पासी समाज में जन्में महान समाज सुधारक “पेरियार सन्त सुकई दास परमहंस साहेब” के परम् शिष्य “सन्त ज्ञानदास साहेब” से आज इलाहाबाद में मिलना हुआ । उनसे सामाजिक रीतिरिवाजों से सम्बंधित कई मसलों पर चर्चा हुई।
सन्त जी समाज मे ब्याप्त ब्राह्मणवाद पाखण्डवाद को समूल नष्ट करने के तरीकों पर गंभीरता से अपना पक्ष रखा । सन्त ज्ञान दास साहेब का जन्म 21 मार्च 1944 में नई सड़क बाराबंकी में हुआ । 18 वर्ष की अल्पायु में ही आप सामाजिक परिवर्तन के नायक सन्त सुकई दास जी के शरण में आकर समाज सुधार में लग गए ।
आप अविवाहित रहकर दलितों – पिछड़ो के समाज मे ब्याप्त कुरूतियों तथा अंधविश्वास ,पाखण्ड के खिलाफ अभियान चला रहे हैं । इनके साथ अन्य कई सन्त अविवाहित रहकर आपमे गुरु सन्त सुकई दास के विचारों को समाज में फ़ैलाने के लिए प्रचार प्रसार कर रहे है।