पढ़िए,राम लखन पासवान को आमिर ख़ान ने कैसे बनाया अपना अजीज़ मित्र !

रामलखन पासवान के बेटे की शादी मेंआमिर खान

2009 का समय एक बूढ़ा व्यक्ति बनारस के ऑटो ड्राइवर रामलखन पासवान के ऑटो को बनारस की गलियों में अपने परिचय के लोगो को ढूंढने के लिए बुक करता है। रामलखन उस बूढ़े व्यक्ति को 2 दिन बनारस की गलियों में घुमाता है और लेकिन तीसरे दिन ही वह उस बूढ़े व्यक्ति की हकीकत जान जाता है। 

वह बूढ़ा व्यक्ति कोई और नही बॉलीवुड बेहतरीन एक्टर आमिर खान थे। 3इडियट मूवी के प्रमोशन के लिए भेष बदल अलग-अलग शहरो में आमिर घूम रहे थे और अगले शहर में जाने से पहले क्लू दे देते थे। लेकिन इस क्रम में वह जब बनारस आये तो राम लखन पासवान जैसे नेकदिल व्यक्ति की ईमानदार, सज्जन छवि ने आमिर का दिल जीत लिया था। 

आमिर मुम्बई जाने से पहले रामलखन को अपना मोबाइल नंबर देकर गये थे और तब से लगातार रामलखन और आमिर खान संपर्क में रहते है और खास मित्र बन गए है, इसी मित्रता को निभाने के लिए आमिर बनारस में रामलखन के बेटे की शादी में शामिल होने भी आये थे।
-सोनू सिंह पासी, वाराणसी

मुंबई में पासी समाज के विद्यार्थियों का सम्मान समारोह !

आरसीपी संस्था द्वरा सम्मानित बच्चें}


मुंबई :आज ९ जुलाई २०१७ को RCP द्वारा मुंबई के उन विद्यार्थियों का सम्मान समारोह दहानुकर कालेज में आयोजित किया गया जिन्होंने ६०% से अधिक मार्क लेकर आए थे । यह प्रोग्राम काफ़ी सफल रहा क्योंकि कार्यक्रम द्वारा मुंबई पासी समाज की एकता का भी अच्छा संदेश पहुँचाया गया । और इस सफलता का कारण RCP नहि थी इस सफलता कारण वह तमाम साथी थे जिन्होंने RCP पर भरोसा किया और सपोर्ट किया । मुंबई पासी समाज की तक़रीबन सभी संस्थाएँ और ग्रुप इस आयोजन में शामिल हुए । आज इस आयोजन में मुंबई से नीचे दी हुई सभी संस्थाओ से लोग उपस्थित हुए । यह वह लोग है जो पासी समाज की एकता की आवाज़ उठाए हुए है –
1. – राष्ट्रीय पासी समाज ,मुंबई ,2.- अखिल भारतीय पासी समाज ,कल्याण मुंबई 3 -अखिल भारतीय पासी विकास मंडल – कंदीवाली शाखा मुंबई ,4.-अखिल भारतीय पासी विकास मंडल – घाटकोपर शाखा मुंबई ,5.- अखिल भारतीय पासी विकास मंडल – सायंन शाखा मुंबई

