मोहन पासी इनकाउंटर पर प्रश्न? हो उच्य स्तरीय जांच

फिल्मी कहानी बनाकर सामन्तवादियों ने आजमगढ़ के शेर मोहन पासी की हत्या कर दी। जिसे इनकाउंटर का नाम दिया जा रहा है। जातिवाद से ग्रसित दलित व पासी विरोधी उत्तर प्रदेश सरकार के ईशारे पर स्वाभिमानी पासियों की हत्या की जा रही है।
इलाहाबाद के वकील व सामाजिक कार्यकर्ता लालाराम सरोज ने अपने फेसबुक वॉल पर इस प्रकार लिखा है- मोहन पासी आजमगढ़ के थे । वह सामंत वादी ताकतों के उत्पीड़न को बर्दाश्त नही करते थे। इसके खिलाफ वे जंग छेड़ चुके थे। पहले तो क़ानूनी लड़ाई शुरू की लेकिन जब कानून ने साथ नहीं दिया तो स्वयं लड़े , सामंती ताकतों के खिलाफ उनकी मुखर आवाज़ से वे जनमानस में लोकप्रिय हो गए। उनसे सामंतवादियों की फटने लगी ।

स्वाभिमान की रक्षा में उन्होंने चार सामंती लफंगों को मौत के घाट उतार दिया। उन्हें कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा दी। लेकिन मोहन पासी का जिंदा रहना सामंती ताकतों के सीने में सांप लौटने के समान था। तो सरकार का सहारा लिया । क्योकि मुख्यमंत्री के स्वजातीय है। पहले पुलिस ने पेशी के दौरान स्वयं गायब कर दी और हल्ला मचाया की मोहन पासी सायकिल से भाग गया । लेकिन उस समय लोंगो ने हल्ला मचाया की पुलिस ने स्वयं अपने पास रखा है । उसका काउंटर करना चाहती है ।

उस समय हल्ला मच जाने के बाद पुलिस शांत हो गयी और पुलिस मामला शांत हो जाने का इंतजार करने लगी और इसी बीच 50, 000 का इनाम रखकर कर अपना कोरम पूरा कर लिया । एक महीने बाद जनपद हापुड़ में फिल्मी स्टाइल में मुठभेड़ दिखा के इनकाउंटर कर दिया है ।

पासी समाज के शुभ चिंतको का कहना है कि स्वाभिमान की रक्षा ही पासी का धर्म है। यह फर्जी इनकाउंटर सरकार के इशारे पर हुवा है। इसकी सीबीआई से जांच होनी चाहिए ।
शहीद मोहन पासी को नमन

नवादा में हुआ विशाल पासी महासम्मेलन

बिहार। अखिल भारतीय पासी समाज के तत्वाधान में 28 जनवरी 2018 को बिहार के नवादा जिले में विशाल महासम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसके उद्घाटनकर्ता माननीय उदय नारायण चौधरी (पूर्व अध्यक्ष बिहार विधानसभा) एवं मुख्य अतिथि प्रेमा चौधरी( विधायिका पातेपुर वैशाली) थी । स्थानीय विधायक मानीय प्रकाशवीर भी मौके पर मौजूद रहे इनके अलावा प्रदेश अध्यक्ष जगदीश चौधरी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हीरा चौधरी प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार चौधरी प्रदेश युवा अध्यक्ष राजा चौधरी प्रदेश महिला अध्यक्ष अनीता चौधरी प्रदेश महिला संयोजक रेखा चौधरी के अलावा स्थानीय पिंकी भारती (जिला परिषद सिरदला नवादा) प्रेमा चौधरी (जिला परिषद मेसकौर नवादा ) नरेश चौधरी (जिला परिषद रजौली ) पेंटर मुखिया जिले के वरिष्ठ अभिभावक विजय चौधरी राजकिशोर महथा युवा नेता धर्मेंद्र चौधरी ,राजकुमार भारती संजय चौधरी, चंदन चौधरी राजेश्वर ,चौधरी सुनील चौधरी ,सीताराम चौधरी, चंद्रिका चौधरी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे । सम्मेलन के संयोजक पडकन चौधरी ने इस सम्मेलन में अपने बेटे कबीर कुमार की शादी सोनम कुमारी के साथ बिना दहेज के किये । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रमोद चौधरी ने इसके लिए उन्हें धन्यवाद व्यक्त किये सम्मेलन में प्रदेश प्रधान महासचिव युवा मोर्चा के निशांत चौधरी को माननीय उदय नारायण चौधरी जी ने दलितों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ और पासी समाज के विकास में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए उन्हें सम्मानित किये, साथ ही चौधरी जी ने समाज के विकास के लिए युवाओं को आगे आने को कहा अपने पूर्वजों से प्रेरणा लेने की बात भी कही । मुख्य अतिथि प्रेमा चौधरी जी ने सम्मेलन के आयोजन कर्ता को धन्यवाद देते हुए इस तरह का आयोजन हर वर्ष करने की अपील की । साथ ही उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए महिलाओं को आगे लाने में हर संभव मदद की बात कही साथ ही संगठन को और मजबूत किस तरह से की जाए इसके लिए समय-समय पर प्रदेश में बैठक करवाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष जगदीश चौधरी से अपील भी की । इस अवसर पर डॉ कपिलदेव चौधरी ने श्रीपासी सत्ता पत्रिका को 11 हजार का चेक दिया। जिसे नवादा बिहार के प्रतिनिधि , पत्रकार निशांत चौधरी ने प्राप्त किया।

