पासी समाज की प्रतिभाओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समाज का नाम रोशन किया ।


मुंबई :समाज में प्रतिभाओं की कमी नहि है , मौक़ा मिलते ही वह सिर्फ़ समाज ही नहि पूरे देश का नाम रोशन करते है । 

हाल ही में पासी समाज की तीन प्रतिभाओं ने अंतरष्ट्रिय स्तर पर अपनी प्रतिभाओं का लोहा मनवाकर समाज और देश का नाम रोशन किया है ।
इसमें सबसे पहले है भारती इन्दु राजेंद्र सरोज । 

जैसा की आप सभी लोगों को ज्ञात होगा की इसी महीने के शुरू में काठमांडू,नेपाल मे अंतर्राष्ट्रीय ‘जोमासार’ रेशलिंग स्पर्धा,2017 का आयोजन हुआ था।

जिसमें पासी परिवार की बिटिया *भारती इंदु राजेन्द्र सरोज* की मेहनत लायी रँग और उन्होंने जीता *गोल्ड मेडल*,वह भी 

*प्रथम स्थान* के साथ।

 कूकाइस अंतरष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक हासिल कर देश और समाज का नाम रोशन किया।

एक समय ऐसा भी था जब इन्दु के लिए इस स्पर्धा में असंभव सा प्रतीत हो रहा था । ऐसे में मुंबईपासी समाज और इन्दु जी के शुभ चिंतकों ने पूरा सहयोग दिया । शुरुआत की श्री बाबूलाल पासी जी ने फिर बलिराम सर , युवा व्यवसायी राजेंद्र सरोज जी , सहयोग के लिए आगे आए इसके अलावा पासी समाज की संस्था अखिल भारतीय पासी विकास मंडल ने भी समाज की तरफ़ से सहयोग किया। इन्दु भारती जी का अगला लक्ष्य कनाडा में होने वाली प्रतियोगिता में जीत हासिल करना है ।

इसके अलावा पासी समाज के श्री एस. प्रसाद जी साहेब के सुपुत्र आकाश सरोज ने hip hop की दुनिया में तहलका मचाया है।

आकाश सरोज ने hip hop डांस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल कर गोल्ड मेडल प्राप्त किया।


आने वाले समय में आकाश सरोज आप सभी लोगों के आशीर्वाद से अमेरिका भी जा के पासी परिवार का नाम रोशन करने वाले है।

इसके अलावा मुंबई के युवा व्यवसाई श्री प्रमोद सरोज जी को बैंकाक में आयोजित ९ वें अंतर्रष्ट्रिय शिखर सम्मेलन में थाइलैंड के प्राइम मिनिस्टर के हाँथों अवार्ड मिला । यह हाल के महीनो में दूसरी बार उन्हें और उनकी कम्पनी CPS डिवेलपर एंड कोंसलटंसी को अवार्ड मिला है । यह प्रमोद जी और उनकी टीम की मेहनत का ही नतीजा है की उन्हें इंडिया की फ़ास्टेस्ट ग्रोइंग कम्पनी के लिए चुना गया ।
इन सभी पासी प्रतिभाओं से आगे आने वाले समय में पासी समाज और देश को काफ़ी कुछ मिलने वाला है यह सभी सिर्फ़ समाज का नहि बल्कि देश का नाम भी रोशन करेंगे ।


आप सभी प्रतिभाओं को श्री पासी सत्ता परिवार की तरफ़ से बहुत बहुत बधाई ।

“राष्ट्रपति चुनाव 2017”-जानिये किस पार्टी के पास है कितने वोट

राष्ट्रपति चुनाव 2017 :- इस चुनाव में भाजपा गठबंधन ने दलित कार्ड खेलते हुए। बिहार के राजपाल रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार बनाया है ।वही कांग्रेस ने भी भाजपा के नक्शे कदम पर चलते हुए दलित समाज में पैदा हुई पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के नाम पर सहमति जताई है ।

राष्ट्रपति चुनाव में कुल वोट के 48 फ़ीसदी वोट NDAके पास हैं. इनमें से 40 फ़ीसदी केवल भाजपा का है. दूसरी तरफ़ एआईएडीएमके के पांच फ़ीसदी, बीजेडी के तीन प्रतिशत, टीआरएस के दो फ़ीसदी, जेडीयू के दो फ़ीसदी से कम और वाईएसआरसीपी और आईएनएलडी दोनों को मिलाकर दो फ़ीसदी वोट हैं. इन सभी को मिलाकर 14 फ़ीसदी वोट हैं.

