वीरांगना उदा देवी पासी कि प्रतिमा को भूमाफियाओ ने तोडा। प्रशासन कर रहा है मदद । मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यालय से नहीं हुई कोई कार्यवाही
लखनऊ :कौन थी वीरांगना उदा देवी –सिकंदर बाग लखनऊ जहां उदा देवी ने 36 ब्रिटिश सैनिकों को मार गिराया और वीरगति को प्राप्त हुईं
ऊदा देवी 16 नवम्बर 1857 को 36 अंग्रेज़ सैनिकों को मौत के घाट उतारकर वीरगति को प्राप्त हुई थीं। ब्रिटिश सैनिकों ने उन्हें जब वो पेड़ से उतर रही थीं तब गोली मार दी थी। उसके बाद जब ब्रिटिश लोगों ने जब बाग़ में प्रवेश किया तो उन्होने ऊदा देवी का पूरा शरीर गोलियों से छलनी कर दिया। इस लड़ाई का स्मरण कराती ऊदा देवी की एक मूर्ति सिकन्दर बाग़ परिसर में कुछ ही वर्ष पूर्व स्थापित की गयी है।
चँदीपूरवा नौबस्ता स्थित वीरांगना ऊदा देवी पासी सार्वजनिक पार्क मे स्थित वीरांगना ऊदा देवी की मूर्ति को प्रशासन ने तुड़वा दिया और उस मूर्ति को उठवाकर कर फिकवा दिया जब इसके विरोध मे स्थानीय लोगो तथा समाज के लोगो ने विरोध किया तो पुलिस ने उनपर लाठी चार्ज किया एवं मौके पे पहुँचे कुछ पत्रकारो ने जब जानकारी लेनी चाही तो उनका कैमरा तोड़ दिया गया और उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया गया और उन्हे बुरी तरह से मारा पीटा गया यह पार्क लगभग ३० वर्ष पूर्व पासी समाज के लोगो ने स्थापित करवाया था और यह ज़मीन भी पासी समाज की ही है| जिसमे आज तक सार्वजनिक कार्यक्रम जैसे शादी विवाह इत्यादि के उत्सव हुआ करते थे| इस पार्क मे स्थित मूर्ति को तोड़ने से पहले प्रशासन ने कोई भी सूचना नही दी थी और जब स्थानीय लोगो ने जब सूचना की माँग की तो उन्हे सूचना देने से साफ इनकार कर दिया गया यह प्रशासन की तरफ से एक असंवेदनशील कृत्य है जिससे जनता मे इसको लेकर आक्रोश है और इसमे सैकड़ो लोग एकत्रित हो गये और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की स्थानीय जनता का कहना है कि मूर्ति के साथ जो व्यवहार किया गया उससे उन लोगो के आत्मसम्मान को बहुत ठेस पहुची है और वह मौजूद ऐ सी एम पंचम तथा अधिशाषी अभियंता उत्तर प्रदेश आवास विकास प्रमोद कुमार ने कहा की मूर्ति माननीय उच्च न्यायलय के आदेश से तोड़ रहे है पासी प्रगति संस्थान के पदाधिकारियो ने आदेश की प्रति मांगी तो देने से साफ़ मना कर दिया यह सोची समझी साज़िश वहाँ के बहु माफियाओ द्वारा करवाया गया जिसमे कुछ भ्रस्ट अधिकारियो ने पूरा साथ दिया है पासी समाज तथा अन्य क्षेत्रीय लोगो में जबरदस्त आक्रोश है।
इस प्रकरण के पीछे कौन लोग है ……………………
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीरांगना उदा देवी की प्रतिमा तोड़ कर कब्जे का प्रयास कर रहे है उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद् के योजन संख्या 18 हंस पुरम के अधिसशी अभियंता प्रबोध कुमार ने खसरा संख्या 1233 जो कि ग्राम समाज कि भूमि हैं को खसरा संख्या 1232 बताकर के रमाकांत गुप्ता को दे दी इस सम्बन्ध में जब सामाजिक संस्था पासी प्रगति संस्थान ने उच्च न्यायालय में अपील कि तो न्यायलय से आदेश मिला कि पुनः सिमंकत कर प्रकरण को निस्तारित किया जाये | परन्तु प्रबोध कुमार ने कोई भी जाँच नहीं करवाई और उस जमीन को 1232 बता दिया इस प्रकरण में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को जब पत्र लिखा गया तो वहा से कार्यवाही का अस्वासन मिला परन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई | इस घटना से समस्त दलित समाज में जबरदस्त आक्रोश है और क्षेत्रीय जनता ने कहा कि भुमफियाओं को सरकार मदद कर रही है |और जमीन पर अवैध तरीके से कब्ज़ा करके समस्त बहुजन समुदाय के साथ अन्याय कर रही है |
मुख्यमंत्री कार्यालय से पासी प्रगति संस्थान के पदाधिकारियों को फ़ोन आया कि जल्द कार्यवाही होगी | परन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई है |