पासी समाज कैलेंडर का विमोचन और पासी समाज सेवकों का सम्मान समारोह संपन्न !

अमेठी : पासी समाज में पिछले कुछ सालों से सामाजिक कार्य की गतिविधियाँ काफ़ी बढ़ गई है । अपने अपने स्तर पर पूरे देश में पासी समाज के लोग अपना योगदान दे रहे है । पासी समाज की जगरूकता के लिए समाज के महापुरुषों और महान राजा महाराजाओं का कैलेंडर बना कर समाज में बाँटने की गतिविधियाँ समाज में बढ़ी है । इन कलेंडर को पासी समाज अपने घरों की दीवारों पर लगाते है और गर्व से दिखाते है की हाँ हम पासी है ।

इसी कड़ी में पासी एकता मिशन के द्वारा 14 जनवरी 2018 को डाक बंगला जगदीशपुर अमेठी में पासी समाज के कैलेंडर का विमोचन और समाज के लिए कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया । पासी समाज के कैलेण्डर का विमोचन मान्य सुरेश पासी राज्य मंत्री के जरिये सम्पन्न हुआ ।

इस समारोह में इतिहासकार साहित्यकार,सम्पादक,समाजसेवियो को पासी एकता मिशन ने मान्य मंतरी के जरीये मॉ वीरॉगना ऊदादेवी का मोमेन्टो देकर सम्मानित किया. मिशन के अध्यछ रामखेलावन पासी ने मन्तरीजी को पगडी पहनाकर और तलवार भेट करके सम्मानित किया.विशिष्ट लोगो मे आर के सरोज दरोगा, डॉ यशवन्त सिहं, लछ्मीपरसाद रावत, सरस्वति परसाद,अनुदकुमाररावत लखनऊ,मदन सरोज ईलहाबाद,वेदपरकास,अजय परतापगढ, विधायक परतिनीधी रमेश पासी,एच पी वर्मा तिलोई,एस आर भारतीय ईलहाबाद,अभियंता रविन्दर परतापऔर पिर्यॉकसिंह, आदि भारी सख्यॉ मे लोग मौजूद रहे. मिशन के सभीपदधिकारी और कार्यकर्ता शामील थे.

इस कार्यक्रम का आयोजन और संचालन सूबेदार आर डी पासी ने किया. अध्यक्ष ने सभी का आभार माना और लखनऊ की टीम को बधॉई दी.माननिय मंत्री जी ने आयोजन को सराहा और कहा की इस तरह के आयोजनो को अधिक से अधिक स्थानों पर आयोजित करना चाहिए ।

मुंबई में पासी समाज का संयुक्त पासी स्नेह सम्मेलन का भव्य आयोजन !

