बिहार की राजधानी पटना के महेन्द्रू इलाके से एक पासी परिवार अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ दर दर भटक रहा है, सरकारी ग़ुलामों ने उसके घर को सील कर दिया है क्योंकि वो नीरा बेच रहा था और बचे हुए नीरा को ताड़ी का हवाला देकर प्रशासन ने महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया,और घर से बच्चों को बाहर निकाल कर घर को जब्त कर लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार मंटू चौधरी,नाम का व्यक्ति है,महेन्द्रू के पास गांधी मूर्ति वाले गली में घर है,पिछले महीने उसके घर पे छापा पड़ा,घर में सिर्फ उसकी पत्नी मौजूद थी,पुलिस उसे पकड़ कर ले गई,जब मंटु ने उसका बेल करवा लिया तो तीसरे दिन पीरबहोर थाना ने बिना कोई पूर्व सूचना के इनको घर से बाहर कर घर को सील कर दिया । क्या यह पुलिस का अन्यायपूर्ण रवैया नही है ,क्या पुलिस का यह बिना किसी पूर्व सुचना के किसी का मकान जब्त करना सांविधानिक है । क्या पुलिस के इस रवैये से नही लगता की पुलिस सरकार के निर्देश पर एक जाती विशेष के लोगो (पासी) को टारगेट कर रही है । पुलिस लगभग बिहार में सभी जगहों पर पासी लोगो को प्रताड़ित कर रही है जबकि बिहार सरकार ने नीरा बेचने की अनुमति दे रखी है फिर भी पुलिस अपने हरकतों से बाज नही आ रही है और नीरा को ताड़ी बता कर पासी लोगो पर एफआईआर करके उन्हें जेल भेज रही है । महागठबंधन वाली सरकार में पासी लोगो को पुलिस द्वारा प्रताड़ित किये जाने पर भी सरकार के सभी दलित और पासी समाज के प्रतिनिधि मौन है । उम्मीद जताई जा रही है की अगर बिहार सरकार और बिहार पुलिस अपना रवैया नही बदलता है तो महागठबंधन को खुल कर समर्थन करने वाला पासी समाज मज़बूरी में अगले चुनाव में बिपक्ष का साथ देगा । बिहार में लगभग 20 लाख पासी मतदाता है ।
अमित कुमार
दिनारा रोहतास बिहार