यादव , पाल, मौर्य, तेली , पासी , चमार  कैसे हुए राजा से रंक़ ?


यादव, पाल,मौर्य, धोबी, मौर्या ,चमार , तेली लोहार और पासी अपने-अपने महासभा में चिल्ला-चिल्लाकर बोलते हैं कि पहले हम राजा हुआ करते थे … मैं भी मानता हूं कि पहले यह लोग राजा हुआ करते थे .. किंतु आज यह लोग यह नहीं सोचते हैं कि किसकी वजह से किस व्यवस्था की वजह से आज हम लोग राजा से रंक हो गए।

यह सभी जातियों के अधिकतर लोग अपने को शूद्र नहि मानते पर हिंदू मानते है । अपनी जाती पर गर्व करेंगे हिंदू होने पर गर्व करेंगे । पर यह नहि सोचेंगे की …कि किसकी वजह से किस व्यवस्था की वजह से यादव समाज गाय और भैंस का गोबर बहाने को मजबूर हुआ, पाल राजवंशी भेड़ बकरी पालने वाले हो गया । मौर्य, महान सम्राट अशोक वंशज मुराई सब्जी बेचने वाला बन गया। धोबी समाज कपडे धोने के लिए मजबूर हुआ, मौर्य समाज सब्जी बेचने को मजबूर हुआ , और चमार समाज मरे हुए पशुओं को बहाने और जूता बनाने को मजबूर हुआ , और पासी समाज सूअर पालन और ताड़ी निकालनेको मजबूर हुआ… और आज भी इन्हें वर्ण व्यवस्था के अनुसार शुद्र ही माना जा रहा है….भले ही यह जातियाँ अपने आपको क्षत्रिय माने ।
जब तक यह लोग अपने असली दुश्मन के खिलाफ विद्रोह नहीं करेंगे तब तक रंक से राजा कभी नहीं बन पाएंगे और आजाद जिंदगी कभी जी नहीं पाएंगे….

           जब गुलाम गुलामी में आनंद मनाने लगे तो वह गुलाम गुलामी के खिलाफ कभी विद्रोह नहीं करता है आज यही स्थिति इन बिरादरियों की हो गई है l 

सभी अपनी अपनी बिरादरी में ख़ुश है की हमसे नीचे के पायदान पर कोई जाती तो है । जब यह लोग पढ़े लिखे नहि थे तब के समय में जातीय घमंड और नीचे की जातियों को ख़ुश होना समझ आता है पर आज …????
कैसे राजा से रंक़ हुई यह जातियाँ ? किस व्यवस्था के कारण ? कही वही कारण लेकर हम गर्व करना तो नहि सीख रहे है ,सोचिएगा कभी फ़ुरसत में की जिस चीज़ पर हम गर्व कर रहे है वह जातियाँ गर्व करने लायक है या मानव समाज के लिए एक धब्बा है ?शर्म करने लायक है ।
जय भीम , जय भारत

मुंबई में जैसवार विकास संघ द्वारा बाबा साहेब और संत रविदास की जयंती हज़ारों लोगों के साथ मनाई गई !



मुंबई : मुंबई एक ऐसा शहर जहाँ अधिकतर लोग महाराष्ट्र सहित देश के कई कोनो से यहाँ रोज़ी रोटी के लिए इकट्ठा हुए थे । मुंबई को आज की आधुनिक मुंबई बनाने में महाराष्ट्र , गुजरात के लोगों के साथ उत्तर प्रदेश के लोगों का भी बहुत अहम योगदान है ।आज उत्तर प्रदेश के बहुत से लोगों की तीसरी पीढ़ी मुंबई में रह रही है तो ज़ाहिर है मुंबई अब उनके लिए कोई परदेश नहि रहा गया जैसा पहले कहते थे । ज़ाहिर है जब मुंबई अपना घर गया बन गया है तो सारे समारोह , उत्सव , मिलन समारोह यहीं मनाएँगे ।
इसी कड़ी में कल २३ अप्रैल २०१७ को मुंबई के जैसवार समाज के लोगों ने जैसवार विकास संघ के बैनर के तले बाबा साहेब और संत रविदास की संयुक्त जयंती मनाई । बाबा साहेब के विचारों को फैलाने में उत्तर प्रदेश के लोगों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है , यही नज़ारा कल भी दिखा मुंबई के एक बहुत ही भीड़ भाड़ भरे इलाक़े में सड़क के एक तरफ़ हज़ारों कुर्सियाँ लगी थी , वयस्तम इलाक़ा होने के कारण हज़ारों लोगों की आवाजाही थी और इन सबके बीच सड़कों पर बाबा साहेब और जैसवार विकास संघ के बड़े बड़े बैनर मंच तक पहुँचने वाले हर रास्ते पर लगे थे ।मंच भी काफ़ी बड़ा और भव्य था साज सज्जा का काफ़ी ख़याल रखा गया  था ।