मुंबई: गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर उत्तर प्रदेश की प्रमुख जातियों में से एक पासी समाज के लोगों ने कल्याण मुंबई में पारिवारिक स्नेहसम्मेलन का भव्य आयोजन किया । अखिल भारतीय पासी समाज मुंबई,कल्याण के इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य मुंबई में पासी समाज के लोगों आपस में जोड़ना और संगठित हो कर समाज और देश के विकास में योगदान देने के लिए कटिबद्ध होना था ।

इस बार का आयोजन कुछ खास था, मुंबई पासी समाज द्वारा अपनी एकता दर्शाने के लिए मुंबई की सभी संस्थाओं/ ग्रुपो और टीमों ने इस आयोजन में भाग लिया । मुंबई के कोने कोने से पासी समाज के लोगों ने यहाँ अपनी उपस्थिति दर्शाई । बहुत से लोग ऐसे थे जिन्होंने पहली बार यहाँ प्रोग्राम अटेंड किया ।

इस अवसर पर पासी समाज के गणमान्य लोगों में श्री एस पी वर्मा जी (जॉंईंट कमिश्नर टेक्स्टायल मिनिस्ट्री) सी पी सरोज जी ( विडियोकॉन वाइस प्रेज़िडेंट टैक्स) रामाकान्त सरोज ( प्रिन्सिपल ) , भोपाल के समाज सेवी मुक्तिनाथचौधरी जी और राष्ट्रीय स्तर के समाज सेवी डॉक्टर रमाशंकर भारती जी उपस्थित थे ।

इसकार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहेब अम्बेडकर, महाराजा शिवाजी , महाराजा बिजली पासी , सामाजिक क्रांति के अग्रदूत ज्योतिबा फुले और वीरांगना उदा देवी पासी की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करके शुरू किया गया ।

इस कार्यक्रम की थीम समाज में शैक्षणिक, वैचारिक और समाज में एकता का संदेश देने पर थी । इसी को ध्यान में रखते हुए सभी वक़्ताओ ने अपने विचार और सुझाव दिए । समाज के बच्चों ने नृत्य और गायन का प्रदर्शन किया । समाज के गायक श्री वसंतलाल जी ने पासी समाज के ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण राजा और महाराजाओं पर अपना शानदार गायन प्रस्तुत किया । बच्चों ने मिलकर “ममता” नामक नाटक भी प्रस्तुत किया । इस नाटक में लड़का और लड़की में भेदभाव मिटाने का संदेश दिया गया । लड़का लड़की एक सामान है और सामान अधिकार है इस बात का संदेश दिया गया। नाटक इतना जीवंत था कि उपस्थित सभी लोगों की आँखे नम हो गई ।

इस प्रोग्राम में श्री पासी सत्ता पत्रिका का पासी समाज के संत सुकई दास का कलेंडर और साथ ही लखनऊ केजागृत पासी समाज के कैलेंडर जिनमे माता उदा देवी पासी , बाबा साहेब अम्बेडकर ,महाराजा बिजली पासी और सुहेल देव के कैलेंडर का विमोचन किया गया । सारे ही कैलेंडर कुछ ही मिनटों में ख़त्म हो गए । कार्यक्रम के अंत तक लोग कैलेंडर के लिए पूछते रहे ।कार्यकम का सफल संचालन युवा डॉक्टर अखिलेश सरोज , नीतू सरोज और रामनारायण सरोज और पवन रावत जी ने किया । कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री राजकुमार बौरासि जी ने किया ।कार्यक्रम के अंत में सभी लोगों के लिए स्वादिष्ट डिनर का भी आयोजन किया गया था । डिनर का समय ऐसा होता है अगर जगह अच्छी और बड़ी हो तो यह ऐसा समय होता है जब सब एक दूसरे से मिलते जुलते है और साथ मिलकर थोड़ी देर बैठ कर बातें करते है ।सभी ने प्रोग्राम की प्रशंसा की और आशा व्यक्त की मुंबई में ऐसे कार्यकर्मों की निरंतरता आने वाले समय में बढ़ेगी ।

पाखंडी साधू स्वर्ग में स्थान दिलाने के नाम पर जमीन कब्जा कर लेते है – विधायक जमुना प्रसाद सरोज