इन पार्टियों ने भी एनडीए प्रत्याशी को समर्थन देने का फ़ैसला किया है. ऐसे में रामनाथ कोविंद के पक्ष में 62 फ़ीसदी वोट हैं. अभी कांग्रेस और उसके सहयोगियों के पास महज 34 फ़ीसदी वोट हैं.अगर यही स्थिति रही हो मीरा कुमार की मौजूदगी रस्मअदाएगी के सिवा कुछ और नहीं रह जाएगी. राष्ट्रपति चुनाव में कुल वोट 10,98,903 हैं. इन वोटों में 5,49,408 सांसदों के और 5,49,495 विधायकों के वोट हैं. राष्ट्रपति चुने जाने के लिए किसी भी उम्मीदवार को 50 फ़ीसदी वोट चाहिए.

जानिए कि स पार्टी के पास हैं कितने वोट-

  • बीजेपी- 4,42,117
  • कांग्रेस- 1,61,478
  • टीएमसी- 63, 847
  • टीडीपी- 31,116
  • शिव सेना- 25, 893
  • समाजवादी पार्टी- 26,060
  • सीपीएम- 27,069
  • बीएसपी- 8,200
  • जेडीयू- 20, 935
  • आरजेडी- 18,796
  • डीएमके- 18, 352
  • एनसीपी- 15, 857

रोहतास (सासाराम) में चंद्रशेखर आजाद रावण की रिहाई की मांग में एकदिवसिय धरना का हुआ आयोजन


सासाराम रोहतास:- आज दिनांक 23-06-17 दिन शुक्रवार को बिहार राज्य के रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम समाहरणालय के गेट पर एकदिवसीय धरना का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। ये एकदिवसीय धरना सहारनपुर के सबीरपुर में हुए दलित अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले भीम आर्मी चीफ भाई चन्द्रशेखर आजाद रावण की गिरफ्तारी के विरोध में तथा उनकी रिहाई के मांग के लिए रखा गया था । ये धरना बुद्ध आंबेडकर युवा मंच तथा द ग्रेट भीम आर्मी बिहार के तत्वाधान में किया गया । इस धरना प्रदर्शन में अरविन्द कुमार चक्रवर्ती , द ग्रेट भीम आर्मी बिहार के अध्यक्ष अमर आजाद, अमित कुमार, भैयाराम भारती, अंकुर पासवान, प्रदीप पासवान, डॉ सुनील कुमार, आलोक पासवान , अजय यादव , सुनील कुमार पासी, अमरेश रंजन, धर्मवीर कुमार, गौतम कुमार, दिलीप कुमार मौजूद थे । सभा का संचालन प्रदीप पासवान में किया । सभी वक्ताओं ने देश में और यूपी में बीजेपी के शासन में दलित अत्याचार पर अपना मंतव्य रखा तथा मोदी और योगी की दलित विरोधी नीतियों का जमकर विरोध किया गया । अंकुर पासवान ने जोरदार भाषण देते हुए दलितों पर छुप कर हमला करने वाले मनुवादी ताकतों को आमने सामने की लड़ाई की मंच से खुली चुनौती दी । वही पटना से आये द ग्रेट भीम आर्मी के अध्यक्ष अमर आजाद ने कहा की जब तक चन्द्रशेखर आजाद रावण की रिहाई और दलितों पर हमले बन्द नही होते है तब तक पुरे देश के बहुजन छात्र आंदोलन करते रहेंगे । 

सभा के अंत में द ग्रेट भीम आर्मी के अध्यक्ष अमर आजाद जी को स्मृति चिन्ह के रूप में बाबा साहेब की फ़ोटो भेट करके सभा का समापन किया गया । धरने में पुरे रोहतास जिले के तमाम दलित बुद्धिजीवी चिंतक और सासाराम राजकीय कल्याण छात्रवास के सैकड़ो दलित छात्र उपस्थित थे । कुल मिलाकर धरना सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ और एक शिष्टमंडल रोहतास जिलाधिकारी के समक्ष जाकर अपनी मांगो के सम्बन्ध में एक ज्ञापन सौपा।

                                      अमित कुमार 

                                दिनारा रोहतास बिहार

                      

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मीरा कुमार बिहार के दलित समुदाय में चमार जाति से हैं । और वे पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री जगजीवन राम की सुपुत्री हैं। मीरा कुमार 1973 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुई। वे कई देशों में नियुक्त रहीं और बेहतर प्रशासक साबित हुई। इनके पति मंजुल कुमार  

