राहुल को उनकी माँ किडनी देकर देंगी जीवन दान

“अभी ज़िन्दा है मेरी माँ मुझे कुछ भी नहीं होगा”

माँ तो आखिर माँ होती है उसके बच्चे खुश रहें इससे बड़ी उनकी कोई चाहत नही रहती ।भदोही जिले के 28 वर्षीय राहुल कुमार पासी की दोनों किडनी फेल हो गई है।

पीजीआई के डॉक्टरों ने उनकी किडनी ट्रांसप्लान्ट कराने का खर्चा 15 लाख बताया है। किडनी उनकी अपनी माँ देंगी ।

“मुसीबत के दिनों में माँ हमेशा साथ रहती है”

प्रतियोगी छात्र राहुल अभी अपने घर भदोही में ही है । पैसों के इंतजाम हेतु कई जगह प्रयासरत है। किसी भी सक्षम साथी को उनकी मदत करनी हो तो उनके मोबाइल न0 +918887815574 पर सम्पर्क कर सकते है।

ग़रीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले राहुल के परिजनों ने स्थानीय सांसद व विद्यायक के माध्यम से प्रधानमंत्री ,मुख्यमंत्री तक भी मदत की गुहार लगाई है।

साथ ही सामाजिक न्याय मन्त्रालय द्वरा संचालित डॉ अम्बेडकर फाउंडेशन चिकित्सा सहायता में भी अपनी बात पहुचाई है। लेकिन अभी तक उन्हें कोई धन राशि नही उपलब्ध हो सकी है। आप से अपील है आप भी मदत कर राहुल की जान बचाने में सहायक बने।

हमे भी सूचित करें 9838703861 .मदत करने वालो की लिस्ट श्रीपासी सत्ता जारी कर उनका सम्मान बढ़ाएगी। धन्यवाद

पासी जाति जिंदा मेढ़क नही , बेहोश हुआ मेढ़क है – अजय प्रकाश

कुछ साथी सुनी सनाई बातें करते हुए कहते है कि ” पासी जाति को इकठ्ठा करना , जिन्दा मेढ़क तौलने के समान है। एक को पकड़ो ,तो दूसरा उछल कर भाग जाता है ” मैं इस विचार को सही नही मानता हुँ ।

अगर ऐसा होता तो मैं इस पासी जाति को बधाई के पात्र समझता । क्योकि उस मेढ़क को पता होता है कि उसकी बिरादरी को छोटे से तराजू में तौल कर बेचा जायेगा । कम से कम उसकी समझ इतनी तो है कि मुझे बिकना नही है। वह अपनी क्षमताओं का प्रयोग कर उछल कर भाग जाता हैं।

लेकिन पासी जाति को कोई भी पार्टी फर्जी मिशन औऱ धार्मिक क्लोरोफार्म का इंजेक्शन लगाकर आराम से तौल कर बेंच लेता है। जब होश आता है तब देर हो चुकी होती है । फिर कुछ वहीं पड़े छटपटाते रहते है ,तो कुछ इधर उधर भागते है । इनका अपना कोई अस्तित्व नही, कोई स्थाई ठिकाना नही।

पासी जाति जिंदा मेढ़क नही बल्कि बेहोश हुआ मेढ़क के समान है । जिसे होश में लाकर नही , क्लोरोफार्म में डालकर , आराम से तौला व बेचा जाता हैं।

ख़ुद यह काम हम इसलिए नही करतें की हम जानते हैं कि यह भविष्य के लिए खतरनाक है। हम अपने लोगों को होश में लाकर ही इकट्ठा करना चाहतें हैं । जो इनको मंजूर नही । जिस दिन होश में आकर यह कौम इकठ्ठा होने को तैयार हो जाएगी उस दिन पूरे देश पर इनका राज होगा।
(संपादक – अजय प्रकाश सरोज )

एका आन्दोलन के प्रणेता मदारी पासी के जयंती के अवसर पर फ़ैजाबाद में किया गया उनकी मूर्ति का अनावरण |