कार्यक्रम के भागीदार रहे लोगों के ग्रुप फ़ोटोग्राफ

आप सभी लोगों के सहयोग के बिना यह पॉसिबल नहि था । मैं सभी लोगों का नाम नहि ले रहा हु पर कुछ लोगों को धन्यवाद ज़रूर देना चाहूँगा जिनके विशेष सहयोग से यह सम्भव हुआ , राम प्रसाद जी , पवन रावत जी , डॉक्टर रमाशंकर भारती जी , नंदलाल जी , डॉक्टर रामनारायण जी ,हीरालाल जी , राजाराम जी (बांद्रा) रामराज जी ( कंदीवाली) , रविंद्र भाई और मुकेश भाई , रविंद्र जी ( घाटकोपर ) , प्रो विरेंद्र जी ,गोपाल जी , उदयराज भाई , उमापती भाई आप लोगों का सहयोग जाया नहि जाएगा आने वाले समय में मुंबई पासी समाज का चेहरा ज़रूर बदलेगा और वह बदलाव देश की सभी संस्थाओ को सकारात्मक संदेश देगा ।
प्रोग्राम के बारे में बात करे तो जैसा की आप लोग जानते है RCP के प्रोग्राम’ पारम्परिक तरीक़े से हटकर होते है । और प्रोग्राम में महिलाओं की भागीदारी बहुत ज़्यादा होती है । महिलायें न सिर्फ़ अपने विचार रखती है बल्कि प्रश्न करती है पूरे आयोजन में इनकी भागीदारी रहती है । महिलाएँ यहाँ आकर चुप -चाप बैठ कर सुनती नहि है बल्कि अपनी मज़बूत उपस्थिति दर्ज कराती है । आप फ़ोटो में देख सकते है । अक्सर RCP के प्रोग्राम में न कोई अध्यक्ष होता है न अध्यक्षता न कोई मुख्य अतिथि न किसी के लिए अलग से बैठने की वस्था । सब ईक्वल रहते है जब आप प्रोग्राम में पहुँचेंगे तो पता ही नहि चलेगा कौन ख़ास कौन आम । क्योंकि हम चाहते है लोग प्रोग्राम एंजॉय करे न की सीरीयस हो कर स्पीच सुनते बैठे रहे और फिर चले जाय। आए हुए सभी लोग सिर्फ़ दर्शक नहि बनते बल्कि पर्टिसिपेट भी करते है । वसंत लाल जी ,राम प्रसाद जी , पवन रावत जी , और प्रो विरेंद्र जी ने जहाँ अपनी कविताओं से लोगों को मनोरंजन और हँसी मज़ाक़ का मौक़ा दिया । वहीं CA प्रभावती , डॉक्टर रमाशंकर जी , मुकेश जी , अडवोकेट D V जी , प्रो विरेंद्र जी , राजेश पासी जी ने बच्चों को मर्गदर्शन किया ।

महिलाओं की विशेष भागीदारी के लिए RCP टीम की महिलाओं ने अग्रणीय भूमिका निभाई शोभा जी , संगीता जी , CA प्रभावती जी , उषा जी , पूनम जी , प्रतिमा जी ,नीतू जी ,संगीता पासवान जी को और उपस्थित सभी महिलाओं को भी बहुत धन्यवाद ।

हमारी कोशिश रहती है की आए हुए सभी लोग एक दूसरे से मेल -मिलाप करे यही कारण था प्रोग्राम में और बाद में भी हँसी – मज़ाक़ – ठिठोलि – चर्चाएँ चलती रही । मौजूद सभी महिलाओं और बच्चों को मंच पर बोलने के लिए प्रेरित किया गया । ओवर आल सभी ने एंजॉय किया । इसका अंदाज़ा इसी बात से लगा सकते है की प्रोग्राम ख़त्म होने के बाद भी लोगों को घर जाने की जल्दी नहि थी । सभी मौजूद लोग एक दूसरे से मिल जुल रहे थे , कुछ पहली बार मिल रहे थे सभी के चेहरों पर ख़ुशी झलक रही थी ।

हम चाहेंगे कि मुंबई में पासी समाज के सभी कार्यक्रमों को इसी तरह हम और आप मिल कर सफल करते रहे और एक दूसरे का सहयोग और मान सम्मान करते रहे ।

धन्यवाद
RCP टीम

इलाहाबाद के अजय पासी ने 28 साल बाद दिलाया भारत को स्वर्ण पदक 

इलाहाबाद के लाल एथलीट अजय कुमार सरोज ने भुवनेश्वर में हो रही एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 28 साल बाद भारत को गोल्ड दिलाया है। गोल्ड दिलाकर अजय ने न केवल इलाहाबाद का बल्कि उत्तर प्रदेश और देश का अभिमान बढ़ाने के साथ-साथ पूरा पासी समाज गर्व महसूस कर रहा है। 

