28 अगस्त जयंती-
एक व्यक्ति “दीना भाना” जिन्होंने कांशीराम साहब को देश का महानतम नेता बना दिया
दीना भाना जी,हां दीना भाना जी वह नाम है जिन्होंने कांशीराम साहब को बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर जी के व्यक्तित्व व कृतित्व से रूबरू कराया और कांशीराम साहब के अंदर छिपी बहुजन नेतृत्व की भावना को सुसुप्तावस्था से जाग्रत कर देश को एक समर्थ बहुजन नेतृत्व दिलवाने का ऐतिहासिक कार्य किया।
दीना भाना एक छोटे से कर्मचारी थे जिन्हें बाबा साहब डॉ आंबेडकर के कार्यो की अच्छी समझ थी।वे बाबा साहब की जयंती को मनाने हेतु छुट्टी चाहते थे पर उनका अधिकारी उन्हें इस हेतु छुट्टी देने को तैयार नही था लिहाजा वे बगावत कर दिए और अपनी नौकरी को यह कहते हुये दांव पर लगा दिए कि जिस अम्बेडकर की बदौलत नौकरी पाया हूँ उसके लिए नौकरी छोड़ भी सकता हूँ।कांशीराम साहब इस घटना के घटित होने तक अम्बेडकर साहब से परिचित नही थे।कांशीराम साहब भी उस अफसर के समकक्ष के अफसर थे।उन्होंने दीना भाना का साथ दिया और दीना भाना से अम्बेडकर साहब के विषय मे जानने की उत्सुकता जताई।
दीनाभाना ने कांशीराम साहब को बाबा साहब की “एनिहिलेशन आफ कास्ट” नामक पुस्तक पढ़ने को दी।कांशीराम साहब ने इस पुस्तक को पढ़ने के बाद अपना सम्पूर्ण जीवन बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर जी को समर्पित कर दिया।
दीना भाना ने अपनी छोटी सी नौकरी होने के बावजूद जिस तरीके से खुद को बाबा साहब को समर्पित कर रखा था उसी की बदौलत आज अम्बेडकरी मिशन पूरे शबाब है।कांशीराम साहब की बदौलत आज पूरा देश बाबा साहब को जानने,समझने,पढ़ने को उद्द्यत है।कांशीराम साहब को एक छोटे से कर्मचारी ने अम्बेडकरी ज्ञान प्रदान कर देश का इतना बड़ा व महान बहुजन नेता बना दिया।
28 अगस्त दीना भाना जी की जयंती है।ऐसे दृढ़ प्रतिज्ञ,कृतज्ञ,मिशनरी दीना भाना जी को कोटिशः नमन है जिन्होंने कांशीराम साहब जैसा अम्बेडकरवादी नेतृत्व देश को प्रदान किया तथा बहुजन समाज को बाबा साहब के प्रति आजीवन कृतज्ञ बने रहने की सीख दी।
लेखक : चन्द्रभूषण यादव
दीनाभाना को सादर नमन ।एक ऐसे महान शख्सियत जिन्होंने बहुजन क्रांति के जनक कोप्रेरणा दी । जयंती पर पर शत-शत नमन।