तेजस्वी यादव का इस्तीफा चाहिए? ठीक है, पर नरोत्तम मिश्रा को तो मंत्री पद से हटा दीजिए न. आरोप साबित हो गए हैं। कदाचारी साबित हुए हैं। विधायकी चली गई है। बहुत बदनामी हो रही है।
*-देखिए, वो मामला अलग है।
-तो सुषमा स्वराज को ही हटा दीजिए, ललित मोदी की हेल्पर हैं। उनकी बेटी ललित मोदी की वकील हैं। सुषमा ने इस भगोड़े के लिए सिफारिशी चिट्ठी लिखी थी।
*-वो मामला भिन्न है।
-वसुंधरा को ही देख लेते..वो भी ललित की हेल्पर हैं। वसुंधरा के बेटे की कंपनी में ललित का इनवेस्टमेंट है। ललित मान चुका है कि वह वसुंधरा का साथी है।
*-वो भी मामला जुदा ही है।
-डीडीसीए वाले मामले पर आपके ही सांसद कीर्ति आजाद ने अरुण जेटली जी के बारे में कुछ गंभीर आरोप लगाए हैं। माल्या को भी उन्होंने ही भगाया है…
*-वो मामला तो “उलटा” ही है।
-येल यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट करने वाली ईरानी मैम का तो बनता है..
*-वो मामला तो एकदम ही “अनरिलेटेड” है। कुछौ रिलेशन हो तो बताइए, सिर काटकर चरणों में रख देंगे।
-तो मंत्री निहालचंद तो बलात्कार के मामले में फंसा है. कम से कम उसे तो.
*-वो मामला तो डिफरेंट है।
-व्यापम और डंपर घोटाले वाले शिवराज को. इतने लोग मार डाले गए व्यापम में।
*-वो मामला तो एकदम अलहदा है।
– पर, रमन सिंह तो धान-नान घोटाले के साथ-साथ न जाने कितने आदिवासियों को खाए बैठे हैं…
*-वो मामला तो मुख्तलिफ है।
-गडकरी जी तो साफ-साफ घोटाला किए, ड्राइवर को डायरेक्टर दिखाया..पूर्ति घोटाला तो उन्हीं का किया है न। सिंचाई स्कैम भी उसके सिर पर है। .
*- वो मामला तो अलग किस्म का है।
– जोगी ठाकुर आदित्यनाथ पर तो इतने केस हैं कि गिन ही नहीं सकते। अटैंप्ट टू मर्डर भी लगा है। उनकी अपनी एफिडेविट देख लीजिए..
*-वो मामला तो स्पेशल है
-उनके डिप्टी केशव मौर्या पर तो मर्डर तक का..
*-इसमें उसमें फर्क है
-खुद साहब पर भी तो दंगों समेत न जाने कितने केस में हैं। अनार पटेल को 400 एकड़ जमीन 92% डिस्काउंट में दे दी. सहारा डायरी में साहब के पैसा लेने का तो प्रमाण भी है. अडानी का प्लेन भी चुनाव में खूब उड़ाया था….
*वो तो मामला ही उस प्रकार का है. ..
देखिए.. ये सब छोड़िए..केवल तेजस्वी का इस्तीफा दिलाने से सब हो जाएगा। वो क्या है कि एक तरफ ये अकेला है..दूसरी तरफ इतनी लंबी फौज. एक तराजू पर तेजस्वी है..दूसरी पर ये सारे..
अब इतने सारे लोगों को इस्तीफा कराएंगे तो दिक्कत हो जाएगी न..इसलिए केवल तेजस्वी ही इस्तीफा दे दे तो उससे ही राजनीति स्वच्छ मान ली जाएगी। इससे क्या फर्क पड़ता है कि उस पर 2006 का एक केस हमने लगवाया है, जब उसकी उम्र यही कोई 13-14 साल रही होगी. क्रिकेट खेलता था शायद वह बच्चा.
-Mahendra Yadav