फ़ैजाबाद 24 अक्टूबर :- पासी विकाश एसोसिएशन फ़ैजाबाद के तत्वाधान में एका आन्दोलन के प्रणेता किसान आन्दोलन के महान नायक , भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी क्रांतिवीर मदारी पासी के 157वे जन्मदिवस पर रायबरेली रोड नहर क्रासिंग बह्ररैची दास धर्मशाला मसिनिया में समारोह का आयोजन हुआ |समारोह का प्रारंभ क्रांतिवीर मदारी पासी की मूर्ति माल्यार्पण के साथ हुआ |

       विशेष तथ्य :-                                                              

  •       क्रांतिवीर मदारी पासी का जन्म मोहनखेड़ा मजरा इंतौजा तहसील संडीला जनपद हरदोई उत्तरप्रदेश में 24 अक्टूबर विजयादशमी सन 1860 को व उनका परिनिर्वाण 8 मार्च चैत्र शुक्ल पक्ष रामनवमी सन 1930 को ग्राम पहाडपुर अटरियाडीह जनपद हरदोई उत्तरप्रदेश में हुआ था |
  •  भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान स्वतंत्रता सेनानी तथा एका आन्दोलन के प्रणेता ,किसान आन्दोलन के महानायक क्रांतिवीर मदारी पासी के भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अहम योगदान के बावजूद भारतीय इतिहास में उनकी उपेक्षा की गयी |   

इस अवसर पर क्रांतिवीर मदारी पासी की देश में पहली बार स्थापित मूर्ति का अनावरण करते हुए प्रख्यात दलित चिंतक डॉ सी. बी . भारती  ने कहा की तत्कालीन विषम परिवेश में क्रांतिवीर मदारी पासी ने अंग्रेजो व सामन्तों को एका आन्दोलन के माध्यम से कड़ी चुनौती दी थी | क्रांतिवीर मदारी पासी की शौर्यगाथाये यह सन्देश देती है की वीरता ,साहस, और देशभक्ति किसी जाति विशेष की धरोहर नही |क्रांतिवीर मदारी पासी देशभक्त , किसानो के सच्चे मसीहा व दलितों ,शोषितों , वंचितों के सच्चे रहनुमा थे | वह अंग्रेजो व सामंतो के विरुध्द आजीवन लड़ते रहे | महापुरुष हमारे लिए प्रकाश स्तम्भ सदृश होते है जिनकी स्मृतियों से प्रेरणा ग्रहण कर हम अपने सुनहरे सुखद सफल भविष्य का सपना संजोते है | भारतीय इतिहास के पन्नो में क्रांतिकारी मदारी पासी के भी देशभक्ति ,वीरता ,साहस ,संघर्ष व त्याग की शौर्यगाथाये स्वर्णाक्षरो में अंकित होनी चाहिए थी | किन्तु क्रांतिवीर मदारी पासी के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान , सामाजिक भेदभाव ,गैर बराबरी , अस्पृश्यता जाती पाती के विरुध्द उनके संघर्ष , किसानो ,दलितों ,शोषितों ,वंचितों  के हक़ हुकुक व उनके उत्कर्ष के लिए किये गये उनके जन आंदोलन व् उनके व्यक्तित्व एवम कृतित्व के मुल्यांकन के प्रति इतिहासविदो की दृष्टि उपेक्षापूर्ण रही | भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान स्वतंत्रता सेनानी तथा एका आन्दोलन के प्रणेता ,किसान आन्दोलन के महानायक क्रांतिवीर मदारी पासी के भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान का अभी समुचित मूल्यांकन नही हो पाया है | इतिहासविदो को जातीय संकीर्णताओ से ऊपर उठकर क्रांतिवीर मदारी पासी के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में किये गए सम्पूर्ण योगदान को जनमानस के सामने लाने के लिए सच्चे मन से प्रयास करना चाहिए | क्रांतिवीर मदारी पासी की स्मृतिया हमे आज भी देशभक्ति आत्मगौरव , सम्मान , स्वाभिमान ,उर्जा व स्फूर्ति से भर देती है | अंग्रजो व जमींदारो के विरुध्द क्रांतिवीर मदारी पासी का सशक्त एका आन्दोलन यह प्रमाणित करता है की भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में दलितों का योगदान किसी से कम नही | कार्यक्रम के आयोजक विजय बहादुर ने कहा की क्रांतिवीर मदारी पासी का जन्म मोहनखेड़ा मजरा इंतौजा तहसील संडीला जनपद हरदोई उत्तरप्रदेश में 24 अक्टूबर विजयादशमी सन 1860 को व उनका परिनिर्वाण 8 मार्च चैत्र शुक्ल पक्ष रामनवमी सन 1930 को ग्राम पहाडपुर अटरियाडीह जनपद हरदोई उत्तरप्रदेश में हुआ था | हमें क्रांतिवीर मदारी पासी के जीवन–संघर्ष से प्रेरणा लेनी चाहिए | जो समाज अपने समाज के महापुरुषों , वीरो , वीरांगनाओ व समाज सुधारको की गौरवगाथाओ को याद नही करता , उनके व्यक्तित्व कृतित्व और उनकी शिक्षाओ से प्रेरणा नही ग्रहण करता वह विकाश के पथ पर अग्रसर न हो सकता |