इलाहाबाद के राजापुर कस्बे में रहने वाले एथलीट अजय कुमार सरोज ने शुक्रवार को शानदार प्रदर्शन करते हुए 1500 मीटर की दौड़ में अपने प्रतिद्वंद्वी को पछाड़ते हुए गोल्ड पर कब्जा जमाया। अजय ने 1500 मीटर की रेस महज 4 मिनट 45.85 सेकेंड में पूरी कर यह कारनामा किया। इस तरह 28 साल बाद किसी भारतीय ने एथलेटिक्स में गोल्ड दिलाने का काम किया है।

28 साल पहले बलिया के बहादुर प्रसाद ने इस दौड़ का स्वर्ण पदक जीता था। अब इस जीत के बाद अजय भी रतन सिंह, सुरेश यादव, बगीचा सिंह व बहादुर प्रसाद जैसे महान धावकों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं। वहीं अब इलाहाबाद के लाल द्वारा गोल्ड पर कब्जा जमाने के बाद यहाँ लोगों में खुशी का माहौल है। बहुत जल्द अजय सरोज से मुलाकात कर पासी समाज उन्हे सम्मानित करेगा। 

Like us on –

Facebook-Achchhelal Saroj

जातीय हिंसा और बहुजन मीडिया पर प्रतिबंध के दौर में सटीक कहानी

एक चूहा एक व्यापारी के घर में बिल बना कर रहता था. एक दिन चूहे ने देखा कि उस व्यापारी ने और उसकी पत्नी एक थैले से कुछ निकाल रहे हैं । चूहे ने सोचा कि शायद कुछ खाने का सामान है। 
उत्सुकतावश देखने पर उसने पाया कि वो एक चूहेदानी थी।  ख़तरा भाँपने पर उस ने पिछवाड़े में जा कर कबूतर को यह बात बताई कि घर में चूहेदानी आ गयी है। 

कबूतर ने मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि मुझे क्या? मुझे कौनसा उस में फँसना है?

निराश चूहा ये बात मुर्गे को बताने गया। मुर्गे ने खिल्ली उड़ाते हुए कहा -जा भाई,ये मेरी समस्या नहीं है । 

हताश चूहे ने बाड़े में जा कर बकरे को ये बात बताई, और बकरा हँसते हँसते लोटपोट होने लगा।
उसी रात चूहेदानी में खटाक की आवाज़ हुई जिस में एक ज़हरीला साँप फँस गया था। 

अँधेरे में उसकी पूँछ को चूहा समझ कर उस व्यापारी की पत्नी ने उसे निकाला और साँप ने उसे डंस लिया। 

तबीयत बिगड़ने पर उस व्यक्ति ने वैद्य को बुलवाया. वैद्य ने उसे कबूतर का सूप पिलाने की सलाह दी। 

कबूतर अब पतीले में उबल रहा था ।

खबर सुनकर उस व्यापारी के कई रिश्तेदार मिलने आ पहुँचे जिनके भोजन प्रबंध हेतु अगले दिन *मुर्गे को काटा गया। 

कुछ दिनों बाद उस व्यापारी की पत्नी सही हो गयी… तो खुशी में उस व्यक्ति ने कुछ अपने शुभचिंतकों के लिए एक दावत रखी तो बकरे को काटा गया ।

चूहा दूर जा चुका था , बहुत दूर । 

अगली बार कोई आप को अपनी समस्या बातये और आप को लगे कि ये मेरी समस्या नहीं है तो रुकिए और दुबारा सोचिये । 

समाज का एक अंग, एक तबका, एक नागरिक खतरे में है तो पूरा देश खतरे में है। 
अपने-अपने दायरे से बाहर निकलिये। स्वयंम तक सीमित मत रहिये । समाजिक बनिये ।

# I am with national dastak

जानिए, बहुजन मीडिया नेशनल दस्तक़ पर बैन लगाने का कौन है जिम्मेदार ? 

ये जो सज्जन टीका लगाए बैठे हैं वे Umang Bedi हैं. फेसबुक के भारत और दक्षिण एशिया के मैनेजिंग डायरेक्टर. भारत में फेसबुक पर जो भी होता है, उसका श्रेय भी इनका और जो गलत होता है, उसकी जिम्मेदारी भी इनकी.