हज़ारों लोगों के बीच कार्यक्रम की शुरुआत बुद्ध वंदना के साथ गई । कितनी ही बार जय भीम का उद्घगोष किया गया । महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश , गुजरात हरियाणा से आए वक्ताओ ने बाबा साहेब पर अपने विचार रखे । उत्तरप्रदेश से आए युवा डीआईजी डा० बी पी अशोक जी ख़ास आकर्षण थे कार्यक्रम में । वहाँ पहुँचने वाले सभी समाज सेवियों का भी गर्मजोशी से स्वागत किया गया ।


विशेष अतिथियों में – डा० बी पी अशोक जी DIG U.P, जी न्यूज़ की निदेशक कांता अगड़िया, हरियाणा ,ओम् प्रकाश – असिस्टेंट कमिश्नर कस्टम , सूरत,नगरसेविका – सेवाली जी ,महाराष्ट्र होम मिनिस्टर – प्रकाश मेहता,डा० जय प्रकाश , बैंगलोर जैसी हस्तियाँ मौजूद थी और सभी ने अपने महत्वपूर्ण विचार रखे ।
मुंबई जैसे शहर में आम लोगों के लिए यह सब मैनेज करना आसान नहि होता , आर्थिक परेशानियों से लेकर प्रशासनिक वस्था को सम्भालना प्रदेश के बाहर से वक्ताओ को बुलाना काफ़ी मुश्किल होता है । फिर भी यह जैसवार विकास संघ टीम की मेहनत का नतीजा था । टीम वर्क हर जगह दिखाई दे रहा था , अध्यक्ष मानननिय , छोटेलाल जैसवार जी , प्रकाश सच्चन जैसवार जी , राम समूझ आर गौतम जी , निम्बुलाल जैसवार जी , सभी प्रमुख अतिथियों को आमंत्रण से लेकर आने जाने , ठहरने से लेकर सभी तरह के मैनेजमेंट को सम्भालने वाले ज्ञान देव कोरी जी , और संस्था के सभी पदाधिकारी और कार्यकरता बहुत प्रशंसा के अधिकारी है । यह ऐसे लोग है जो मुंबई जैसे शहर में भी बाबा साहेब के मिशन का अलख जगाए हुए है ।
जय भीम , जय भारत 

राजेश पासी , मुंबई

देश में पहली बार दलित –  मुस्लिम दंगा अम्बेडकर के नाम पर, क्यों  और कैसे ?

दलित मुस्लिमो के बीच वैचारिक एकता को रोकने लिए कुत्सित प्रयास शुरू से होते ही रहे है, और आज भी हो रहे है, इस बार कुछ भ्रमित और बिकाऊ लोगो ने, जो कि मुस्लिम समुदाय से संबंध रखते थे, ने सहारनपुर मे निकाली जा रही बाबा साहब की शोभा यात्रा पर पथराव किया है, ऐसा ही पथराव महाराष्ट्र मे शिव सैनिको ने भी अंबेडकर जयंती मना रहे लोगो पर हाल ही मे किया है।देखने मे यह दोनों घटनाए एक जैसी है, लेकिन जो महाराष्ट्र मे हुआ है, वो हमारे लिए नई बात नहीं है, मनुवादियों द्वारा की जाने वाली ऐसी हरकतों से तो हम शुरू से वाकिफ है,