इलाहाबाद । उत्तर भारत के पेरियार कहे जाने वाले सन्त सुकईदास जी के परिनिर्वाण दिवस का श्रद्धांजलि सभा का पखवाड़ा कार्यक्रम ग्राम बेरूई ,सहंसो इलाहाबाद में मनाया गया। बतौर मुख्यातिथि सोरांव के लोकप्रिय विधायक डॉ 0 जमुना प्रसाद सरोज ने उनके जीवन दर्शन पर चर्चा करते हुए कहा कि सन्त सुकई दास का जीवन दर्शन महात्मा बुद्ध ,सन्त कबीर तथा पेरियार रामास्वामी नायकर के जसी ही रहा है । इन्ही सन्तो की राह पर चलकर ही हम अपने आने वाली पीढ़ी को अंधविश्वास मुक्त बेहतर जीवन बना सकते है। पाखंडी लोग तो यहां दलितों पिछड़ो के जमीन कब्जा कर लेते है और स्वर्ग में आपको स्थान कब्जा दिलाने की बात करते है। इनसे सावधान रहने की जरूरत है। विशिष्ट अतिथि अजय प्रकाश सरोज ने कहा समाज की बेहतरी के सन्तो महापुरुषों ने अपना जीवन लगाया दिया । उनमे सन्त सुकई दास के आंदोलन को नजर अंदाज करना बहुजन लेखकों की नाकामी दर्शाता है। हम लोग मिलकर सन्त जी के कारवाँ को आगे बढ़ाएंगे । सन्त जी के अंधविश्वास मुक्त समाज बनाने को संघर्ष जारी रहेगा। वीर भोग्य वसुंधरा संघ ,प्रमुख संजीव पुरुषार्थी ने सन्त सुकई दास का जीवन दर्शन अनुकरणीय है। उन्होंने दलित- पिछड़ समाज के घरों में देवी देवताओं को यह कहकर उखड़वा कर फेंकवा दिया कि यह तुम्हारे जीवन के बंधन है तुम्हारा विकास पढ़ने लिखने से होगा। वास्तविकता से हटकर ,बिना सोंचे समझे किसी बात को मानना ही अंध विश्वास है। कार्यक्रम की अध्यक्षता ज्ञान साहेब जी ने किया तथा बताया कि समाज के लोगो को सात्विक जीवन अपनाना चाहिए। साथ ही बच्चों को पढ़ना लिखना चाहिए। इस अवसर ग्रामीणों तथा अनुवाईयो ने सन्त जी के चित्र व प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। श्याम नारायण चंचल, अकील चंद, संजीव सरोज, श्याम बिहारी, आदि लोग उपस्थित थे।

परिनिर्वाण दिवस के मौके पर सन्त सुकई दास साहेब के समाधि स्थल पर दी गई श्रद्धांजलि !

फैज़ाबाद : उत्तर भारत के पेरियार कहे जाने वाले सन्त सुकई दास जी के 14 जनवरी परिनिर्वाण दिवस समाधि स्थल छतिरवा ,पोरा में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। बतौर मुख्यातिथि प्रख्यात दलित साहित्यकार डॉ0 सीबी भारती ने उनके जीवन दर्शन पर चर्चा करते हुए कहा कि सन्त सुकई दास का जीवन दर्शन महात्मा बुद्ध ,सन्त कबीर तथा पेरियार रामास्वामी नायकर के जैसी ही रहा । उन्होंने अंधविश्वास, पाखण्डवाद के विरुद्ध अविवाहित रहकर वैचारिक आंदोलन चलाया । लेकिन अफ़सोस की जिन लेखको से यह उम्मीद थी उनके आंदोलन पर कलम चलाएंगे उनसे निराशा मिली है।

विशिष्ट अतिथि अजय प्रकाश सरोज ने कहा समाज की बेहतरी के जिन सन्तो महापुरुषों ने अपना जीवन लगाया है। उनमें सन्त सुकई दास का जीवन दर्शन अनुकरणीय है। उन्होंने दलित- पिछड़ समाज के घरों में देवी देवताओं को यह कहकर उखड़वा कर फेंकवा दिया कि यह तुम्हारे जीवन के बंधन है तुम्हारा विकास पढ़ने लिखने से होगा । लोगों की आस्थाओं पर चोट कर उन्हें तार्किक बनाना वास्तव में यह काम बहुत ही मुश्किल था।