यह 3 जून, 2017 की तस्वीर है. पूजा चल रही है. पंडित बिजी है. बेदी जी के सिर पर फूल चढ़ाया जा चुका है. भक्ति का माहौल है । अगर आप सोच रहे हैं कि यह बेदी जी का गृह प्रवेश है या उनके घर पर सत्यनारायण की कथा चल रही है, तो आप गलत हैं । बेदी जी यह पूजा फेसबुक के मुंबई के नए दफ्तर में करवा रहे हैं. दफ्तर बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में है।
भारत में मॉडर्निटी का यह अद्भुत रूप है. यह बहुत मिलावटी तरीके से आया है. अमेरिका या यूरोप में आप किसी कॉरपोरेट ऑफिस के उद्धाटन में यह कल्पना नहीं कर सकते हैं कि मैनेजिंग डायरेक्टर पादरी को बुलाकर प्रार्थना सभा करवा रहा है ।
पश्चिम में आधुनिकता चर्च से टकराकर बढ़ी है. गैलीलियो से लेकर ब्रूनो और कॉपरनिकस ने इसके लिए चर्च से पंगा मोल लिया और कीमत चुकाई. ब्रूनो को तो चर्च ने जिंदा चौराहे पर जला दिया । पश्चिम में धर्म व्यक्ति का निजी मामला है.।

भारत में आधुनिकता अजीब तरह से आई है. यहां कोट के नीचे जनेऊ का गंदा धागा जिंदा है। यहां डॉट कॉम का कम्युनिटी मेट्रिमोनी डॉट कॉम बन जाता है.

मिस्टर उमंग बेदी गोल्फ खेलते हैं, सबसे आधुनिक टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं,, कहने को नारी अधिकारों के संरक्षक भी हैं, और इसके साथ सत्यनारायण व्रत कथा ऑफिस के अंदर कराने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं है.  
इसलिए बेदी जी के व्यवहार को भारतीय आधुनिकता की समस्या के रूप में देखें.। 

(वरिष्ठ पत्रकार  दिलीप सी मण्डल की वाल से)

​#IAmWithNationalDastak 

कविता =  © मन की सीमितता

मन की सीमाओं में सीमित  है

पंछी सा जीवन अपना,

परिधि के अंदर ही अंदर 

देख रहा दुनिया का सपना।

अगर न होती ये सीमाएं

जो बन कर के दीवार खड़ी,

तो इन गहरी आंखों में भी

होती दुनिया की तस्वीर पड़ी।

जैसे पिजड़े का पंछी 

नभ में मन से उड़ता है,

नभ क्या वह तो बाधा अंदर

रहता सब कुछ सहता है।

ये सीमाये जो बहुजन के

जीवन को सीमित कर देती,

सब कुछ अंदर ही अंदर 

रहने को पीड़ित कर  देती। 

हो बहुत ओज है सब नकाम

यह दुनिया बहुत विरल है ,

कौन कहा कब पता नहीं है

नहीं सीमा लांघना सरल है।

है बाधा आगे ,बाधा पीछे

चहुँ ओर दीखता है बाधा,

बाधा में ही जीवन जन्मा 

मरते दम तक है बाधा।

तोड़ दो बहुजन मन का बन्धन 

सीमा की परिधि बड़ी करो,

आत्मबल और संयम के बूते

लम्बी लकीर खड़ी करो ।

लेखक – रामकृष्ण ,वरिष्ठ सहायक
 (क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय  इलाहबाद)

राय मांगने पर भी नही मिलता, बदलता भारत? 

नमस्कार शुभ प्रभात राय माँगने पर भी नहीं मिलता है,बदलता भारत ..क्या बदलाव आया है,हम कुछ बदलाव को पूरा बदलता नहीं कहेंगे,क्यूँ कि मालूम है,देश की जनता जो मूल देश की धरोहर है,मूल निवासियों की बात कर रहे हैं,

