जी हाँ , आपने सही पढ़ा श्री पासी सत्ता (www.shripasisatta.com )ने सिर्फ़ पिछले 11 महीनो में “10,61,000 ” बार पढ़े जाने का रिकॉर्ड बनाया है । हम सही मायने में कह सकते है की हम पासी समाज की राष्ट्रीय पत्रिका है । पासी समाज की ऐसी कोई पत्रिका नही , कोई संस्था नही,कोई टीम नही जिन्होंने समाज में इतनी बड़ी पहुँच बनाई है ।
श्री पासी सत्ता पत्रिका के बारे में काफ़ी कुछ कहा गया कुछ लोगों ने कहा की पत्रिका बंद हो गई, कुछ लोगों ने कहा पत्रिका ख़त्म हो गई, कुछ लोगों ने पत्रिका के प्रिंट मीडिया कम होने पर मज़ाक़ भी किया । पर हम शांत थे।
हमने किसी को जवाब नही दिया । क्योंकि हम जवाब अपने कार्यों से देना चाहते थे । अब जवाब हमारे पास है । सिर्फ़ 11 महीनो में हमें 10,60,000 बार पढ़ा गया यह हमारा जवाब है ।
हमने पहले ही कहा था कि हम धीरे चल रहे है पर चल रहे है।
हमारे पास संसाधनो की कमी है और हमें दूर तक जाना है इसलिए धीरे चल रहे है । कई बार कहने की बाद भी कोई ख़ास मदद हमें मिली नहीं है फिर भी हम चल रहे है । और इतना करने के बाद कोई कहे की पत्रिका तो बंद हो गई है तो ग़ुस्सा तो आएगा ही पर हमारा जवाब यह है उन लोगों लिये ।
आर्थिक कमी और समय के साथ चलने के लिए प्रिंट मीडिया कम करके ऑनलाइन पर हमने फ़ोकस किया रिज़ल्ट आज सबके सामने है । सिर्फ़ एक जाती विशेष पत्रिका होने बावजूद सिर्फ़ 11 महीनो में इतनी बार पढ़े जाना कोई मामूली बात नही है ।
हमारी ऐक्टिविटी स्लो थी , कम थी पर हम सो नही रहे थे । मीडिया का काम पर्दे उठाने का है सो हम कर रहें है । बड़ी सोंच के साथ अभी बहुत कुछ है करने को, जिसका बैकअप तैयार करने में समय लग सकता है। लेकिन हम रुकेंगे नही। क्योंकि हम रुके तो आने पीढ़ी को हम वो नही दें पाएंगे जो हम देना चाहते है।
यह रिकॉर्ड साबित करता है कि श्री पासी सत्ता पत्रिका पासी समाज की आवाज़ बन चुका है । सम्पादक अजय प्रकाश सरोज जी ने जो शुरुआत साल 2011 में शुरू की थी आज उसने विस्तृत रूप ले लिया है । यह रिकॉर्ड हमें भी आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरणा देगा ।
यहाँ तक पहुँचने के लिए श्री पासी सत्ता परिवार के सभी सहयोगी का आभार प्रकट करता है जो पत्रिका में लेखन कार्य करते रहे है। साथ ही उन पाठक गणों को विशेष धन्यवाद जिनकी वजह से हम यह कीर्तिमान स्थापित कर पाएं है।
राजेश पासी,मुंबई
ऑनलाइन मीडिया प्रभारी- श्री पासी सत्ता पत्रिका