हैदरगढ़ बाराबंकी के शिक्षक नेता रामयश विक्रम ने कहा कि सन्त सुकई दास के आंदोलन को नजर अंदाज करना बहुजन लेखकों की नाकामी दर्शाता है। हम लोग मिलकर सन्त जी के कारवाँ को आगे बढ़ाएंगे ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता ज्ञान साहेब जी ने किया तथा राम सागर ने किया। इस अवसर पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड गोरखपुर मण्डल अधिकारी डॉ0 घनश्याम जी , राम अवध पूर्व स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी ने भी सन्त जी के किये गए सामाजिक परिवर्तन के कार्यो की बिस्तार से चर्चा किये। उपस्थित अनुवाईयो ने सन्त जी के चित्र व प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उक्त अवसर पर 21 जनवरी को इलाहाबाद में होने वाले कार्यक्रम की भी जानकारी देकर लोगो को पहुँचने की अपील की गई।

भीमा कोरेगाव दलित हमले के विरोध में बिहार के सासाराम में पीएम मोदी और सीएम फणनवीस का हुआ पुतला दहन !

बिहार (सासाराम) :- महाराष्ट्र के पूना भीमा कोरेगाव में हुए दलित हमलो को लेकर देश भर में हो रहे विरोध का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है , देशभर के कोने कोने से तमाम बहुजन संगठन आगे आ रहे है और इस घटना के विरोध में धरना प्रदर्शन , प्रतिरोध मार्च और पुतला दहन कर रहे है और केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार से इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग कर रहे है

इसी कड़ी में आज बिहार के रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम शहर जिसका अपना एक एतिहासिक महत्व भी रहा है जिसे शेरशाह सूरी की धरती भी कहा जाता है ,में महाराष्ट्र पूना भीमा कोरेगाव दलित हमलो के विरोध में आखिल भारतीय अम्बेडकर कल्याण संघ और भीम आर्मी रोहतास के संयुक्त तत्वाधान में प्रतिरोध मार्च और पीएम नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फणनवीस का पुतला दहन किया गया

इस कार्यकम में उपस्थित सभी लोग सासाराम शहर के तकिया मोहल्ले से प्रतिरोध मार्च करते हुए शहर के पोस्टऑफिस चौराहे पर पहुचे , जहा पर उपस्थित सैकड़ो लोगो ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस का पुतला दहन किया

इस कार्यक्रम में  मुख्य रूप से आखिल भारतीय अम्बेडकर कल्याण संघ के राष्ट्रिय अध्यक्ष अरविन्द कुमार चक्रवर्ती , भीम आर्मी रोहतास के जिला अध्यक्ष कृष्ण आनन्द , बिरेन्द्र यादव , रविरंजन पासवान , अविनास कुमार पिंटू , इम्ताय्जुल हक़ , अम्बेडकर कल्याण संघ के मीडिया प्रभारी अमित कुमार , धर्मपाल पासवान और तमाम सैकड़ो अम्बेडकरवादी मौजूद थे , सबने एक स्वर में कहा की जबसे केंद्र में भाजपा की सरकार आई है , दलितों पर हमले बढ़ गये है गुजरात के उना और महराष्ट्र के भीमा कोरेगाव हमलो का जिक्र करते हुए लोगो ने कहा की देश में बीजेपी शाषित प्रदेशो में दलित पर हमले और उत्पीडन ज्यादा होते है , अगर समय रहते दलितों पर हमले नही रुके तो जनक्रांति होगी ,

सामाजिक न्याय के लिए सौ वर्षों तक जेल में रहने को तैयार हूँ

सामाजिक न्याय के नायक लालू प्रसाद का आप सबके नाम खत ————————-

आप सबों के नाम ये पत्र लिख रहा हूँ और याद कर रहा हूँ अन्याय और ग़ैर बराबरी के खिलाफ अपने लम्बे सफ़र को, हासिल हुए मंजिलों को और ये भी सोच रहा हूँ कि अपने दलित पिछड़े और अत्यंत पिछड़े जनों के बाकी बचे अधिकारों की लड़ाई को. बचपन से ही चुनौतीपूर्ण और संघर्ष से भरा रहा है जीवन मेरा। मुझे वो सारे क्षण याद आ रहे हैं जब देश में गरीब पिछड़े शोषित और वंचित लोगों की लड़ाई लड़ना कितना कठिन था।

