लगातार एक के एक बाद हो रही रेल दुर्घटनाओ को रोक पाने में नाकाम रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इन रेल हादसों की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए इस्तीफे देने की पेशकश की वही प्रधानमन्त्री मोदी ने उनसे इन्तजार करने को बोले है । प्राप्त जानकारी के अनुसार रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और हाल में हुई रेल दुर्घटनाओं की पूरी नैतिक जिम्मेदारी ली। उन्होंने संकेत दिया कि उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की थी। प्रभु ने कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण हादसों, यात्रियों के घायल होने और बेशकीमती जानों के जाने से बेहद दुखी हूं।’’ प्रभु ने ट्वीट किया, ‘‘मैं माननीय प्रधानमंत्री @ नरेंद्रमोदी से मिला और पूर्ण नैतिक जिम्मेदारी ली। माननीय प्रधानमंत्री ने मुझसे अभी इंतजार करने को कहा।’’
उन्होंने कहा कि बतौर रेल मंत्री करीब तीन साल के दौरान उन्होंने अपना ‘‘खून-पसीना’’ रेलवे को दिया है। उन्होंने ट्वीट की एक श्रृंखला में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सभी क्षेत्रों में व्यवस्थित सुधारों के जरिये दो दशक से उपेक्षा झेल रहे रेलवे को उबारने की कोशिश की। जिससे सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व निवेश हुआ और कई मील के पत्थर स्थापित हुये।’’ पिछले पांच दिनों में एक के बाद एक हुये दो हादसों की वजह से मंत्री के इस्तीफे की मांग की जा रही है।
खास बाते :-
- सुरेश प्रभु के तीन साल के कार्यकाल में रेल लगातार हादसों का शिकार होते रही है ।
- पिछले एक ही हफ्ते में भारतीय रेल लगातार दो बार हादसों का शिकार हो चुकी है ।
- पहली घटना उत्कल एक्सप्रेस पटरी से उतर गयी जिसमे 23 लोग मारे गए ,दूसरी कैफियत एक्सप्रेस एक डम्पर से भीड़ गयी जिसमे 70 लोग जख्मी हुए ।
आपको बता दे की लगातार हो रही रेल दुर्घटनाओ के कारण सोशल मीडिया फेसबुक और ट्विटर पर लगातार रेल मंत्री सुरेश प्रभु के इस्तीफे की मांग की जा रही है सोशल मीडिया फेसबुक पर ताइवान के आर्थिक मामलो के मंत्री ली चिन्ह -कुंग का उदाहरण दिया जा रहा था जिन्होंने मात्र बिजली संकट होने पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और उनका उदाहरण देकर सुरेश प्रभु का इस्तीफा माँगा जा रहा है की ताइवान के मंत्री की तर्ज पर सुरेश प्रभु को भी लगातार हो रहे रेल हादसों की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए इस्तीफा दे देनी चाहिए ।