सबसे पहले समझने वाली बात है की इसका आयोजन किसने किया था । ख़बर यह भी आ रही है की यह आयोजन बिना परमिशन के किया गया था । अम्बेडकर के फ़ालोअर कभी क़ानून नहि तोड़ते । नियमों का पालन करते है । 

इस आयोजन का हैंडबिल देखेंगे तो पता चल जाता है की आयोजित करने में एस सी / एसटी या OBC की भूमिका नगण्य है 

कार्यकम को लीड कर रहे थे लखनपाल शर्मा ( सांसद) बाक़ी के लोगों के नाम भी देखिए पता चल जाएगा आयोजकों के  बारे में ।

आख़िर क्या कारण है की एससी / एसटी और OBC इतने सालों से अम्बेडकर जयंती माना रहे है आज तक कभी भी दलित -मुस्लिम दंगा अम्बेडकर की वजह से नहि हुआ , पहला दंगा हुआ उस कार्यक्रम में जिसे एक ख़ास जाती के लोग आयोजित कर रहे थे । 

कल से ही मीडिया यह ख़बर फैलाने में जुटा हुआ है की बाबा साहेब की वजह से दलित -मुस्लिम में दंगा हुआ । पर वह कितना भी ख़बर छुपाए अब हक़ीक़त छुप नहि सकती । शुक्र है सोशल मीडिया का न सिर्फ़ वहाँ के लोगों ने हक़ीक़त बताई बल्कि हैंडबिल भी शेयर किया जिसकी वजह से तस्वीर साफ़ हो गई है । – राजेश पासी ,मुंबई 
लेकिन जो सहारनपुर मे हुआ वह वाकई अचंभा पैदा करने वाला है, डॉ अंबेडकर से मुसलमानो को भला क्या दिक्कत हो सकती है। यह समझ से बाहर है। जाहीर है इस घटना के पीछे जरूर कोई साजिश काम कर रही है, मुज्जफरनगर, कैराना आदि घटनाए भी स्वतः स्फूर्त ना होकर सोची समझी साजिश का ही हिस्सा रही थी, और आज इसका परिणाम सबके सामने है। इन घटनाओ का स्थानीय तात्कालिक प्रभाव चाहे कम हो, लेकिन सूचना क्रांति के दौर मे इनके प्रभाव समाज के एक बड़े हिस्से पर दिखाई पड़ते है।

हमे तत्समय ऐसी घटनाओ की पुनरावृत्ति को रोकना होगा, विभिन्न समुदायो मे विश्वास बहाली के प्रयास करने होंगे, नहीं तो कुछ नालयको की हरकतों के सामने, दलित मुस्लिम बुद्धिजीवियो के प्रयास निरर्थक ही साबित होंगे। 

मैं अपने दलित भाइयो से भी कहूँगा कि वर्तमान मे दलित और मुसलमान समाज एक दूसरे की ओर देखने लगा है, करीब आने का प्रयास कर रहे है, इस उम्मीद के साथ कि ये दोनों समुदाय मिलकर अपनी नियति मे बदलाव ल सके। ऐसे मे ऐसी घटनाओ के लिए पूरे मुस्लिम समुदाय पर टिप्पणी करना बेबकूफी से ज्यादा कुछ नहीं। हाँ, इसका मतलब यह नहीं कि घटना के दोषियो को दंड ना मिले, उन्हे अवश्य दंड मिलना चाहिए, जिससे कि साजिश कर्ताओ के हौसले पस्त हो सके। यह एक अच्छा संकेत है कि सहारनपुर मे हुई घटना के विरोध मे आज तमाम मुस्लिम साथी आज आपके साथ खड़े है, और इस कृत्य की मुखर होकर आलोचना कर रहे है॥ यह प्रक्रिया रुकनी नहीं चाहिए॥ 

इसी आशा के साथ – धर्मेंद्र के आर जाटव की वाल से 

अखिलेश यादव या अखिलेश मिश्रा ?