वो ताकतें जो सैकड़ों साल से इन्हें शोषित करती चली आ रही थी वो कभी नहीं चाहते थे कि वंचित वर्ग के हिस्से का सूरज भी कभी जगमगाए। लेकिन पीड़ितों की पीड़ा और सामूहिक संघर्ष ने मुझे अद्भुत ताकत दी और इसी कारण से हमने सामंती सत्ता के हजारों साल के उत्पीड़न को शिकस्त दी. लेकिन इस सत्ता की जड़ें बहुत गहरी हैं और अभी भी अलग अलग संस्थाओं पर काबिज़ हैं.

आज भी इन्हें अपने खिलाफ उठने वाला स्वर बर्दास्त नहीं होता और येनकेन प्रकारेण विरोध के स्वर को दबाने की चेष्टा की जाती है. आप तो समझ ही रहे होंगे कि छल, कपट, षड्यंत्र और साजिशों का ऐसा खेल खेला जाता है जिससे सामाजिक न्याय की धारा कमज़ोर हो और इस धारा का नेतृत्व करने वाले लोगों का मुंह बंद कर दिया जाए. इतिहास गवाह है कि मनुवादी सामंतवाद की शक्तियां कहाँ कहाँ और कैसे सक्रिय होकर न्याय के नाम पर अन्याय करती आई हैं. शुरू से ही इन शक्तियों को कभी हजम नहीं हुआ कि एक पिछड़े ग़रीब का बेटा दुनिया को रास्ता दिखाने वाले बिहार जैसे राज्य का मुख्यमंत्री बने। यही तो जननायक करपुरी ठाकुर के साथ हुआ था।

मुझे बचपन की वो सामजिक व्यवस्था याद आ रही जहाँ ‘बड़े लोगों’ के सामने हम ‘छोटे लोगों’ का सर उठाकर चलना भी अपराध था. फिर बदलाव की वो बयार भी देखी जिसमें असंख्य नौजवान जे.पी के आंदोलन से प्रभावित हो उसमे शामिल हो गए. आपका अपना लालू भी उनमें से एक था जो कूद पड़ा था सत्ता के खिलाफ संघर्ष में, और निकल पड़ा तानशाही, सामंतवाद और भ्र्ष्टाचार के विरुद्ध लौ जलाने. सफ़र में अनगिनत मुश्किलें थी लेकिन काँटों भरी इस यात्रा ने आपके लालू को और उसके इरादों को और मज़बूत किया. आपातकाल के दौरान आपके इसी नौजवान को जेल में डाल दिया गया था, लौ चिंगारी में जहाँ परवर्तित हुई थी वो जेल ही थी और आज महसूस करता हूँ की वो चिंगारी अब ऐसी मशाल बन चुकी है जो जब तक रोशन रहेगी, तानशाही और सामंतवादी के खिलाफ लोगो को जगाने का काम करेगी।

भारत के संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर की भी यही इच्छा थी तथा इन्हीं उद्देश्यों के किए डॉ लोहिया, स्व जगदेव बाबू, स्व चौधरी चरण सिंह, जननायक करपुरी ठाकुर तथा वीपी सिंह ने समय-समय पर इस संघर्ष को मज़बूत किया था। सच कहूं तो जिस दिन आंदोलन में कूदा था उस दिन से ही मुझे आभास था की राह आसान नहीं होगी, जेल में डाला जायेगा, प्रताड़ित किया जाएगा, झूठे आरोपों की बरसात होगी, झूठे तमगे दिए जायेंगे लेकिन एक बात तय थी कि मेरी व्यक्तिगत परेशानी गरीब और वंचित जनता की सामूहिक ताकत को बलवती बनाकर सामाजिक न्याय की धारा के लोगों की राह आसान बनाएगी.