श्री रामदेव ने कहा की क्रांतिवीर मदारी पासी का  जीवन परिचय प्राथमिक स्तर से ही पाठ्य पुस्तको में सम्मिलित कर छात्रो को पढाया जाना चाहिए जिससे आज की युवा पीढ़ी उनके व्यक्तित्व व कृतित्व से प्रेरणा ग्रहण कर सके

श्री हरिदार ने क्रांतिवीर मदारी पासी की स्टैच्यु उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ ने लगाए जाने की मांग उत्तर प्रदेश सरकार से की  |

समारोह की अध्यक्षता करते हुए श्री राम अवध सेवानिवृत वरिष्ठ स्वास्थ्य निरीक्षक उत्तर रेलवे फैजाबाद ने कहा की क्रांतिवीर मदारी पासी में अटूट साहस , अनूठी नेतृत्व क्षमता व अद्भुत संगठन क्षमता थी | इस अवसर पर श्री अशोक कुमार , पवन कुमार पुजारी , अजयपाल भारती , रामदीन , वासुदेव शनि , अमरजीत ,धर्मेद्र व श्रीमती गंगोत्री आदि ने अपने विचार रखे |

 

यह जंगल में भागकर घास की रोटी खाने वालों की कहानी नहीं है.. न अस्सी घाव खाकर मुँह छुपाने वालों की दास्तान है.. यह रणछोड़, घुटनाटेकू या देश की जनता के साथ गद्दारी करनेवाले हिन्दू राजाओं की भी बात नहीं है.. यह ज़िन्दा इतिहास है शौर्य, पराक्रम और अपनी मिट्टी के लिए जान तक न्योछावर करनेवाले एक आदिवासी योद्धा की.. गोँडवाना के उस शूरवीर की, जिसने देशी ब्राह्मणी व्यवस्था के साथ मिलकर यहाँ अपना हुकूमत चलाने वाले अंग्रेज़ों के आगे कभी अपनी हार नहीं मानी और उनसे लोहा लेता रहा.. यह गौरवशाली बयान है उस मूलनिवासी शूरवीर की, जिसने अपनी धरती की आन-बान-शान को सबसे आगे रखा और खुद शहीद होकर भी गोंडवाना के मान को ऊँचा उठाया…यह हक़ीक़त है- गोँड महाराजा बाबूराव शेडमाके की, जिन्हें 21 अक्तूबर, 1858 को अपने स्वाभिमान को बरकरार रखने के चलते अंग्रेज़ों ने फाँसी पर लटका दिया था.. सवर्ण इतिहासकारों ने इस महान घटना को दर्ज़ नहीं किया, लेकिन यह एक ज़िन्दा इतिहास है, जो हमेशा मौजूद रहेगी… बाबूराव शेडमाके के 157 वें बलिदान दिवस पर उन्हें हूल जोहार…

जय सेवा…. जय गोंडवाना…. जय भीम….