अगर मैं अखिलेश यादव को अखिलेश मिश्रा कहूँ 

तो हैरत की बात नहीं होगी । आप नीचे स्वयं देखिये उनकी घोर सवर्ण परस्ती ।

समाजवादी पार्टी के विधान सभा अध्यक्ष रहे माता प्रसाद पाण्डेय अपने पिछले कार्यकाल में विधान सभा सचिवालय के लिए 40 समीक्षा अधिकारीयों और 50 सहायक समीक्षा अधिकारीयों की विज्ञप्ति निकाले थे ।परीक्षा हुई अभ्यर्थीयों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया लेकिन समीक्षा अधिकारी की कुल 22 सीटें सामान्य थीं। शेष ओबीसी और sc वर्ग की थी । ज्ञातव्य है कि -प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे और बिधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने मिलकर सिर्फ अपनी ही जाति और रिश्तेदारों को पूरी सीट पर चयन कर डाला और मात्र 3 दिनों के अंदर इनकी joining भी करवा डाली ।आख़िरकार इतने जल्दी joinning की वजह क्या थी ?बाद में कुछ सीटें बढ़ा भी दी गयी थी ।

सामान्य वर्ग में चयनित सभी अभ्यर्थियों के नाम की लिस्ट डाल रहा हूँ ।

कृपया स्वयं आकलन करें और सोचें कि -आख़िरकार जो मीडिया 86 में 56 यादव sdm की फ़र्ज़ी खबरे फैला दिया वो ब्राह्मणों के अधिकतम संख्या में चयन किये जाने पर शांत क्यों रहा ….

उपेंद्रनाथ मिश्र, 

रुद्ररजनीकांत दुबे, 

वरुण दुबे,

रवींद्र कुमार दुबे,

भास्करमणि त्रिपाठी,

वीरेंद्र कुमार पांडेय,

जय प्रकाश पांडेय,

आदित्य दुबे, 

नवीन चतुर्वेदी, 

प्रवेश कुमार मिश्र, 

संदीप कुमार दुबे,

अमिताभ पाठक, 

राहुल त्यागी, 

अविनाश चतुर्वेदी,

पुनीत दुबे, 

शलभ दुबे, 

पार्थ सारथी पांडेय, 

प्रशांत कुमार शर्मा, 

राहुल त्यागी।

प्रशांत राय शर्मा, 

आदित्य कुमार द्विवेदी,

श्रेयांश प्रताप मिश्र,

सोनी कुमार पांडेय, 

चंद्रेश कुमार पांडेय,

पीयुष दुबे,

अरविंद कुमार पांडेय,

करुणा शंकर पांडेय, 

अंकिता द्विवेदी, 

दिलीप कुमार पाठक, 

प्रवीण कुमार सिंह, 

भूपेंद्र सिंह,

अभिषेक कुमार सिंह, 

संजीव कुमार सिंह,

सतीश कुमार सिंह,

वरुण सिंह, 

हिमांशु श्रीवास्तव, 

राकेश कुमार साहनी, 
क्या माता प्रसाद और प्रदीप दुबे की सांठगांठ से हुई सचिवालय में नियुक्तियां, जानें कौन हैं प्रदीप दुबे ?

(शशिकांत मेहता की वाल से)

शहीद ओम प्रकाश पासवान के दूसरे बेटे विमलेश पासवान भी बांसगांव से बने विधायक 

(शहीद ओम प्रकाश पासवान जी अपने पुत्र कमलेश और विमलेश पासवान के साथ)

गोरखपुर  : पूर्व विधायक ओम प्रकाश पासवान के छोटे बेटे और बीजेपी के संसद कमलेश पासवान के भाई विमलेश पासवान भी भाजपा के टिकट पर विधान सभा पँहुच गये है। 36 साल के युवा विमलेश ब्लॉक प्रमुख रहते हुए विधान सभा का चुनाव ज़ीतने में सफल हुए है। 
बीआरडी मेडिकल कॉलेज से लेक्चररशिप की नौकरी छोड़ डॉ विमलेश पासवान ने अभी संपन्न हुए विधान सभा के चुनाव में जिले की बांसगांव विधान सभा की सीट जीत ली है। यह सीट इनके परिवार की परंपरागत सीट मानी जाती है । 
गौरतलब है की पूर्वांचल में लोकप्रिय व दबंग नेता   पूर्व विधायक ओम प्रकाश पासवान की बम मारकर हत्या कर दी गई थी। पिता की हत्या के वक्त विमलेश की उम्र 14 साल थी और दिल्ली में पढ़ाई करते थे और उसके बाद वह गोरखपुर में ही पढ़ाई शुरू कर दिए।
पासवान जी की हत्या के बाद उनकी माँ सुभावती पासवान को जनता ने सहानुभूति लहर में सत्ता सौंपी। साथ ही चाचा चंद्रेश पासवान भी मानीराम विधान सभा से विधायक चुनकर सत्ता के गलियारे में भेजा। विमलेश पासवान ने किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ से एमडीएमएस (मैक्सिलो फेशियल सर्जन) किया है।

