देर रात जेएनयू के आये चुनाव परिणामो में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री, संयुक्त मंत्री के पद पर वामपंथ (लेफ्ट ) के प्रत्याशियों ने भारी बहुमत से जीत हासिल कर लिया है।
प्रेसीडेंट पद पर गीता कुमारी ने, वाइस प्रेसीडेंट पद पर सिमोन जोया खान, जेनरल सेक्रेटरी पद पर दुग्गीराला श्रीकृष्ण एवं ज्वाइंट सेक्रेटरी पद पर शुभांशु सिंह ने जीत दर्ज की है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का पूरा पैनल परास्त हो चुका है , वही इस छात्रसंघ चुनाव में एक उभरता हुआ दलित छात्र संगठन बापसा (Bapsa) बिरसा आम्बेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने भी बेहतर प्रदर्शन किया और इस चुनाव के सभी पद के परिणाम में तीसरे और संयुक्त सचिव के पद के लिए चुनाव परिणामो में दुसरे स्थान पर आकर एबीवीपी को भी पछाड़ दिया ।
वही कल देर रात में कुछ बीजेपी और संघ के लोग अपने संगठन एबीवीपी के जितने की खुशिया मना रहे थे और अपनी ख़ुशी सोशल साइट्स पर व्यक्त कर रहे थे देर रात से कुछ संघी लोग जेएनयू में जीतने का दावा करते हुए मन मे फुलझड़ियां उड़ा रहे थे । कैलाश विजयवर्गीय जी तो बाकायदे ट्विटर पर बधाई देते हुए मन ही मन लड्डू हुए जा रहे थे ऐसे ही झूठ को सच बनाने का कारखाना ये आरएसएस और बीजेपी के लोग खोल करके झूठ को सच बनाने के अपने उत्पाद को बेच डालते हैं ,
विशेष खबर
- कुल 4620 विधार्थियों ने किया मतदान ,अध्यक्ष पद पर 127 ने नोटा का उपयोग किया ,20 वोट खाली पड़े , और 50 वोट अमान्य हो गये
- अध्यक्ष पद पर बापसा ने तीसरे स्थान पर आकर एबीवीपी को दी जोरदार टक्करए
- आईएसएफ की अपराजिता राजा अध्यक्ष पद के लिए 500 वोट भी नही ला सकी , जबकि पूर्व अध्यक्ष कन्हैया ने जमकर प्रचार किया था
जीत के बाद लेफ्ट की अध्यक्ष गीता कुमारी ने जित का श्रेय कैंपस के छात्रो को दिया और कहा की जिस तरह से कैंपस में अटैक बाधा है , उससे हमारा संघर्ष मजबूत हुआ है इस संघर्ष में साथ देने वाले साथियो को सलाम करते हुए मै विचारधारा से हटकर सभी विधार्थियों के लिये काम करुँगी , वही दुसरे स्थान पर रही एबीवीपी की निधि त्रिपाठी ने कहा की हम जनमत को स्वीकार करते है .