केन्द्रीय विश्व विद्यालय का नाम शहीद वीरांगना ऊदा पासी के नाम पर रखा जाएं-अनुप्रिया पटेल, केंद्रीय राज्य मंत्री

केंद्र और उत्तर प्रदेश में बीजेपी के साथ सरकार में शामिल प्रमुख सहयोगी दल अपना दल सोनेलाल ने कानून व्यवस्था को लेकर यूपी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।

सरदार पटेल सेवा संस्थान के मंच से केन्द्रीय मंत्री ने केन्द्र और राज्य सरकार के सामने तीन बड़ी मांगे भी रखीं।

उन्होंने बम्हरौली एयरपोर्ट का नाम डॉ सोनेलाल पटेल के नाम पर रखे जाने, इलाहाबाद केन्द्रीय विश्व विद्यालय का नाम शहीद वीरांगना ऊदा पासी के नाम पर रखे जाने और फाफामऊ में गंगा नदी पर बनने वाले 6 लेन के पुल का नामकरण महात्मा ज्योतिबा फूले के नाम पर रखे जाने की मांग की है।

.अनुप्रिया पटेल ( फाइल फोटो)

अपना दल के संस्थापक डॉ सोनेलाल पटेल की श्रद्धांजलि सभा में शिरकत करने पहुंचीं अनुप्रिया पटेल ने फूलपुर लोकसभा क्षेत्र को अपने पिता डॉ सोने लाल पटेल की कर्मस्थली बताया।

इसके साथ हीं पार्टी की नेता और केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल फूलपुर लोकसभा क्षेत्र में पिछले 6 महीने में पार्टी के कई कार्यकर्ताओं की हत्या किए जाने को लेकर पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गम्भीर सवाल उठाए हैं।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने कार्यकर्ताओं की हत्याओं को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग भी की थी और सीएम ने कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे। लेकिन उसके बाद भी पुलिस और प्रशासन की हीलाहवाली समझ से परे है।

लोकसभा उपचुनाव में पार्टी के चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बीजेपी और अपना दल मिलकर इस पर मुद्दे पर कोई फैसला लेंगे।

इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष सिंह पटेल, राज्यमन्त्री जय कुमार जैकी, अपना दल के सचिव व विधायक सोरांव डॉ जमुना प्रसाद सरोज, पार्टी प्रवक्ता बृजेन्द्र प्रताप सिंह सहित अन्य बड़े नेता उपस्थित रहें।

बहुजन आवाम पार्टी ने मनाई बापू मसुरियादिंन पासी की जयंती ।


इलाहाबाद रविवार- 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर इलाहाबाद स्थित बहुजन अवाम पार्टी के कार्यालय पर महाशय मसुरिया दीन पासी का जयंती समारोह मनाया गया तथा सभी वर्गों के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी शिक्षक अधिवक्ता, राजनीतिज्ञ और विद्यार्थी अधिकारी गण उपस्थित रहे

विशेष बातें – 

  • पासी नायक मा. बापू मसुरियादिंन पासी का जन्म भी 2 अक्टूबर को ही हुआ था । बहुत कम लोगो को ये बात पता है । नई पीढ़ी के लोगो को तो बिल्कुल भी नही ।
  • जवाहर लाल नेहरू के समकालीन थे मसुरियादिंन साहब ,प्रथम लोकसभा चुनाव में फूलपुर से सांसद बने । 
  • पासी जाती पर लगे जरायम पेशा एक्ट को हटवाने में था अहम योगदान ।

पार्टी के मुख्य अतिथि बहुजन अवाम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मिठाई लाल सरोज सभा में उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए मसुरिया दीन के व्यक्तित्व महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डाला उन्होंने श्री मसुरिया दीन पासी समुदाय के प्रथम संसद सदस्य थे जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के द्वारा पासी समाज के उपर लगाये गये जरायम एक्ट को हटवाया महाशय मसुरिया दीन के चित्र पर माल्यार्पण करने वालों में महाशय जी के पौत्र श्री सचिन पासी बहुजन अवाम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिठाई लाल सरोज, समाजसेवी मेवालाल सावित्र पासी राष्ट्रीय महासभा के अध्यक्ष श्री प्रकाश चंद्र कैथवास व  अच्छेलाल सरोज, हेमंत पासी, पासी आर सतीश, समाजसेवी रागिनी पासी, समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश सचिव अरविंद सरोज, प्रमोद भारतीया, बघाडिया, सुनील पासी आदि प्रमुख रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता भुलई पासी  ने किया।

पासी जाती पर अंग्रेजो द्वारा लगाये “जरायम पेशा कानून ” को हटवाने में अहम भूमिका निभाई थी बापू मसूरियादीन ने , आज जयंती दिवस पर विशेष !