माँ के राजनीतिक सन्यास के बाद उनके बड़े भाई कमलेश पासवान बांसगांव से बीजेपी से दो बार से सांसद हैं, जबकि मां सुभावती भी विधायक रह चुकी हैं। ऐसे में लाज़मी है कि जब पूरा कुनबा ही राजनितिक रहा हो तो एक बेटा क्यों न राजनीतिक ककहरा पढ़ेगा।
विमिलेश की पत्नी डॉक्टर मोहिता पासवान भी जबलपुर मेडिकल कालेज से बी डी एस कर दन्त चिकित्सा के पेशे से जुडी है और अपने आवास में ही क्लीनिक चलाती है।

विमलेश पासवान राजनितिक रूप से काफी समृद्ध है। उनके पिता ओम प्रकाश पासवान 1979 से लेकर दस वर्षो तक लगातार चरगांवा ब्लाक के प्रमुख थे।  यही से उनका राजनीतिक सफ़र गोरक्षनाथ मंदिर के साये में रहकर मानीराम विधानसभा क्षेत्र से 1989-1991 और 1993 में लगातार विधायक और 1996 में सपा के बैंनर तले सांसदी का सफ़र शुरू हुआ।  जहां 1996 में बांसगांव से लोकसभा चुनाव में सभा के दौरान बांसगांव क्षेत्र में कुख्यात अपराधी राकेश यादव ने बम मारकर उनकी हत्या कर दी थी। पासी समाज में जन्मे अमर शहीद ओम प्रकाश जी का परिवार राजनीतिक रूप से जनता की सेवा करने में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। गरीबो के मशीहा ओम प्रकाश का 25 मार्च को 21 पुण्यतिथि मनाई गयी । उनके पूण्य तिथि पर नमन

देवधर में महाराजा बिजली पासी की प्रतिमा का अनावरण !

देवघर, झारखण्ड: अखिल भारतीय पासी समाज, देवघर के द्वारा दिनांक 06 अप्रैल 2017 को महाराजा बिजली पासी का राज्यरोहण समारोह धूमधाम से मनाया गया। इसके साथ ही देवघर के महाराजा बिजली पासी चैक पर महाराजा बिजली पासी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण भी किया गया। इसकी जानकारी देवघर पासी समाज के अध्यक्ष दिलीप कुमार महथा ने दिया है।


इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चैधरी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद््घाटन श्रीमती रीता राज खवाड़े, महापौर, देवघर नगर निगम ने किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में सुरेश पासवान (पूर्व मंत्री, झारखण्ड सरकार), राज नारायण खवाड़े- पूर्व महापौर देवघर, अशोक कुमार चैधरी- शिक्षा मंत्री- बिहार सरकार, मनीष कुमार- विधायक, श्रीमती सुधा चैधरी- पूर्व मंत्री, आर0सी0 कैथल- पूर्व ए.डी.जी.पी., राघो चैधरी- राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अ.भा. पासी समाज, आर.पी. चैधरी- प्रदेश अध्यक्ष अ.भा. पासी समाज, सुकर पासी- कार्यकारी अध्यक्ष पासी समाज झारखण्ड, जगदीश चैधरी- अध्यक्ष अ.भा. पासी समाज बिहार, हीरालाल चैधरी- सचिव पासी समाज, बिहारी प्रसाद- अध्यक्ष जगलाल चैधरी स्मृृति संस्थान, विश्वनाथ प्रसाद- मुख्य अभियंता आदि प्रमुख लोग उपस्थित रहे।

एक आवाहन ..!