आप लोग मेरे लिए परेशान ना हों मेरी एक-एक कुर्बानी आपको मजबूती देगी. किसी की मजाल नहीं की आपके हिस्सेदारी से कोई ताकत आपको महरूम कर दे. आपकी लड़ाई, आपका संघर्ष और मेरे लिए आपका प्रेम ही मेरी सबसे बड़ी पूँजी है और मैं आपके लिए सौ वर्षों तक जेल में रहने को तैयार हूँ. सामाजिक-राजनितिक व्यवस्था में आपकी सम्पूर्ण भागीदारी की ये छोटी सी कीमत हैं और मैं और मैं इसे चुकाने को तैयार हूँ. जब मैं जातिगत जनगणना के खुलासे की बात करता हूँ, आरक्षण के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ता हूँ। किसान, मज़दूर और ग़रीबों की आवाज़ बुलंदी से उठाता हूँ तो सत्ता की आँखों में खटकता हूँ, क्यूंकि निरकुंश सत्ता को गूंगे-बहरे चेहरे चाहिए। इस सत्ता को ‘जी हाँ हुज़ूर’ वाले लोग चाहिए जो आपका लालू कभी हो नहीं सकता. क्या हम नहीं जानते हैं कि तानाशाही सत्ता को विरोध की आवाज़ हमेशा खटकती है, इसलिए उसका जोर होता है की साम-दाम-दंड-भेद से उस आवाज़ को खामोश कर दिया किया जाए। लोकतंत्र को ज़िंदा रखने के लिए विरोध का स्वर जरूरी है। आपका लालू अपने आखिरी दम तक आवाज़ उठाता रहेगा। जो बिहार के हित में है, जो देशहित में हैं , गरीबों, पिछड़ों, दलितों के हित में है और सबसे आगे जो मानवता के हित में है। लालू ने हमेशा वो किया और करता रहेगा. …. और मैं ये सब इसलिए कर पाया हूँ और करता रहूँगा क्योंकि मेरी ताकत आप करोड़ों लोग हैं..खेत-खलिहानों में, मलिन बस्तियों में, शहर और गाँव की गुमनाम बस्तियों में… लालू का रास्ता सच के लिए संघर्ष का रास्ता है इसलिए हमारे लिए जनता ही जनार्दन है और उसकी बेहतर ज़िन्दगी ही मेरे जीवन का ध्येय है ना की कुर्सी। यही वजह है आडवाणी का रथ रोकते हुए मैंने सत्ता नहीं देखी, मेरे ज़मीर ने कहा की ये रथ बिहार के भाईचारे को कुचलता है, तो रोक दिया रथ … कितना कुछ खेल खेला है इन मनुवादियों नें ….CBI पीछे लगाई, मेरे परिवार को घसीटा गया, मुझे अरेस्ट करने के लिए आर्मी तक बुलावा भेजा। मेरे नादान बच्चों पर मुक़दमे कर उन्हें प्रताड़ित कर उनका मनोबल तोड़ने का कुचक्र रचा, देश की सभी जाँच एजेन्सीयों के छापे, चूल्हे से लेकर तबले तक को झाड़-पोंछकर खोजबीन की, पूछताछ की। चरित्रहनन करने के षढयंत्र रचे, सभी नज़दीकियों को प्रताड़ित किया, चोर दरवाज़े से घुसकर सत्ता से बेदखल किया….लेकिन परेशानियाँ और प्रताड़ना अपनी जगह आपके लालू के चेहरे पर शिकन नहीं आई.. जानते हैं क्यों..क्योंकि जिसके पास करोड़ों ग़रीबों की बेपनाह मुहब्बत हो उसका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता.