राजनीति में उनका प्रवेश अस्सी के दशक में हुआ था। 1985 में वे पहली बार बिजनौर से संसद में चुन कर आई। 1990 में वे कांग्रेस पार्टी की कार्यकारिणी समिति की सदस्य और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की महासचिव भी चुनी गई। 1996 में वे दूसरी बार सांसद बनीं और तीसरी पारी उन्होंने 1998में शुरु की, 2004में बिहार के सासाराम से लोक सभा सीट जीती। 2004 में यूनाईटेड प्रोग्रेसिव अलायन्स सरकार में उन्हें सामाजिक न्याय मंत्रालय में मंत्री बनाया गया। इस बार वे पाँचवीं बार संसद के लिए चुनी गई हैं। मीरा कुमार भारत की पहली महिला लोकसभा स्पीकर हैं। जीएमएसी बालयोगी के बाद वे दूसरी दलित नेता है जो इस पद तक पहुंचे।

 बुरा न माने ,योग दिवस पर कुछ कड़े शब्द भी बर्दाश्त कर मन शुद्ध करें 

समाज के सरकारी नौकर जो अपनी जिंदगी के 60 बरस फाइलों में गवां दिए हो। 
समाज का दर्द क्या ,जो अपने गांव वाले परिवार का दर्द भी महसूस न किये हो।
भ्रष्टाचार से अकूत धन कमाने के लिए जो अपने मित्र और रिस्तेदारों तक को न बक्शा हो ।
जिनके मन और मष्तिष्क में लोभ ,लालच, हवस भरा हो। जिनकी निगाहें गरीब बहन बेटियों पर तिरक्षी हो। 
जिनको सरकार अब फ़ाइल पलटने और उस पर दस्तख़त के लायक भी न समझ रही हो । 
रिटायर्ड होने के बाद ऐसे लोग समाज को संगठित करने का ठेका लेते है।
कहाँ ले जाएंगे समाज को ? जीवन के अंतिम पड़ाव पर संगठन जैसा जोख़िम भरा काम कैसे कर सकेंगे ?
 न उम्र की दौलत ,न शारीरिक क्षमताएँ ,बस अंहकार की दौलत के सहारे कब तक चलेंगे ?

कैसे होगा समाज का बेहतर निर्माण , कैसे होगा युवाओं का सपना साकार ।
कुछ तो शर्म करों ,युवाओं का साथ दों 
खुद को सम्मान दों, समाज को बढ़ने दों।

अजय नगर ,बिहार का एक ऐसा गाँव जहाँ असुविधा के कारण सौ से ज्यादा लोगो की मौत हो चुकी है 

बिहार:- नवादा जिले का अजय नगर गाँव जहाँ आज भी विकास के नाम पर कुछ भी नही है ।अजय नगर की स्थापना 1978 ई0 में हुई थी ।यह गाँव रोह प्रखण्ड से लगभग 15 किलोमीटर  की दुरी पर छनौन पंचायत में है ।जिस की कुल जनसंख्या 1500 सौ के करीब है ,घरो की बात करे तो कुल 125 घर गाँव में है । गाँव ,पहाड़ी क्षेत्र में होने के कारण यहाँ पानी की सबसे बड़ी समस्या है ,पुरे गाँव के लिए मात्र एक ही सरकारी कुआँ है चापाकल का तो नामोनिशान नही । गाँव में अनुसूचित वर्ग से सम्बन्ध रखने वाले रजवार जाति के लोग ही सिर्फ निवास करते है । पहाड़ की खुबसुरत वादियो में बसा यह गाँव विकास से कोसो दुर है ।ना सड़क ना ही स्वास्थ्य उपचार के लिए अस्पताल है।ग्रामीणो ने बताया ,गाँव में अस्पताल और शहर से जोड़ने वाली पक्की सड़के न होने के वजह से पीड़िता की मौत रास्ते में ही हो जाती है ।गाँव के बीमार लोगो को अस्पताल चारपाई से ले जाने पर हम लोग विवश है ,उनकी कोई नही सुनता ,मुखिया सरपंच BDO सब अनदेखी कर देते है ।शिक्षा के नाम पर मात्र एक प्राथमिक विद्यालय है ।और एक आंगनवाड़ी केंद्र है,जो सुचारू रूप से संचलित भी नही होता।