मेरा ह्रदय भावनाओं से भरा हुआ है कि मैं उन्हें व्यक्त करने में असमर्थ हूँ साथियों जब तक करोड़ों व्यक्ति भूखें और अज्ञानी हैं, तब तक मैं उस प्रत्येक व्यक्ति को कृतघ्न ( दोषी ) समझता हूँ जो उनके बल पर शिक्षित बना है, पर उनकी ओर ध्यान नहीं देते। दुखियों के दुख का अनुभव करो जैसे तथागत बुद्ध,महावीर स्वामी, कबीर दास, रविदास जी, ज्योतिबा फुले ,सावित्री फुले और डा० भीम राव अम्बेडकर साहब ने महसूस किया था और गरीबों की सहायता के लिए भगवान बुद्ध तुम्हें सफलता देंगे ही। मैं अपने हृदय में इस वेदना को और मस्तिष्क में इस भार को लेकर वर्षों से भटक रहा हूँ। वेदना भरा हृदय लेकर हजारों लोगों से मिला और इस कार्य हेतु आधा भारत पार कर चुका हूँ कि सहायता प्राप्त हो सके,इस भूखंड में शीत से या भूख से भले ही मर जाऊँ पर हे तरुणों ! मैं तुम्हारे लिए एक वसीयत ( संदेश) छोड़ जाता हूँ। मेरे समाज तथा देश के भावी सुधारकों! मेरे भावी देश भक्तों। हृदय से अनुभव करो ! क्या तुम अनुभव करते हो कि देश के महापुरुषों और महान राजाओं के वंशज आज पशु तुल्य हो गए हैं? …….देश पर अज्ञान के काले बादल छाये हुए हैं ? क्या इस अनुभूति ने तुम्हें बेचैन कर दिया है ? क्या तुम्हारे हृदय की प्रत्येक धड़कन के साथ एक रुप हो चुकी है ? क्या इसी ने तुम्हें पागल या मदहोश सा बना दिया है ? क्या तुम अपने नाम अपने यश ,अपनी पत्नी,अपने बच्चों,अपनी धन सम्पत्ति यहाँ तक कि अपने शरीर को भूला बैठे हो ?

मुझे उस धर्म का अनुयायी होने का अभिमान है, जिसने संसार को सहिष्णुता और विश्व प्रेम की शिक्षा दी है, जिसकी वजह से हमें विश्व गुरु का रुतबा मिला है। हम केवल विश्व व्यापिनी सहिष्णुता में ही विश्वास नहीं रखते, हम यह भी मानते हैं कि सभी धर्म सच्चे हैं। मुझे उस जाति में उत्पन्न होने का अभिमान है,जिसने अत्याचार पीड़ितों को मतवादियों द्वारा सताये हुए लोगों और पृथ्वी की सब जातियों को आश्रय दिया जिसने समस्त विश्व को ज्ञान दिया जिसने भारत वर्ष को विश्व गुरु होने का दर्जा प्रदान किया आज पूरा विश्व उन्हें मानता है,आज उनका सबसे मोहक मंत्र जो मुझे सर्वप्रिय लगता है आपके सामने रखता हूँ ” अप्प दीपो भव ” अर्थात अपने प्रकाश से प्रकाशवान हो ,अपने ज्ञान से चमको और छा जाओ विश्व पटल पर, उठो साथियों मुझे आपके अन्दर जो चाहिए वो है लोहे की नसें और फौलाद के स्नायु जिनके भीतर ऐसा मन वास करता हो जो कि बज्र के समान पदार्थ का बना हो बल ,पुरुषार्थ , क्षात्रवीर्य और ब्रम्हतेज हो जो दुश्मनों के लिए चट्टान की तरह अडिग हो और गरीबों असहायों के लिए कोमल सहृदय हो जो उनकी मदद ,तरक्की उत्कर्ष के लिए सदैव लालायित रहें ।

धन्यवाद

लेखक -डा० यशवंत सिंह

पासी समाज इन मुंबई यूनिवर्सिटी – RCP का एक प्रयास समाज के लिए !

