इलाहाबाद । उत्तर भारत के पेरियार कहे जाने वाले सन्त सुकईदास जी के परिनिर्वाण दिवस का श्रद्धांजलि सभा का पखवाड़ा कार्यक्रम ग्राम बेरूई ,सहंसो इलाहाबाद में मनाया गया। बतौर मुख्यातिथि सोरांव के लोकप्रिय विधायक डॉ 0 जमुना प्रसाद सरोज ने उनके जीवन दर्शन पर चर्चा करते हुए कहा कि सन्त सुकई दास का जीवन दर्शन महात्मा बुद्ध ,सन्त कबीर तथा पेरियार रामास्वामी नायकर के जसी ही रहा है । इन्ही सन्तो की राह पर चलकर ही हम अपने आने वाली पीढ़ी को अंधविश्वास मुक्त बेहतर जीवन बना सकते है। पाखंडी लोग तो यहां दलितों पिछड़ो के जमीन कब्जा कर लेते है और स्वर्ग में आपको स्थान कब्जा दिलाने की बात करते है। इनसे सावधान रहने की जरूरत है। विशिष्ट अतिथि अजय प्रकाश सरोज ने कहा समाज की बेहतरी के सन्तो महापुरुषों ने अपना जीवन लगाया दिया । उनमे सन्त सुकई दास के आंदोलन को नजर अंदाज करना बहुजन लेखकों की नाकामी दर्शाता है। हम लोग मिलकर सन्त जी के कारवाँ को आगे बढ़ाएंगे । सन्त जी के अंधविश्वास मुक्त समाज बनाने को संघर्ष जारी रहेगा। वीर भोग्य वसुंधरा संघ ,प्रमुख संजीव पुरुषार्थी ने सन्त सुकई दास का जीवन दर्शन अनुकरणीय है। उन्होंने दलित- पिछड़ समाज के घरों में देवी देवताओं को यह कहकर उखड़वा कर फेंकवा दिया कि यह तुम्हारे जीवन के बंधन है तुम्हारा विकास पढ़ने लिखने से होगा। वास्तविकता से हटकर ,बिना सोंचे समझे किसी बात को मानना ही अंध विश्वास है। कार्यक्रम की अध्यक्षता ज्ञान साहेब जी ने किया तथा बताया कि समाज के लोगो को सात्विक जीवन अपनाना चाहिए। साथ ही बच्चों को पढ़ना लिखना चाहिए। इस अवसर ग्रामीणों तथा अनुवाईयो ने सन्त जी के चित्र व प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। श्याम नारायण चंचल, अकील चंद, संजीव सरोज, श्याम बिहारी, आदि लोग उपस्थित थे।