रोजगार के बिषय में पूछे जाने पर गाँव वालो ने नम आँखो से कहा ,बस किसी तरह दूसरे गाँव में जा कर मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे है । उन्होंने बागवानी और सब्जी की खेती की इच्छा जताइ जिससे कि जीविकोपार्जन हो सके।परन्तु सिंचाई के व्यवस्था का अभाव रहने के कारण व्यवसाय का घोर अभाव है।।गाँव के ज्यादा तर नौजवान दूसरे प्रदेशो में काम करने पर मजबूर है।

गाँव की सबसे अच्छी बात ये है की यहाँ का बच्चा बच्चा अम्बेडकर को अपना आदर्श मानते है और जय भीम के नारे लगाते है

हम आशा करते है सरकार इन्हें सरकारी योजना का लाभ पहुँचाए और एक सुखी जीवन मुहैया कराये ।

जय भीम

मानुवाद का मुख्य सिध्दांत 


ब्राह्मणवाद एक ऐसी खतरनाक मानसिक बीमारी के रूप में देश में देखा जाना चाहिए। जब से ब्राह्मणवाद वाजूद में आया है। देश की प्रगति रूक गई है। देश कई बार गुलामी का दंश झेल चुका है। देश के टुकड़े भी हो चुके हैं। इसी मानसिक बीमारी से ग्रस्त सरकारे भी आती रही हैं। ब्राह्मणवाद का सबसे पहला सिध्दांत यही है कि अपने सामने किसी भी समुदाय की किसी भी विचारधारा को किसी भी तरह से पनपने ही न दिया जाए। ब्राह्मणवाद का सिध्दांत ये भी है कि बहुजनो को अनेको टुकड़ों में बाॅट दिया जाए। और टुकड़ों में बाटॅ कर इनके ऊपर अपना वर्चस्व कैसे कायम किया जाए। उन्हें किस तरह से प्रगति उन्नति प्रगति की दौड़ से पीछे रखा जाए उन्हें
शैक्षिक स्तर

पर कमजोर और मानसिक विक्लांग बना कर पीछे रखा जाए। मतलब ये है कि बहुजन जितना निरीह कमजोर और गरीब रहेगा। उतनी आसानी से उसके ऊपर शासन किया जा सकता है। आप देखे सरकार के जितने भी तंत्र हैं।उसको संचालित करने वाले लोग ब्राह्मणी मानसिकता से ग्रस्त लोग हैं। सरकारी तंत्र में वैठे लोग देश की आम जनता की तंगहाली, बदहाली, गरीबी, कमजोरी, बिमारी देखकर बड़ी खुशी होती हैं। आप गांव वे कस्बों में देखें जो ब्राह्मणी विचारधारा का शख्स बहुजनो को आज भी फलतें फूलते देखकर कितना जलता है। इसी जलन का नतीजा पूरे देश में सामने आ रहा है। इसका जीता जागता साबूत सहारनपुर मन्दसौर की घटना है। ऐसी घटनाएं देश में आए दिन होती रहती हैं। कुछ मनुवादी मानसिकता के लोग ऐसी घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं। मनुवादी मानसिकता के लोग हमेशा यही चाहते हैं कि बहुजन समाज के लोग शारिरिक तौर पर कमजोर रहें, मानसिक तौर पर, शैक्षिक तौर पर, आर्थिक तौर पर, सामाजिक तौर पर, तथा राजनीतिक तौर पर हमेशा कमजोर रहें। जबभी बहुजन समाज के लोग ऐसे रोगों से लङने की कोशिश करते हैं तो ये मनुवादी अपना कुचक्र इनके खिलाफ चलाना शुरू कर देते हैं। देश के बुध्दिजीवी देश को महाशक्ति बनाने के सपने देखते हैं। देश में बेमतलब और फालतू के सवाल खड़े किए जाते हैं। और देश की मीङीया रात दिन इसी के ङिवेट करती रहती है। ऐसा लगता है कि देश में और कोई समस्या ही न हो। ये ऐसी समस्या को बङी बनाने मे लगे रहते हैं। मीङीया और सरकार में वैठे लोग ज्यादातर मनुवादी मानसिकता के लोग हैं। देश तभी महाशक्ति बना पाएगा जब देश का आम नागरिक शारीरिक तौर पर, मानसिक तौर पर, स्वस्थ होगा आर्थिक तौर पर मजबूत होगा शैक्षिक स्तर पर हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करेगा तथा राजनीतिक तौर पर मजबूत स्थिति में होगा तभी देश महाशक्ति बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा। ये बिकाऊ मीङीया देश की छवि जो उजागर कर रहा है। इसे क्या माना जाए? धन्यवाद।