 


बाबा साहेब और फूले की विचार धारा शिक्षित बनो , संगठिति बनो , संघर्ष को आगे बढ़ाते हुए इस क्षेत्र में प्रैक्टिकल रूप में कार्य करने का क़दम RCP ने बढ़ाया है ।
इस अप्रेल माह में बाबा साहेब और महात्मा फुले साहेब दोनो की जयंती है । दोनो ही महापुरुषों ने शिक्षा के जगत में महत्वपूर्ण योगदान दिया है । और इनकी जयंती मनाने के लिए RCP ने कल यानि ९ अप्रेल २०१७ को समाज के बच्चों और पेरेंट के लिए एक दिवसीय शैक्षणिक और कैरीयर गाइडेन्स शिविर का आयोजन किया था मुंबई यूनिवर्सिटी में । 
इन महापुरुषों की जयंती मनाने का इससे अच्छा तरीक़ा नहि हो सकता ।
इस कार्यक्रम की सफलता के बारे में मैं कुछ नहि कहूँगा आप लोग ख़ुद ही तस्वीरें देख लीजिए क्योंकि तस्वीरें ख़ुद ही बोलती है । 

जैसा कि हमने पहले ही कहा था ऐसे परिवेश में ऐसा कार्यक्रम पासी समाज में इसका संदेश दूर तक जाएगा । 

ऐसा कार्यक्रम करने का अगला प्लान उत्तर प्रदेश में आयोजित करने का है । जिसके लिए उत्तर प्रदेश के सभी साथी कंधे से कंधा मिला कर खड़े होंगे ।


इसके अलावा मुंबई यूनिवर्सिटी में पासी समाज का के इस तरह के आयोजन ने काफ़ी लोगों को आकर्षित किया । बैनर देखकर यूनिवर्सिटी के काफ़ी प्रोफ़ेसर हमसे मिलने के लिए आए और टीम को प्रोत्साहित किया साथ ही समाज के लोगों को किसी भी तरह की सहायता के लिए आश्वासन दिया ।

मुंबई यूनिवर्सिटी में किसी भी तरह की संस्था को बैनर लगाने की अनुमति नहि मिलती पर हमारे प्रोग्राम से यूनिवर्सिटी के एक डाईरेक्टर काफ़ी ख़ुश हुए और जो बाहर बैनर लगा था ख़ुद फ़ोन करके बोले की बैनर इस पूरे महीने लगा रहने दो ताकि समाज में संदेश जाए । आ यूनिवर्सिटी जाएँगे तो आपको पासी समाज का RCP बैनर ज़रूर दिखाई देगा । जिसकी वजह से काफ़ी लोग न सिर्फ़ पासी समाज के बारे में जानने की कोशिश करेंगे बल्कि नेट पर भी खोजेंगे .

 मैं बहुत संक्षिप्त में कार्य्य्र्म के बारे में बताऊँगा जिससे आपको कार्यक्रम के बारे में और RCP के कार्य करने और उसकी विचारधारा के बारे में जानकारी मिलेगी ।
कार्यक्रम की शुरुआत सभी ने संविधान उद्देशिका पढ़ कर की । उसके बाद सीन्यर साथियों ने बाबा साहेब , महात्मा फूले, और शाहू महाराज पर माल्यार्पण किया ।

बाबा साहेब की १२६ जयंती थी हमने बच्चों के हाथ केक कटवा कर बाबा साहेब की १२६ जयंती मनाई।

उसके बाद प्रमुख मार्गदर्शको ने अपने प्रेज़ेंटेशन दिए उनके नाम और डिग्री आपने हैंड्बिल में देखा ही था नीचे भी बैनर में नाम दिए है । इसके अलावा हमारे 
कार्यक्रम दो सेशन में था पहला १०:३० से १ :३० बजे तक फिर १:३० २:०० बजे तक ब्रेक और लंच था ताकि लोग रेफ़्रेश हो जाए दूसरा सेशन २-४ बजे तक था और फिर ४-५ बजे तक सीन्यर साथियों और उपस्थिति लोगों ने अपने विचार रखे । 
गाइड करने वालों में C A प्रभावती जी , ब्रिजेश जी , संजय वैराल जी , सी पी सरोज जी , डा० रमाशंकर भारत जी , और राजेश जी ने बहुत अच्छी तरह से पेरेंट और बच्चों को गाइड किया । RCP की तरफ़ से इन सभी को फुले और सावित्री बाई की फ़ोटो लगी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । 
इसके अलावा १५ सेट के एक प्रशंन बच्चों को दिए गए थे नीचे आप इमेज में देख सकते है उन प्रश्नो को । यह प्रश्न बुद्ध, अम्बेडकर , फुले और पासी समाज से जुड़े थे । सबसे जयदा उत्तर देने वाले तीन विद्यार्थियों को पुरस्कार दिया गया । इसी बहाने कम से कम इन लोगों ने नेट पर से समाज के बारे में जानने की कोशिश की । 
RCP पूरी तरह से युवाओं द्वारा संचालित है जिसके बेस में बहुत से सीन्यर साथी सहयोग दिए है जिसके कारण यह ग्रुप खड़ा है ।RCP ग्रुप पर न सिर्फ़ सीन्यर साथियों ने बल्कि समाज के लोगों ने भी भरोसा किया यह RCP के लिए गर्व की बात है ।
धन्यवाद , जय भीम 
           -RCP टीम , मुंबई 

