अमेठी जनपद का शिवरतनगंज का थानेदार ज्ञान चंद्र शुक्ला व इंहौना चौकी प्रभारी धीरेंद्र वर्मा किसके कहने पर राम अवतार पासी को फ़र्जी चोरी के आरोप में पकड़कर 4 दिन थाने में पिटाई की ? बड़ा सवाल हैं ? जवाब में सामाजिक कार्यकर्ता व पासी एकता मिशन अमेठी के अध्यक्ष सूबेदार आरडी पासी बताते हैं कि रक्षाबंधन के आसपास ही राम अवतार पासी, भिखारीपुर गाँव के ही ठेकेदार द्वारिका प्रसाद तिवारी के घर अपनी मजदूरी की बकाया राशि मांगने गया था । मजदूरी न मिलने पर ठेकेदार से कहाँ सुनी हुई थीं,एक दूसरे को देख लेने तक की बात हुईं थीं। जिसे ठेकेदार ने अपना अपमान समझ लिया और मजदूर राम अवतार को शबक सिखाने के लिए पुलिस द्वारा उत्पीड़न की साज़िश रचने लगा ।
जांच में शिवरतन गंज के थाना अध्यक्ष ज्ञानचन्द्र शुक्ल और इंहौना चौकी प्रभारी धीरेंद्र वर्मा को अवैध रूप से हिरासत में रखने और मानवाधिकार उल्लंघन का प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर निलंबित कर दिया गया है। एसपी ने बताया कि, शव का डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया है और इसकी वीडियोग्राफी भी की गई है। घटना के 20 दिन बाद भी दोषियों को गिफ्तारी नही हुई ? मजदूर परिवार को किसी भी प्रकार की कोई आर्थिक सहायता राशि नही दीं गईं हैं? और न ही कोई मुआवजा दिया गया ? जबकि यह गंभीर प्रकरण राष्ट्रीय मानवाधिकार समेत प्रदेश के उच्च अधिकारियों के संज्ञान में हैं । फिर भी शासन – प्रशासन का ढिलमिल रवैया असंवेदनशील को दर्शाता हैं ।
बीते कुछ माह लखनऊ में पुलिस द्वरा मारे गए विवेक तिवारी के परिवार को 1 करोड़ रुपये और उसकी पत्नी को ओएसडी की नौकरी योगी सरकार ने दिया । जबकि सरकार के नुमाइंदे राज्यमंत्री सुरेश पासी ने सरकार की ओर से हर संभव मदद का अश्वसन मृतक परिवार को दिया था लेकिन दलितों की रहनुमाई की राग अलापने वाली योगी सरकार के झूठ की कलई खुल गईं कि दलितों की मौत पर कुछ नही होगा ।