मै कुछ कहना चाहता हूं। 

दलित , महादलित, अनार्य, शुद्र, महार ,चमार, डॉम .ऐसे  अन्य जातिया जिन्हें जाती के रूप में हमारे ऊपर थोपा  गया पहले हमे इन जातियों से छुटकारा पाना हैं 

खुद को एक इन्शान बनाना हैं जो नहीं बनना चाहते उन्हें छोडो एक दिन वो खुद इस दुनिया से चले जायेगे पर जो नए आयेंगे उन्हें तो खुछ नया सिखाओ,,, बाबा साहेब  समानता चाहते थे जो खुद हम दलितों में नहीं मुझे दलित शब्द का प्रयोग करना बिल्कुल पसन्द नहीं पर क्या करू  लोग इस शब्द को अपने माथे पे चिपकाये हुए हैं क्यों नही छोड़ते  हम इस शब्द को क्या खुद को एक सभ्य मानव जाति का नही बना सकते जो न माने उन्हें जाने दो क्यों उनके पीछे पड़े हो ….मानता हूँ बाबा साहेब प्रयासों से आज हम कुछ हद तक समानता के साथ  हैं पर जब तक हम खुद को ऊँचा नहीं उठा लेते हम बाबा साहब के सपनो को साकार नहीं कर सकते हम खुद को दलित कहना छोड़ दें क्या ये जरुरी नही मैं ये सवाल उन बुध्दि जीवी दलित लोगो से पूछ रहा हूँ जो खुद को दलित समुदाय का नेता या मार्ग दर्शक कहते फिरते हैं मैं  खुद को एक इन्शान के रूप में देखना चाहता हूँ मुझे इतना पता हैं की बाबा साहेब ने कहा था””पैदा हिन्दू हुआ पर मरुगा नहीं ”” इसका मतलब क्या हैं यही न की पैदा हुआ इन्शान क्या हिन्दू पैदा होता हैं ? “नहीं” मेरा जवाब यही रहेगा और हर एक इन्शान का जवाब यही होगा लेकिन एक कट्टरवादी का जवाब हिन्दू ,मुसलिम या  कोई धर्म या जाती से होगा में कहता हूँ क्या हम पैदा होते ही जय श्रीराम या खुदा  का नाम लेते हैं या खुद को दलित कहते हैं नही हम एसा कुछ नहीं कहते हम जब पैदा होते हैं  हम रोते दर्द होता हैं पर हम बोल नहीं सकते उस वक्त न हम हिन्दू न मुस्लिम या आर्य न शुद्र हम सिर्फ एक नई उपज होते हैं जिसको कोई ज्ञान नहीं होता हमे कुछ पता नही होता  सिखाने वाले हमारे माता  पिता सबसे पहले गुरु फिर हमारा परिवार फिर समाज फिर दुनिया जो हमको सिखाती हैं हम अपनी मर्ज़ी से कुछ नहीं सीखते जो खुद सीखते हैं वो सबसे जुदा होते हैं जैसे बाबा साहेब , महावीर, बुध्ध ,ऐसे  कई नाम हैं जो कभी इस संसार को सही बात बताने आये पर हम खुद में उलझे रहना पसंद करते हैं राम का नाम या मोहम्मद की बात या करो ईशा की बात सबने एक ही बात बताई  इन्शानियत की बात, बस कुछ लोगो की राजनीती इनको बदनाम कर चुकी हैं इनके नाम पे हमे कट्टर बनाया जाता हैं फिर हमको आपस में लड़ाया जाता हैं हमे कट्टर नहीं हमे एक इन्शान बनना होगा   सुखी रहेगे।।। मानता हूँ मेरी बातो को कुछ लोग पसंद नही करेगे क्योंकि  सभी के दिमाग में एक कट्टर धार्मिक इन्शान हैं पर कही एक इन्शान नहीं मिलता बस और क्या कहूँ में जिसे ढूढने निकला ओ भगवान नहीं मिलता———-– अच्छेलाल सरोज, इलाहाबाद

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बिहार सरकार और बिहार पुलिस पासी लोगो को कर रही प्रताड़ित ।