समाजवादी सरकार में क़ब्ज़ा की गई ज़मीन वापस दिलाने के लिए मुख्यमंत्री से गुहार !


उत्तर प्रदेश सरकार बदलते ही गरीबों को न्याय मिलने की उम्मीद भी जग गई है। बीजेपी ने अपने चुनावी वादों में जमीनों पर अबैध कब्ज़े को हटाने का वादा किया है। समाजवादी सरकार में दबंगो द्वरा कब्जा गरीबो की ज़मीन वापस दिलाने के लिए हर दिन विज्ञापन अखबारों में छाया रहता था। इसीलिए शायद गरीबो ने भाजपा को वोट भी दिया है। इलाहाबाद के सरायइनायत थाना अंतर्गत जीतलाल पासी  की ज़मीन वर्षो से एक दंबग यादव ने कब्जा कर रखा है। जिस उसने ढाबा बना रखा है। ग़रीब पासी ने बहुत हाथ पांव मारा लेकिन सपा सरकार में कोई सुनावई नही हुई। सरकार बदलते ही न्याय की आश जीतलाल ने मुख्यमंत्री योगी को चिट्ठी लिखकर न्याय की गुहार लगाई है  मुख्यमंत्री के नाम लिखे पत्र  में लिखते हैमैं जीत लाल पासी पुत्र स्व० श्रीनाथ ग्राम- दुल्हापुर , परगना झूसी,तहसील- फूलपुर,जिला- इलाहाबाद ( विधान सभा 256 फूलपुर) पिछले 40 वर्ष से झोपड़ी मे रहने के लिये इस लिये विवश हुँ। कि हमारी भूमिधरी की जमीन गाटा संख्या  क्षेत्रफल 0.1500 जी० टी रोड से सटी (अनुमानित कीमत लगभग चालिस लाख) पर एक दबंग शम्भूनाथ यादव उर्फ पहलवान यादव प्रोपराइटर पहलवान ढाबा का गैरकानूनी कब्जा है। भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में दबंगो द्वारा जबरन गरीबो की जमीन को कब्जा से मुक्त करवाने का विज्ञापन दिया जा रहा था। जिसे देखकर मैन भाजपा को वोट दिया। 
अनुरोध है कि अपना चुनावी वादा पूरा करते हुए मेरी कब्जा की गई जमीन वापस करवाई जाए। अति कृपा होगी।
                     #जीतलाल_पासी 
                मो._____ 751892566

एक पापा ऐसे भी , दामाद ने बेटी पर उठाया हाथ तो ……

दामाद ने बेटी की इसतरह पिटाई की की बेटी को आँख पर लगे ७ टाँके । दहेज को लेकर दामाद पहले भी प्रताड़ित कर रहा था । बेटी को इस तरह घायल देखकर …


आम पिता की तरह दामाद के हाथ पैर जोड़ने और समझाने की बजाय सड़क पर डंडो से पीटा । दामाद को बहुत बढ़िया सबक़ सिखाया है । 

महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा का बहुत सकरात्मक जवाब दिया है । 

आपकी क्या राय है कमेंट में ज़रूर लिखे ..और सहमत हो तो शेयर करे ।

राजेश पासी , मुंबई