शोषित पीड़ित जातियों के लिए संवैधानिक रूप से सुरक्षा के प्रावधान किए हैं । उन्होंने आगे कहा कि अगर जाति का मसला ना होता तो जस्टिस कर्णन जेल न गए होते । सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीशों ने भी है न्यायपालिका के विरुद्ध आकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया अगर यह जाति भेदभाव का मसला ना होता तो न्यायपालिका के विरुद्ध प्रेस कॉन्फ्रेंस करके 4 जजों ने जो आरोप लगाए उसके खिलाफ न्यायपालिका को उनको भी जेल में डालने का काम किया होता । लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि जस्टिस कर्णन अनुसूचित समुदाय के थे इसलिए उनका प्रश्न उठाना प्रभाववादी शक्तियों को नहीं पचा इसलिए उनको जेल में डाला गया। मुख्यवक्ता के रूप में कामरेड राम सागर जी ने कहां की इलाहाबाद की सरजमीं पर इस तरीके से अमान्य घटनाओं का होना बहुत ही दुखद था जिस तरीके से दिलीप सरोज की निर्मम तरीके से हत्या हुई और कहीं न कहीं ब्राह्मणवादी मानसिकता के लोगों को बीमार होने का प्रमाण देता है । रोजी रोजी रोटी बचाओ मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अनु सिंह ने कहा कि दलितों और महिलाओं के ऊपर अत्याचार की घटनाएं हमेशा से होती चली आ रही हैं इसका प्रतिरोध करना बहुत ही जरूरी है क्योंकि अब यह सब बर्दाश्त के बाहर हो गया है। श्रीपासीसत्ता पत्रिका के संपादक व आंदोलनकारी अजय प्रकाश सरोज सरोज ने कहा कि जो लोग दिलीप सरोज की हत्या करके यह संदेश देने की कोशिश किए हैं कि स्वाभिमान से जीने वाले युवाओं की इसी तरीके से हत्या होगी उन्हें यह बता देना चाहते हैं कि यह पासी समुदाय अंग्रेजों की जरायमपेशा एक्ट को भी सहा है उनके अत्याचार को सहकर भी अंग्रेजों से कभी समझौता नहीं किया उनके उनके सामने घुटने नहीं टेके । यह समुदाय हमेशा अन्याय के विरुद्ध लड़ा है और हमेशा लड़ता रहेगा । सामंतवादी ब्राह्मणवादी शक्तियों के सामने झुकने वाला नही है। जब जब जुल्म अत्याचार होगा पासी समुदाय समाज के लिए हमेशा अपना खून बहाने के लिए तैयार रहेगा लेकिन फांसीवादी शक्तियों को पनपने नहीं देगा। इस कार्यक्रम संचालक नीरज पासी ने कहा कि प्रदेश में बढ़ा रहे हत्याओं के खिलाफ प्रदेश स्तरीय आंदोलन छेड़ा जाएगा। इस अवसर पर वीर भोग्या वसुंधरा संघ प्रमुख संजीव पुरुषार्थी धर्मेंद्र भारती असिस्टेंट प्रोफेसर , प्रबुद्ध वादी बहुजन मोर्चा के लाला राम सरोज , सुनील मौर्य , प्रमोद भारती , अजीत भारती , अतुल पासी, कर्मचारी नेता राजू पासी, विमल साहित्य के प्रकाशक चंद्रसेन विमल , पासी परिवार के नरेंद्र पासी ,आलोक रंजन, डीसी हास्टल से सुनील सरोज, विमलेश, छात्र नेता दिनेश चौधरी , सुनील यादव ,एडवोकेट हाईकोर्ट के एमपी पाल ,रामप्रवेश पासी, संजय पासी, अच्छेलाल सरोज मदन सरोज ,राम मनोरथ सरोज ,विभाकर भारती आदि लोग परिचर्चा में शामिल होकर प्रतिरोध जताया। सभी लोगों ने एक स्वर में कहा कि जगन अपराध के खिलाफ हम एकजुट होकर के ज़ुल्मी सरकार के खिलाफ प्रदेश स्तरीय आंदोलन करेंगे।