आज जंगल,रोड़,स्टेशन,फुटपाथ,अन्य,जगह जगह पर सोने को मजबूर हैं,खाना,पानी,तो दूसरी बात,,वो आज तक वोट तक नहीं डाला है,,तो सरकार ने १९५७से  किसका बदलाव कर रही है,मेरे समझ में आया है,हम कुछ पढ़ें लिखे हैं जानते हैं,पर ६०%देश की जनता अनपढ़ है,साछर हैं,पर दसखत करने भर आगे कुछ भी नहीं आता,यहाँ तक दूसरों पर निर्भर रहते हैं,बैंक मे पैसा निकालने,या पैसा गिनना बाबू साहब या पंडित जी को ले जाते हैं,चाहे अपना घर की लड़की,लड़का,बीए पास हो भरोसा नहीं है,,, आप बदलाव की बात कर रहे हैं बहुत अच्छा लगता है,पर क्या समाज के लिए शासन प्रशासन,या समाजिक,समाजसेवी संस्थाओं,का काम क्या है,ंअपना घर भरे,या यूज कर छोड़ कर मंत्री बन कर अपना जीवन सफल बना ले,समाज जहाँ है,वहाँ पर छोड़ कर भागने वाले दलबदल नेता जी हैं,हम गुलगुलिया समाज को देखते रूह कांप जाती है,झूठा भोजन जो आप की पत्तल का बचा हुआ फेका जाता,एक तरफ कुत्ते और एक तरफ गुलगुलिया समाज के लोग,खाना चुनते हैं,और पता नहीं कितने दिन खाते हैं,हम बासी रोटी नहीं खाते हैं,जो अपने बच्चों को करतब और भीख माँगने पर मजबूर हैं,सरकार क्या कर रही हैं,या समाज के लोग क्या कर रहे हैं,हम आज भी गुलाम है,स्रवनो के मानसिकता गुलाम है,हम कुछ दोस्तों के साथ रहा जो मुझे पसंद करते हैं पर जाति पाति के नाम पर,ंछोटजातिया कहते थे,हमारे साथ रहना खाना खा ना और कुछ रहना,पर उनकी अभिलाषा की हमेशा गुलाम की तरह ही रहे हमे गुलामी पसंद नहीं है,हमने उनको छोड़ दिया, हम आकेला मंजूर रहना पर स्वाभिमान के साथ जीवन जिऊँगा,बाबा साहब के वासूलो पर चलूँगा,जय भीम जय भारत,,

लेखक- अर्जुन रावत  

Join Facebook 

स्वराज इंडिया का नया आगाज़। अनुपम बने पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष

• पार्टी में हर स्तर पर हुआ पुनर्गठन। युवाओं के हाथ पार्टी की कमान। 
• दिल्ली सरकार को शराब नीति पर घेरेगी स्वराज इंडिया।

• योगेंद्र यादव ने नई आबकारी नीति सार्वजनिक करने की मांग की।

• स्थानीय लोगों की सहमति के बिना दिल्ली सरकार द्वारा खोले गए ठेकों को बंद करने की भी माँग।
• माँगें नहीं माने जाने पर स्वराज इंडिया जारी करेगी आंदोलन।

योगेंद्र यादव के बगल लाल कुर्ते में अनुपम, पार्टी के वरिष्ट साथयों के साथ

स्वराज इंडिया ने दिल्ली में नया आगाज़ कर दिया है। नए और जोशीले युवा नेतृत्व को दायित्व देते हुए पार्टी का पुनर्गठन किया गया है। स्वराज इंडिया के संस्थापक सदस्यों में से एक 29 वर्षीय अनुपम को दिल्ली की बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। यहाँ प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने अनुपम के नाम की घोषणा की। ज्ञात हो कि अनुपम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और प्रेसिडियम सदस्य रहे हैं। 

