इलाहाबाद। रविवार। समाज के दलितों, शोषितों व वंचितों के अधिकार की आवाज बुलंद करने वाले बहुजन मिशनरी नेता श्री आर के चौधरी ने हिन्दुस्तानी एकडमी हाॅल में आयोजित BSEF के एक दिवसीय कैडर प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आर्यों के आगमन से पूर्व भारत सोने की चिड़िया था। यहाँ दूध-दही की नदियां बहा करती थी, लोग बहुत संपन्न हुआ करते थे। समाज में उत्तम शासन व्यवस्था थी। तब न कोई सवर्ण था और न कोई शूद्र ….!! आर्यों ने ही आ कर यहाँ के लोगों को दास बनाया और ऊँच-नीच पैदा किया, समाज में व्याप्त समता को विषमता में बदल कर तमाम समस्याओं को उत्पन्न किया।
श्री चौधरी जी ने अपने तीन घंटे के प्रशिक्षण संबोधन में विस्तार से भारतीय सामजिक व्यवस्था का विद्वतापूर्ण विश्लेषण करते हुए बताया कि वैदिककाल में पैदा की गयी सामजिक विषमता सल्तनतकाल तक जारी रही। व्यवस्था में सुधार बौद्धकाल से शुरू हुआ और ब्रिटिशकाल में तेज गति पकड़ी व आजादी के बाद संवैधानिक व्यवस्था लागू होने पर सबको समान अधिकार प्राप्त हुए। फिर भी पुरातनपंथी आज भी मानसिक छुआछूत से मुक्त नहीं हो पाए हैं। आरक्षण के प्रति ऐसे लोग आए दिन उग्र आन्दोलन की धमकी देते रहते हैं।
श्री चौधरी जी ने संयुक राज्य अमेरिका में 27.5% अश्वेतों का उदाहरण देते हुए बताया कि अफ्रीकी महाद्वीपीय देशों से दास के रूप में लाए गए अश्वेत आज अपने संघर्षों के बल पर वहाँ की व्यवस्था में हर जगह अपना ससम्मान अधिकार पा लिए हैं। वहीं भारत में बाहर से आए 15% आर्यों ने यहाँ के मूल नागरिकों के समस्त अधिकार छीन कर उन्हें दास बना दिये थे, जिसके लिए दलित मसीहा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने कड़ा संघर्ष कर वंचितों को अधिकार दिलाया।
कार्यक्रम का सफल संचालन लखनऊ से आए वरिष्ठ बहुजन मिशनरी साथी श्री रामयश विक्रम जी ने किया। उपस्थित गणमान्य साथियों में सर्वश्री राम सूचित भारतीय, भानु प्रकाश , गौरी शंकर, इंद्रेश सोनकर,बसन्त लाल , अजय प्रकाश सरोज, संजीव कुमार ,धर्मेंद्र भारतीय, संजीव चौधरी, सरोज योगी, अच्छेलाल सरोज, कु० रागिनी सरोज,राजू पासी , हीरा लाल, पासी सतीश, उमाशंकर सरोज, सत्य प्रकाश सरोज, संतोष कुमार, सिद्धार्थ सोनकर, बड़े लाल , राजेश कुमार सरोज , रमेश पासी , आरपी सरोज , राजबहादुर सरोज, रामजी विश्वकर्मा, श्री मनोज गौतम, अर्जुन कनौजिया, रवि गौतम व डा० सुभाष पासी आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट– सतीश पासी इलाहाबाद।