पटना (बिहार) :- बिहार राज्य की सर्वाधिक विधायको वाली पार्टी राजद को बिना बुलाये राज्यपाल द्वारा जदयू और भाजपा के गठबंधन वाली पार्टी को सरकार बनाने का आमंत्रण दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर पटना हाईकोर्ट 31 जुलाई को सुनवाई करेगा , पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने दो अलग अलग याचिकाओ पर एक साथ सुनवाई करने के लिए 31 जुलाई की तारीख निर्धारित की गयी है
विशेष
- 31 जुलाई को मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ करेगी सुनवाई
- असंवैधानिक है नवगठित सरकार
- बडहरा के राजद विधायक सरोज यादव व नौबतपुर के समाजवादी नेता जितेन्द्र कुमार ने दायर की है याचिका
आपको बता दे की बिहार राज्य में नई सरकार के गठन में बिहार के राज्यपाल द्वारा संविधान के अनुच्छेद 163, 164 व 174 का खुला उल्लंघन किया गया , ऐसा भी माना जा रहा है की राज्यपाल ने सबसे ज्यादा विधायको वाली पार्टी राजद को बिना बुलाये ही सर्कार गठित करके सरकारिया कमिशन का भी उल्लंघन किया है राज्यपाल के इस फैसले के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में दो जनहित याचिका दायर किया गया है , जिसमे पहली याचिका बडहरा के राजद विधायक सरोज यादव जबकि दूसरी याचिका नौबतपुर के समाजवादी नेता जितेन्द्र कुमार ने दायर की है याचिकाकर्ता ने राज्यपाल के फैसले पर हैरानी जाहिर कर कहा है ली नियमत: सबसे पहले राजद को सरकार बनाने का न्योता दिया जाना चाहिय्रे था ,लेकिन अफरातफरी में नितीश कुमार को बुला लिया गया , ऐसा कर राज्यपाल ने गैर संवैधानिक कार्य किया इस तरह की राजनीती से पुरे देश में गलत सन्देश जाएगा याचिका में एसआर बोमई केस का हवाला दिया गया है जब ऐसी स्थिति बनती है तो राज्यपाल व् केंद्र सरकार को क्या करनी चाहिए ? साथ साथ सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में रामेश्वर प्रसाद और भारत सरकार के मामले में भी व्यवस्था दी थी की सबसे अधिक विधायको वाली पार्टी को ही सरकार बनाने के लिए न्योता पहले दी जनि चाहिए उसके इंकार के बाद ही दुसरे दलों को मौका दिया जाना चाहिए , याचिकाकर्ता के वकील जगन्नाथ सिंह ने बताया की पूरा घटनाक्रम गैर संवैधानिक तरीके से हुआ इसमें हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करना चाहिए