कॉलेज के दौरान छात्र-राजनीति में सक्रिय रहे अनुपम को क्रिकेट खेलने, सिनेमा देखने और कविताएं लिखने का भी शौक़ है। मेकैनिकल इंजीनियरिंग की पढाई के बाद अनुपम ने चार साल एक जानी मानी एमएनसी में काम किया, जिसे 2013 में छोड़कर वो सक्रिय राजनीति में कूद पड़े।
स्वराज इंडिया ने हमेशा से ही युवाओं की राजनीतिक भागीदारी पर विशेष ज़ोर दिया है। पार्टी के नए नेतृत्व में भी यह विचार स्पष्ट तौर पर प्रतिबिंबित होती है। नई टीम के अध्यक्ष ही नही, बल्कि पार्टी के कई अन्य पदाधिकारी भी युवा हैं। स्वराज इंडिया ने नवनीत तिवारी को प्रदेश महासचिव की ज़िम्मेदारी दी है, जिनकी आयु 37 वर्ष है। यहाँ तक कि पार्टी के सभी सचिवों की औसत आयु मात्र 35 वर्ष है। पार्टी के कार्यकर्ता, कार्यालय और कार्यक्रमों की देख रेख के लिए सुरिंदर सिंह कोहली, निशांत त्यागी और रमन यादव को प्रदेश सचिव की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी दी गई है।
पटेल नगर की पूर्व विधायक वीना आनंद और सेना से सेवानिवृत्त कर्नल पी के अहलावत को पार्टी ने उपाध्यक्ष का दायित्व दिया है। वहीं कोषाध्यक्ष के तौर पर दीपक भान को ज़िम्मेदारी दी गई है। 
वार्ड से लेकर प्रदेश तक संगठन का हर स्तर पर पुनर्गठन किया गया है। दिल्ली के 70 विधानसभाओं में कुल 14 ज़ोन बनाये गए हैं जिनमें पाँच पाँच विधानसभा होंगे। स्वराज इंडिया ने अपने मूलभूत कार्यप्रणाली के तौर पर “स्वराज केंद्र” का गठन किया है, जो हर वार्ड में जनता की सेवा और संघर्ष के लिए होंगे। स्वराज केंद्र को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए पार्टी ने दिल्ली भर में अपने कई नेताओं को “स्वराज केंद्र कोऑर्डिनेटर्स” की ज़िम्मेदारी भी दी है।
घोषणा के तुरंत बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए अनुपम ने कहा, “आज देशभर में जिस तरह की गंदी राजनीति पनप रही है, उससे मजबूती से लड़ना ही सबसे बड़ा धर्म है। और इसमें युवाओं की मुख्य भूमिका होगी। कांग्रेस हो या आम पार्टी, दिल्ली के इन दोनों विपक्षी दलों के प्रति जनता में घोर अविश्वास और आक्रोश है। देश को बचाने और बनाने वाली पवित्र राजनीति के युगधर्म को हमें ही निभाना है। देशभर में व्याप्त आज की चिंताजनक परिस्थितियों में नई राजनीति की एकमात्र उम्म्मीद है स्वराज इंडिया।”
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने बताया कि दिल्ली सरकार की शराब नीति पर उनकी पैनी नज़र है। उन्होंने माँग किया कि सरकार वर्तमान वित्त वर्ष के लिए अपनी आबकारी नीति सार्वजनिक करके आम लोगों से सुझाव लें। साथ ही, बिना स्थानीय लोगों की सहमति के खोले गए ठेकों को तुरंत बंद करे। योगेंद्र यादव ने लाईसेंस बांटने के संबंध में दिल्ली सरकार के घपलों को आगे उजागर करने की भी बात कही।
ज्ञात हो कि पिछले साल दिल्ली सरकार के धड़ल्ले से बांटे गए शराब लाईसेंस के ख़िलाफ़ स्वराज इंडिया ने ही आवाज़ उठाई थी। दिल्ली के कई रिहायशी इलाकों में स्थानीय जनता की मर्ज़ी के विरुद्ध खुले ठेकों के ख़िलाफ़ पार्टी ने जनसुनवाई की थी। स्वराज इंडिया द्वारा चलाये गए जनांदोलन के दबाव में दिल्ली सरकार बुरी तरह घिर गई थी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साल भर कोई भी नया ठेका नहीं खोलने की घोषणा की थी। 
दिल्ली सरकार की जनविरोधी शराब नीति का खामियाज़ा आम लोग, विशेषकर महिलाओं को झेलना पड़ा है। इस मुद्दे पर स्वराज इंडिया लगातार सक्रिय रही है और पार्टी का नया नेतृत्व भी इसपर अत्यंत गंभीर है।