बिहार की राजधानी पटना के महेन्द्रू इलाके से एक पासी परिवार अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ दर दर भटक रहा है, सरकारी ग़ुलामों ने उसके घर को सील कर दिया है क्योंकि वो नीरा बेच रहा था और बचे हुए नीरा को ताड़ी का हवाला देकर प्रशासन ने महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया,और घर से  बच्चों को बाहर निकाल कर घर को जब्त कर लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार मंटू चौधरी,नाम का व्यक्ति है,महेन्द्रू के पास गांधी मूर्ति वाले गली में घर है,पिछले महीने उसके घर पे छापा पड़ा,घर में सिर्फ उसकी पत्नी मौजूद थी,पुलिस उसे पकड़ कर ले गई,जब मंटु ने उसका बेल करवा लिया तो तीसरे दिन पीरबहोर थाना ने बिना कोई पूर्व सूचना के इनको घर से बाहर कर घर को सील कर दिया । क्या यह पुलिस का अन्यायपूर्ण रवैया नही है ,क्या पुलिस का यह बिना किसी पूर्व सुचना के किसी का मकान जब्त करना सांविधानिक है । क्या पुलिस के इस रवैये से नही लगता की पुलिस सरकार के निर्देश पर एक जाती विशेष के लोगो (पासी) को टारगेट कर रही है । पुलिस लगभग बिहार में सभी जगहों पर पासी लोगो को प्रताड़ित कर रही है जबकि बिहार सरकार ने नीरा बेचने की अनुमति दे रखी है फिर भी पुलिस अपने हरकतों से बाज नही आ रही है और नीरा को ताड़ी बता कर पासी लोगो पर एफआईआर करके उन्हें जेल भेज रही है । महागठबंधन वाली सरकार में पासी लोगो को पुलिस द्वारा प्रताड़ित किये जाने पर भी सरकार के सभी दलित और पासी समाज के प्रतिनिधि मौन है । उम्मीद जताई जा रही है की अगर बिहार सरकार और बिहार पुलिस अपना रवैया नही बदलता है तो महागठबंधन को खुल कर समर्थन करने वाला पासी समाज मज़बूरी में अगले चुनाव में बिपक्ष का साथ देगा । बिहार में लगभग 20 लाख पासी मतदाता है ।

                                   अमित कुमार 

                            दिनारा रोहतास बिहार

पत्रिका की पहुँच 20 देशों में , स्पेन से भी माँग !


मैं हमेशा से सोशल मीडिया का बेहतर उपयोग करने का पक्षधर रहा हु । इंटर्नेट और सोशल मीडिया का वैचारिक क्रांति और समाज के लिए उपयोग किया जा सकता है ।
कल मैंने एक पोस्ट लिखी थी आर्यों के जेनेटिक के ऊपर जिसमें आर्यों के यूरेशिया से आने की बात को प्रूफ़ कर बाक़ी सारी बहस बंद करा दी । हमारे पासी समाज में तो रेसपोंस कम मिला पर दूसरी  जाति के लोगों काफ़ी रुचि दिखाई , कई ने रिप्लाई दिए ,कुछ ने पूरी रिपोर्ट भी मँगवाई जो उनके पर्सनल पर भेज दिया गया है ।
एक ने तो स्पेन से रिपोर्ट माँगी है यही है मीडिया की ताक़त। 
सोशल मीडिया में हम कुछ भी लिखते है उसे लोग पड़ते है भले कुछ रिप्लाई या रीऐक्शन न दे पर पढ़ते ज़रूर है इसलिए इसका अच्छा उपयोग ज़रूरी है.
श्री पासी सत्ता अपना पासियो का मीडिया लाखों लोगों द्वारा पढ़ी जाती है अल्लाहाबद में प्रूफ़ के साथ दिखाया गया था और साथ ही क़रीब दुनिया के 20 से ज़्यादा देशों में हमारे न्यूज़ पोर्टल को पढ़ा गया था यह भी दिखाया था ।

इसलिए हम हमेशा से कहते है सोशल मीडिया बहुजन समाज के लिए वरदान है इसका सहि उपयोग ज़रूरी है ।
श्री पासी सत्ता के बाद हम एक और न्यूज़ पोर्टल बनाने के आख़िरी चरण में है राष्ट्रीय सत्ता जो पूरे बहूजनो की आवाज़ होगी । जो भी साथी बहुजन समाज में हो चाहे किसी भी जाती के अगर लिखने पढ़ने रुचि है तो आप न्यूज़ पोर्टल के ऑथर बन सकते है और ख़बरें और लेख लिख सकते है । कृपया हमसे सम्पर्क करे । लेखकों और बुद्धिजीवि वर्ग बहुत सहयोग कर सकते है ।
धन्यवाद 

जय भीम