 

एक ही दिन पर यानी आज के दिन २ अक्टूबर को तीन महान विभूतियों ने भारत देश में जन्म लेकर भारत माता को गौरवान्वित किया। गाँधी जी, लाल बहादूर शास्त्री और मसूरियादीन पासी जैसी अदभुत प्रतिभाओ का 2 अक्टूबर के ही दिन जन्म हुआ था । हम सभी के लिये ख़ुशी का पल है। सत्य और अहिंसा के बल पर अंग्रेजों के शासन से से भारत देश को स्वतंत्र करा कर हम सभी को स्वतंत्र भारत का अनमोल उपहार देने वाले महापुरूष गाँधी जी को राष्ट्र ने राष्ट्रपिता के रूप में समान्नित किया। वहीं जय जवान, जय किसान का नारा देकर भारत के दो आधार स्तंभ को महान कहने वाले महापुरूष लाल बहादुर शास्त्री जी ने स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधान मंत्री के रूप में राष्ट्र को विश्वपटल पर उच्चकोटी की पहचान दिलाई। गांधी जी ,और लालबहादुर शास्त्री के विषय में अधिकतर सभी लोग जानते है, परंतु स्वतन्त्रता संग्राम में अहम् भूमिका निभाने वाले पासी समुदाय में जन्मे महाशय मसूरियादीन जी को नई पीढ़ी नहीं जानती । भारतीय स्वतन्त्रता आंदोलन में मसूरियादीन जी ने इलाहाबाद का नेतृत्व किया था और करीब नौ वर्षो तक जेल में रहे। आजादी के बाद 1951 में प्रथम लोकसभा में फूलपुर से सांसद रहे । संघर्ष के दौरान नेहरू जी के साथ कई बार जेल गए। खास तौर पर महाशय जी ने पासी जाती पर अंग्रेजो द्वारा लगाये “जरायम पेशा कानून ” को हटवाने में अहम भूमिका निभाई थी। 

ख़ास बाते 

  • आज २ अक्टूबर के ही दिन भारत के तिन महापुरुषों गाँधी जी , लालबहादुर शास्त्री और पासी नायक मा. बापू मसुरियादीन पासी का जन्म हुआ था 
  • पासी जाती सहित भारत के २०० जातियों पर लगे जरायम पेशा एक्ट को हटाने में अहम भूमिका निभाने वाले महाशय मसूरियादीन को नई पीढ़ी के बहुत कम लोग ही जानते है 
  • भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने के बावजूद भी भारत के इतिहासकारों ने उन्हें वो सम्मान नही दिया जिसका वो हक़दार थे 

माननीय बापू मसुरियादीन  पासी  – एक संक्षिप्त परिचय 


जन्म तिथि – 02 अक्टूबर 1911

पूण्यतिथि -21 जुलाई 1978

माननीय साहब का जन्म आज के ही दिन २ अक्टूबर को हुआ था , भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में इनके इतने अहम योगदान के बावजूद भी भारत के जातिवादी और पक्षपाती इतिहासकारों ने उन्हें भारतीय इतिहास में वो जगह नही दिया जिनके वो हक़दार थे ,  भारतीय स्वतन्त्रता आंदोलन में मसूरियादीन जी ने इलाहाबाद का नेतृत्व किया था और करीब नौ वर्षो तक जेल में रहे।  संघर्ष के दौरान नेहरू जी के साथ कई बार जेल गए। आजादी के बाद 1951 में प्रथम लोकसभा में फूलपुर से सांसद रहे ।1952 से लेकर 1967 तक संसद सदस्य रहे महाशय मसुरियादीन पासी समाज को अंग्रेजो द्वारा लगाए गए “जरायम पेशा एक्ट” को खत्म कराकर एक नया जीवन दान दिया । अखिल भारतीय पासी महासभा के अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने विभिन्न कुरूतियों में जकड़े पासी समाज को मुक्त कराने के लिए संघठित आंदोलन चलवाए । आज पासी समाज में जो समृद्धि थोड़ी बहुत दिखाई पड़ती है । उसमें बाबू जी के खून और पसीना शामिल है । लेकिन बाबू जी के बाद कि पीढ़ी निकम्मी हो गई वह केवल राजनीतिक लाभ लेने तक सीमित हो गई ,खास तौर पर महाशय जी ने पासी जाती पर अंग्रेजो द्वारा लगाये “जरायम पेशा कानून ” को हटवाने में अहम भूमिका निभाई थी। 