महाराजा बिजली पासी और पाँच सिख गुरु 

महाराजा बिजली पासी की मूर्तियाँ आपने उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर लगी देखी होगी। पासी समुदाय के इतिहास में उनका प्रमुख स्थान है। माना जाता है कि मध्यकालीन भारत में उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों पर उन्होंने शासन किया था। वह दलितों के सामुदायिक गौरव के प्रतीक भी हैं जो इस बात का प्रमाण हैं कि उनके समुदाय के लोगों ने भी अतीत में शासन किया है। जिस किले से उन्होंने अपने शासन का संचालन किया था उसके अवशेष आज भी लखनऊ में मौज़ूद हैं और जिसे अब एक स्मारक में तब्दील कर दिया गया है। इस स्मारक में बिजली पासी की एक भव्य प्रतिमा लगाई गई है जिसमें उन्हें एक बहादुर मध्यकालीन योद्धा के रूप में धनुष और बाण धारण किए हुए दिखाया गया है।

उनकी इस प्रतीकात्मक छवि के पीछे की कहानी बड़ी दिलचस्प है। जब कांशीराम ने इस मूर्ति को लगाने का निर्णय किया तो उन्होंने शिल्पकारों से कहा कि वे उनकी मूर्ति में उन पाँच सिख गुरुओं के तमाम अच्छी विशेषताओं का समावेश करें जिनकी पूजा दलित भी करते हैं। जैसे कि गुरु अर्जुन देव, गुरु गोविंद सिंह, गुरु नानक देव इत्यादि। यदि बिजली पासी की प्रतिमा को कोई गौर से देखे तो उसमें इन पाँचों गुरुओं के व्यक्तित्व की सर्वोत्तम विशेषताओं की झलक देखी जा सकती है।,,,   ( यह जानकारी समाचार पत्र से ) 

-अच्छेलाल सरोज Join Facebook

जालसाजी के शिकार पीड़ित दम्पत्ति से सबूत मांग रही है पुलिस

ठगी के शिकार रामजी पासी अपनी पत्नी के साथ

​केंदुआ(झारखंड)। अपने भविष्य के लिए लोग एलआईसी बीमा पर आँख मुंद कर भरोसा करते है. लेकिन खुद को इस भरोसेमंद कंपनी का एजेंट बताकर कुछ जालसाज, भोले भाले लोगो को अपनी ठगी का शिकार बना रहे है. जिनका टार्गेट रहता है अनपढ़ नौकरी वाले लोग.

ऐसा ही मामला केंदुआ थाना क्षेत्र में सामने आया है जंहा एक रिटायर्ड बीसीसीएल कर्मी से एजेंट विजय अग्रवाल पर एक बीसीसीएल कर्मी रामजी पासी ने प्रीमियम पूरा होने पर सारे कागजात सिग्नेचर कराकर 15 से 20 लाख रूपये निकालकर फरार हो जाने का आरोप लगाया है.

जिसके बाद भुक्तभोगी इन्साफ के लिए दर दर भटक रहा है. भुक्तभोगी रामजी पासी कनकनी 4 न. का रहने वाला था. उसने बताया की रिटायरमेंट होने के बाद एजेंट विजय अग्रवाल ने खुद को एलआईसी एजेंट बताकर उसके घर आया था और पैसा निकलवाने के नाम पर सारे कागजात लेकर कई सादे कागज़ पर हस्ताक्षर करा लिए और आज तक नहीं लौटा है.

विजय अग्रवाल की तलाश करते हुए भुक्तभोगी उसके घर तक पंहुचा लेकिन वंहा कोई नहीं मिला लोगो ने बताया की यह धनबाद शिफ्ट हो चूका है.

थक हार कर वह एलआईसी ऑफिस भी पंहुचा लेकिन वंहा भी उससे कागजात मांगे गए जो उसके पास नहीं थे. अपनी वर्षो की गाढ़ी कमी अपनी आँखों के सामने से लुटता देख ये परिवार काफी हताश है.

लोगो के कहने पर भुक्तभोगी रामजी पासी थाने भी गया लेकिन वंहा भी उससे मामले के सबूत मांगे गए और मामला दर्ज नहीं किया गया

जिससे पीड़ित काफी टूट गया है और मीडिया वालो से ही इन्साफ की आस कर रहा है।