लखनऊ :- उत्तरप्रदेश की योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने गाजीपुर के जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री को हटाने की मांग की है । राजभर ने डीएम की कार्यशैली को गलत बताते हुए उन पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया है । उन्होंने ये भी कहा है की अगर उनकी मांग न मानी गयी तो वो कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा देकर गाजीपुर में धरने पर बैठेंगे । ओमप्रकाश राजभर योगी सरकार की कैबिनेट में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री है तथा गाजीपुर के जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक है । ओमप्रकाश राजभर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष है तथा इनकी पार्टी के चार विधायक है । इनकी पार्टी के चार बिधायक है तथा यूपी सरकार में बीजेपी के सहयोगी दल है । एक बड़ा बयान देते हुये उन्होंने कहा की मुझे मंत्री पद का कोई लालच नही अगर पिछडो , दलितों के साथ अनदेखी होती है तो दो मिनट में इस्तीफा दे दूंगा ।
पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राजभर ने बताया की उन्होंने जिलाधिकारी को 19 समस्याओं की सूची सौंपी। मगर डीएम की तरफ से किसी भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा उन्होंने डीएम के दबाव में अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज किए जाने का भी आरोप लगाया। राजभर का आरोप है कि डीएम जिले में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। जनता की शिकायतों का समाधान नहीं किया जा रहा। जमीन संबंधी कई विवाद डीएम के यहां लंबित हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही।
आज सीएम से मिलेंगे राजभर ।
डीएम को हटाने की अपनी मांग न माने जाने पर इस्तीफा देने की बात करने पर ओमप्रकाश राजभर को सीएम योगी में आज मिलने को बुलाया है । इस पर राजभर का कहना है की योगी जी हमारी टीम के कप्तान है देखते है क्या निर्देश देते है ।फिर भी इशारो इशारो में ही उन्होंने बताया की कल से गाजीपुर में जाना है ।
विवादों में रहते है राजभर ।
पिछले दिनों अपने दिए एक विवादित बयान के चलते ओमप्रकाश राजभर मीडिया और सोशल मीडिया में खूब छाये रहे । दरअसल पासी महाराजा सुहेलदेव पासी को उन्होंने अपने एक बयान में राजभर बता दिया था जबकि पहले यही राजभर पासी समाज के समारोहों में महाराजा सुहेलदेव पासी की प्रतिमा स्थापित करने की बात कहा करते थे। महाराजा सुहेलदेव पासी को राजभर बताने वाला बयान उन्होंने उस समय दिया जब खुद यूपी के सीएम योगी भी महाराजा सुहेलदेव पासी की वीरता भरी इतिहास को यूपी के पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कह चुके है। ओमप्रकाश राजभर के इस बयांन की पासी समाज द्वारा तीव्र आलोचना किया गया और बयान वापस न लेने पर प्रदर्शन करने की भी योजना बनी । इस बयांन की सोशल मीडिया फेसबुक पर भी जमकर विरोध किया गया ।