  • क्या है जरायम पेशा कानून और क्रिमिनल ट्राइब एक्ट 

अंग्रेजो ने भारत के उन तमाम जातियों , जनजातियो के एक समूह विशेष को प्रताड़ित करने के लिए एक विशेष कानून पास किया जिसे क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट या जरायम पेशा कानून का नाम दिया गया ,अंग्रज इस कानून का दुरूपयोग उन तमाम जाती के लोगो के विरुद्ध करते थे जो उनके खिलाफ बगावत करते थे ,उनके खिलाफ आन्दोलन करते थे , उनके बहकावे तथा प्रलोभन में नही आते थे तथा स्वतंत्रता आन्दोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते थे , पासी जाती भी इन जातियों में एक थी जिसने एक काफी समय तक क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट और जरायम पेशा एक्ट का मार झेला और अपना मान  सम्मान और जमीन जायदाद सब खो दिया , इस एक्ट के तहत क्रिमिनल ट्राइब्स में आने वाले जाती के परिवार के बच्चो को भी पुलिस नही छोडती थी और उन्हें हमेशा थाने  में रिपोर्ट करना पड़ता था ,यदि दलितों को चार वर्णों पर आधारित जाति व्यवस्था के उच्चताक्रम से उपजी हिंसा और बहिष्करण का शिकार होना पड़ा तो घुमंतू जातियां अंग्रेजी शासन का शिकार बनीं. 1871 के क्रिमिनल ट्राइब एक्ट से पूरे देश में दो सौ के लगभग समुदायों को अपराधी जनजाति में घोषित कर दिया गया इन दो सौ जातियों में पासी जाती भी शामिल थी  भारत के सामाजिक और विधिक क्षेत्र में घुमंतू समुदायों के लिए यह एक सामूहिक हादसा था. 1921 में क्रिमिनल ट्राइब एक्ट का विस्तार किया गया और कई अन्य समुदाय इस कानून की जद में ले आए गए देश को 1947 में आजादी मिली, भारत का संविधान बनाया गया और सबको बराबरी का हक़ मिला कि वह वोट डाल सके. 1952 में उन समुदायों को विमुक्त समुदाय का दर्जा दिया गया जो क्रिमिनल ट्राइब एक्ट के तहत अपराधी घोषित किए गए थे यह एक प्रकार से यह बताना था कि अमुक समुदाय अब अपराधी नहीं रह गए हैं! यह कानून की बिडंबना थी कि उन्हें एक पहचान से मुक्त कर दूसरी कम अपमानजनक पहचान से नवाज दिया गया  1959 में हैबीचुअल अफेंडर एक्ट ने पुलिस का ध्यान फिर उन्हीं समुदायों की ओर मोड़ दिया जो अब विमुक्त थे, यह सब आजाद भारत में हो रहा था

 

 

आइये , संकल्प लेते हैं

2 अक्टूबर को गाँधी , शास्त्री जी के साथ ही पासी समाज में जन्मे महाशय मसुरिया दीन जी का भी जन्मदिवस है। हम उन्हें याद कर नमन करते हैं ।

तीनों महापुरुषों के एक साथ जन्मदिवस एक सुखद संयोग हैं। समाज के सुधार में तीनों का विचार एक सा रहा है। समाज में फैली बुराइयों और कुरीतियों के खिलाफ लड़ते रहें हैं। यह अलग बात हैं कि महाशय जी को इतिहास के पन्नो पर उतना स्थान नही मिला जितना मिलना चाहिए था।

