आजकल यूपी में श्रावस्ती बहराइच के पासी महाराजा सुहेलदेव पासी को राजभर लोग अपना बताने की नाकाम कोशिश में लगे हुए है लेकिन राजभर लोग सच्चाई का सामना नही करना चाहते बल्कि जबरदस्ती और आधारहीन तर्क दे रहे है की महाराजा सुहेलदेव पासी पासी नही राजभर थे । जबकि इतिहास में साफ साफ़ दर्ज है की राजभर , खटीक , बेलछा, ब्याध और राजपासी सब एक ही पासी परिवार के अंग है ।
(गजेटियर आफ दी प्राविन्स आफ अवध वाल्यूम 2, 1877, पृष्ठ संख्या 355)
उत्तरप्रदेश लोक सेवा आयोग और एनसीआरईटी की पुस्तक में भी महाराजा सुहेलदेव पासी के पासी होने का ही जिक्र है ।
लेकिन इन सब तमाम सबूतो को धता बताकर यूपी के मात्र 2.5% राजभर वोटर्स और सरकार में उनके 4 विधायक और कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर महाराजा सुहेलदेव पासी को राजभर बताने पर तुले हुए है । कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के उस बयान से पासी समाज में काफी आक्रोश है जिसमे उन्होंने महाराजा सुहेलदेव पासी को राजभर बताया है ये वही ओमप्रकाश राजभर है जो कभी महाराजा सुहेलदेव पासी को पासी बताया करते थे और उनकी प्रतिमा लगाने की बात करते थे । उनके बयान को लेकर पासी समाज के तमाम संगठनो की सभा 10 जून को पासी विजय दिवस के दिन की गयी तथा ओमप्रकाश राजभर के बयान की निंदा की गयी तथा उनके बयान वापस न लेने की स्थिति में आंदोलन करने की रणनीति बनायीं गयी । राजभर लोग सीएम योगी के बयान को भी मूर्खो वाला बयांन बता रहे है तथा सोशल मीडिया पर उन्हें पागल तक बोल रहे है । लेकिन सच्चाई तो सच्चाई है की महाराजा सुहेलदेव पासी ही थे इस सच्चाई का सामना राजभर लोगो को करना चाहिए क्योंकि राजभर पासी जाती की ही उपजाति है सरकार और प्रशासन की लापरवाही के चलते राजभर लोग पिछड़ा वर्ग में शामिल हो गए है और अब वे लोग पासी महाराजाओ को हाईजैक करने की कोशिश में है ।
अमित कुमार
दिनारा रोहतास बिहार