मानुवाद का मुख्य सिध्दांत 


ब्राह्मणवाद एक ऐसी खतरनाक मानसिक बीमारी के रूप में देश में देखा जाना चाहिए। जब से ब्राह्मणवाद वाजूद में आया है। देश की प्रगति रूक गई है। देश कई बार गुलामी का दंश झेल चुका है। देश के टुकड़े भी हो चुके हैं। इसी मानसिक बीमारी से ग्रस्त सरकारे भी आती रही हैं। ब्राह्मणवाद का सबसे पहला सिध्दांत यही है कि अपने सामने किसी भी समुदाय की किसी भी विचारधारा को किसी भी तरह से पनपने ही न दिया जाए। ब्राह्मणवाद का सिध्दांत ये भी है कि बहुजनो को अनेको टुकड़ों में बाॅट दिया जाए। और टुकड़ों में बाटॅ कर इनके ऊपर अपना वर्चस्व कैसे कायम किया जाए। उन्हें किस तरह से प्रगति उन्नति प्रगति की दौड़ से पीछे रखा जाए उन्हें
शैक्षिक स्तर

पर कमजोर और मानसिक विक्लांग बना कर पीछे रखा जाए। मतलब ये है कि बहुजन जितना निरीह कमजोर और गरीब रहेगा। उतनी आसानी से उसके ऊपर शासन किया जा सकता है। आप देखे सरकार के जितने भी तंत्र हैं।उसको संचालित करने वाले लोग ब्राह्मणी मानसिकता से ग्रस्त लोग हैं। सरकारी तंत्र में वैठे लोग देश की आम जनता की तंगहाली, बदहाली, गरीबी, कमजोरी, बिमारी देखकर बड़ी खुशी होती हैं। आप गांव वे कस्बों में देखें जो ब्राह्मणी विचारधारा का शख्स बहुजनो को आज भी फलतें फूलते देखकर कितना जलता है। इसी जलन का नतीजा पूरे देश में सामने आ रहा है। इसका जीता जागता साबूत सहारनपुर मन्दसौर की घटना है। ऐसी घटनाएं देश में आए दिन होती रहती हैं। कुछ मनुवादी मानसिकता के लोग ऐसी घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं। मनुवादी मानसिकता के लोग हमेशा यही चाहते हैं कि बहुजन समाज के लोग शारिरिक तौर पर कमजोर रहें, मानसिक तौर पर, शैक्षिक तौर पर, आर्थिक तौर पर, सामाजिक तौर पर, तथा राजनीतिक तौर पर हमेशा कमजोर रहें। जबभी बहुजन समाज के लोग ऐसे रोगों से लङने की कोशिश करते हैं तो ये मनुवादी अपना कुचक्र इनके खिलाफ चलाना शुरू कर देते हैं। देश के बुध्दिजीवी देश को महाशक्ति बनाने के सपने देखते हैं। देश में बेमतलब और फालतू के सवाल खड़े किए जाते हैं। और देश की मीङीया रात दिन इसी के ङिवेट करती रहती है। ऐसा लगता है कि देश में और कोई समस्या ही न हो। ये ऐसी समस्या को बङी बनाने मे लगे रहते हैं। मीङीया और सरकार में वैठे लोग ज्यादातर मनुवादी मानसिकता के लोग हैं। देश तभी महाशक्ति बना पाएगा जब देश का आम नागरिक शारीरिक तौर पर, मानसिक तौर पर, स्वस्थ होगा आर्थिक तौर पर मजबूत होगा शैक्षिक स्तर पर हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करेगा तथा राजनीतिक तौर पर मजबूत स्थिति में होगा तभी देश महाशक्ति बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा। ये बिकाऊ मीङीया देश की छवि जो उजागर कर रहा है। इसे क्या माना जाए? धन्यवाद।

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