1952 से लेकर 1967 तक संसद सदस्य रहे महाशय मसुरियादीन पासी समाज को अंग्रेजो द्वारा लगाए गए “जरायम पेशा एक्ट” को खत्म कराकर एक नया जीवन दान दिया । अखिल भारतीय पासी महासभा के अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने विभिन्न कुरूतियों में जकड़े पासी समाज को मुक्त कराने के लिए संघठित आंदोलन चलवाए । आज पासी समाज में जो समृद्धि थोड़ी बहुत दिखाई पड़ती है । उसमें बाबू जी के खून और पसीना शामिल है । लेकिन बाबू जी के बाद कि पीढ़ी निकम्मी हो गई वह केवल राजनीतिक लाभ लेने तक सीमित हो गई । उनका सामाजिक सुधार का आंदोलन दम तोड़ चुका हैं । आज से संकल्प लें कि पासी समाज के अंदर ब्याप्त कुरूतियों को दूर करने हेतु संघठित आंदोलन करेंगे ।

श्री पासी सत्ता , बाबू जी के सपने कों पुनर्जीवित करने का संकल्प लेता है । आइये मिलकर समाज को तरक्की के रास्ते पर ले चलें …जिससे आने वाली पीढ़ी हम पर गर्व करें । – संपादक

महाराजा माहे पासी किला का तीन दिवसीय मेला सम्पन्न, भव्य मूर्ति का हुआ अनावरण

राजा माहे पासी स्मारक जनकल्याण सस्थांन द्वरा आयोजित पासी धाम,रोहनियॉ ब्लाक रायबरेली मे तीन दिवसीय मेले एवं समाजिक कार्यकर्म अपने एतिहासिक चीरगाथाओ के साथ सम्पन्न हुआ । पासी एकता मंच जगदीसपुर के साथी अपनी टीम के साथ रंगारंग समारोह के भागीदार और गवाह बने। माहे पासी संस्थान के गंगापर्साद पासी को पासी एकता मंच के अध्यछ रामखेलावन पासी ने सहयोग राशि ५१००/ देकर संस्थान का गौरव बढाया.।

बृजलाल पासी पूर्व आयकर आयुक्त भारत सरकार के कर कमलो दवारा महराजा माहे पासी की विशाल पर्तिमा जो कि घोडे पर सवार का अनावरण किया. स्टेचू कमिशनर दवारा स्थापित की गई. समारोह मे सुशील पासी ,डॉ यशवन्त सिहं लखनऊ,सुबेदार आर डी पासी, राजधर फौजी,रमेश पासी,राजवर्मा,बी एल कैथवास रतलाम, एस एस पासवान आदि लोग उपस्थित रहें।

दबंग ने पासी जाति के दुकानदार को मार पीटकर लूट लिया दुकान

हरे शर्ट में लाचार सोनूहरे शर्ट में लाचार सोनू

झूंसी थाना अंतर्गत केशवपुर ग्राम का रहने वाला सोनू भारतीय की दुकान कामता गर्ल्स डिग्री कालेज के बगल स्थित है जिसमे वह टीवी, पंखा रिपेयरिंग का काम करता है ।

जिससे उसका और उसके परिवार का जीवकोपार्जन होता है। उसे क्या पता था कि धर्मेंद्र पटेल नाम का दबंग व्यक्ति उसकी रोजी रोटी छीन लेगा।

दिनांक 28 सितंबर को उसकी दुकान पर आकर हफ्ता मांगने लगा विरोध करने पर माँ बहन गाली देते हुए ईट पत्थरो से उसके दुकान पर प्रहार करने लगा । सोनू अपनी जान बचा के भगा आया आरोप है कि लेकिन धर्मेंद्र तोड़ फोड़ करने बाद , रिपेयर हेतु 15 मोबाइल फोन और 20,000 रुपये उठा ले गया।

इतना करने के बाद भी जब उसका मन नही भरा तो दुकान के सामने खड़ी गाड़ी दो पहिया तोड़ दिया सोनू ने इसकी शिकायत 100 नंबर पर किया । थाने जाकर लिखित शिकायत की लेकिन पुलिस ने दबंग के खिलाफ कोई कार्यवाही नही की, सोनू का कहना है कि धर्मेद्र अपराधी किस्म का जो गांव में कई लोगो को मारपीट चुका है।