बिहार:- नवादा जिले का अजय नगर गाँव जहाँ आज भी विकास के नाम पर कुछ भी नही है ।अजय नगर की स्थापना 1978 ई0 में हुई थी ।यह गाँव रोह प्रखण्ड से लगभग 15 किलोमीटर की दुरी पर छनौन पंचायत में है ।जिस की कुल जनसंख्या 1500 सौ के करीब है ,घरो की बात करे तो कुल 125 घर गाँव में है । गाँव ,पहाड़ी क्षेत्र में होने के कारण यहाँ पानी की सबसे बड़ी समस्या है ,पुरे गाँव के लिए मात्र एक ही सरकारी कुआँ है चापाकल का तो नामोनिशान नही । गाँव में अनुसूचित वर्ग से सम्बन्ध रखने वाले रजवार जाति के लोग ही सिर्फ निवास करते है । पहाड़ की खुबसुरत वादियो में बसा यह गाँव विकास से कोसो दुर है ।ना सड़क ना ही स्वास्थ्य उपचार के लिए अस्पताल है।ग्रामीणो ने बताया ,गाँव में अस्पताल और शहर से जोड़ने वाली पक्की सड़के न होने के वजह से पीड़िता की मौत रास्ते में ही हो जाती है ।गाँव के बीमार लोगो को अस्पताल चारपाई से ले जाने पर हम लोग विवश है ,उनकी कोई नही सुनता ,मुखिया सरपंच BDO सब अनदेखी कर देते है ।शिक्षा के नाम पर मात्र एक प्राथमिक विद्यालय है ।और एक आंगनवाड़ी केंद्र है,जो सुचारू रूप से संचलित भी नही होता।
रोजगार के बिषय में पूछे जाने पर गाँव वालो ने नम आँखो से कहा ,बस किसी तरह दूसरे गाँव में जा कर मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे है । उन्होंने बागवानी और सब्जी की खेती की इच्छा जताइ जिससे कि जीविकोपार्जन हो सके।परन्तु सिंचाई के व्यवस्था का अभाव रहने के कारण व्यवसाय का घोर अभाव है।।गाँव के ज्यादा तर नौजवान दूसरे प्रदेशो में काम करने पर मजबूर है।
गाँव की सबसे अच्छी बात ये है की यहाँ का बच्चा बच्चा अम्बेडकर को अपना आदर्श मानते है और जय भीम के नारे लगाते है
हम आशा करते है सरकार इन्हें सरकारी योजना का लाभ पहुँचाए और एक सुखी जीवन मुहैया कराये ।
जय भीम