पीएम मोदी अपने भाषणों और मन की बात में देश के खिलाडियों , और एथलीटों की बात जरूर करते है । और विदेशो में भारत की छवि ठीक करने पर कुछ ख़ास ही ध्यान देते है । लेकिन मोदी सरकार के खेल मंत्रालय, अथॉरिटी और सिस्टम की गलती और लापरवाही के चलते भारत को विदेश में शर्मसार तो होना ही पड़ा तथा साथ ही साथ इन सब गलतियों का खामियाजा भारत की बेटी पैरा एथलीट कंचनमला पाण्डे को भूखे रहकर और टिकट के लिए पैसे न रहने पर भीख मांगकर भुगतना पड़ा । यह कितनी शर्म की बात है किसी देश के लिए की उस देश के लिए खेलने गयी खिलाडी को विदेशो में खाने और घूमने के लिए भीख माँगना पड़े।
दरअसल बर्लिन में आयोजित वर्ल्ड पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में भारत की तरफ से प्रतिभाग करने वाली पैराएथलीट कंचनमाला पांडे को पैसों के अभाव में बर्लिन में भीख मांगने को मजबूर होना पड़ा। कंचनमाला और पांच अन्य पैरा एथलीट्स को जर्मनी पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए भेजा गया था। लेकिन सरकार द्वारा भेजी गई सहायता राशि उन तक नहीं पहुंची। पैसा न होने के कारण उन्हें अनजान शहर में भीख मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा। जैसे ही ये खबर भारत पहुंची खेल प्रेमियों के साथ ही देश के लोगों ने सिस्टम के खिलाफ खूब गुस्सा निकाला। वही इस मामले में खेल मंत्रालय ने जांच के आदेश दिये हैं ।
“वहीं इस पूरे मसले पर कंचनमाला ने कहा कि ‘बर्लिन की यात्रा को सरकार ने मंजूरी दे दी थी।’ भारत की पैरालंपिक समिति (पीसीआई) ने हमें बताया कि वे पैसे नहीं दे सकते क्योंकि उनके खाते को रोक दिया गया है और हमें अपना पैसा खर्च करना है। उन्होंने कहा कि ‘मैं एक ट्राम में यात्रा कर रही थी। ट्राम में यात्रा करने के लिए, एक पास की जरूरत थी, जो मेरे कोच की जिम्मेदारी थी, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। कंचनमाला ने कहा कि उन पर बिना टिकट यात्रा करने के लिये जुर्माना भी लगाया गया। लेकिन जुर्माना देने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे, ऐसे में उन्हें अपनी एक दोस्त से पैसा लेने के लिये बाध्य होना पड़ा । हालांकि इन हालातों में भी कंचन और सुयाश जाधव ने हार नहीं मानी और दोनों ने देश के लिए सिल्वर मेडल जीता और वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई किया।
दोषी कौन जाँच का विषय
जवाब में खेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वह जानकारी ले रहें है कि परेशानी कहां हुई? उन्होंने लिखा ‘हमने पीसीआई को फंड दे दिया था। ‘फिलहाल खिलाड़ियों के साथ हुई इस अनदेखी के लिए पीसीआई ने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया को दोषी ठहराया। वहीं स्पोर्ट्स अथॉरेटी पीसीआई को इस गलती का जिम्मेदार मान रही है। दरअसल खिलाडियों की विदेश में इस तरह हुई परेशानियो की ख़ास वजह खेल मंत्रालय , पीसीआई , और सिस्टम व् अथॉरिटी की लापरवाही है साथ ही साथ वे लोग भी दोषी है जो सरकारी खर्चे पर खेल के नाम पर ऐश मौज करते है लेकिन खिलाडीयो की मुलभुत जरुरतो पर ध्यान नही देते । इस मामले की जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि देश को मैडल दिलाकर सम्मान दिलाने वाले खिलाडीयो को पैसे के आभाव में विदेश में भिख मांगने जैसा शर्मनाक काम न करना पड़े ।