आप तो देख ही रहे हैं किस प्रकार देश का प्रधानमंत्री, राज्य का मुख्यमंत्री, केंद्र और राज्य की सरकारें, देश की तीन सबसे बड़ी एजेन्सीयाँ इनकम टैक्स, सीबीआई और ईडी, सरकार समर्थित अन्य संस्थान और कई प्रकार के ज़हरीले लोग हमारे पीछे लगे हैं. बच्चों को भी झूठ और फरेब की कहानियाँ बनाकर दुश्मनी निकाल रहे है। इन मनुवादियों ने सोचा इतना करने के बाद अब तो लालू खामोश हो जायेगा, समझौता कर लेगा लेकिन लालू बिहार की महान माटी का लाल है किसी अत्याचार के खिलाफ खामोश नहीं होने वाला। लालू किसी से डरकर नहीं डटकर लड़ाई लड़ता है। वह आँखों में आँख नहीं ज़रूरत पड़ने पर आँखो में ऊँगली डालकर भी बात करना जानता है। और ये कर पाने का बल और उर्जा आपकी ताकत, आपके संघर्ष और मेरे लिए आपके असीम स्नेह के कारण संभव हो पाता है. आप हैं तो आपका लालू है. हाँ आपके लालू का एक दोष ज़रूर है कि उसने जातिवाद और फासीवाद की सबसे बड़ी पैरोकार संस्था आरएसएस के सामने झुकने से लगातार इनकार किया. इन मनुवादियों को ये पता होना चाहिए कि करोड़ों बिहारियों के स्नेह की पूँजी जिस लालू के पास है उसे पाताल में भी भेज दो तो वहां से भी तुम्हारे खिलाफ और तुम्हारी दलित-पिछड़ा विरोधी मानसिकता के खिलाफ बिगुल बजाता रहेगा. क्या आप नहीं समझते कि इन मनुवादियों को अपनी सत्ता का इतना घमंड हो गया है कि भैस-गाय पालने वाले, फक्कड़ जीवनशैली अपनाने वाले आपके लालू को घोटालेबाज़ कहते हैं. ज़िन्दगी भर गरीब आदमी के लिए लड़ने वाले के सिर पर इतनी बड़ी तोहमत के पीछे का सच क्या किसी से छुपा हुआ है? अरे सत्ता में बैठे निरंकुश लोगो!! असली घोटालेबाज तो तुम हो जो कमल छाप साबुन से बड़े बड़े घोटालेबाजों की ‘समुचित’ सफाई कर उन्हें मनुवादी-फासीवाद का सिपाही बनाते हो..

मेरे भाइयों और बहनों! परेशान और हताश न होयें आप.. बस ये ज़रूर सोचना और बार-बार सोचना कि ‘तथाकथित’ भ्रष्टाचार के सभी मामलों में वंचित और उपेक्षित वर्गों के लोग ही जेल क्यों भेजे जाते है? ये भी सोचना ज़रूर कि कुछ हमारे जमात के लोग इनके दुष्प्रचार का शिकार क्यों हो जाते है? ये सारी नापाक हरकते और पाखंड सिर्फ लालू को प्रताड़ित करने के लिए नहीं हो रहा है बल्कि इनका असली निशाना आपको सत्ता और संसाधन से बेदखल करना है. लालू तो बहाना है असली निशाना है कि दलित,महादलित,पिछड़े-अतिपिछड़ों और अल्पसंख्यकों को फिर से हाशिये पर धकेल दिया जाए.

आप में से कई लोग सोचते होंगे कि आपका लालू चुप क्यों नहीं हो जाता, समझौता क्यों नहीं कर लेता ? तो सुन लो …. आपका लालू आज भी ज़मीन पर ग़रीब के बीच रहता है और देखता है कि किस कदर लोगो को सताया जा रहा है। आज भी दलित-पिछड़े समाज की हर मुसीबत मेरी व्यक्तिगत मुसीबत है. आज भी इन वर्गों की हर परेशानी मुझे चैन से सोने नहीं देती. मैं मानता हूँ कि ,”कदम कदम पर पहरे है , सत्ता तेरे गरीबों को दिए ज़ख्म बहुत गहरे हैं”। शायद इसलिए बाकी लोगो की तरह आपका लालू भी अगर समझौता कर सत्ता की गोद में बैठ जायेगा तो बेबस जनता की आवाज़ कौन सुनेगा, उनके हक़ के लिए कौन लड़ेगा? लालू को लोकतंत्र की परवाह है इसलिए बोलता है , लालू को भाईचारे की परवाह है इसलिए बोलता है।

झूठ अगर शोर करेगा तो लालू भी पुरज़ोर लड़ेगा मर्ज़ी जितने षड्यंत्र रचो, लालू तो जीत की ओर बढ़ेगा अब, इंकार करो चाहे अपनी रज़ा दो साज़िशों के अंबार लगा दो जनता की लड़ाई लड़ते हुए, आपका लालू तो बोलेगा चाहे जो सजा दो

मैं सिर्फ हाथ जोड़कर आप सबों से विनती करता हूँ कि आप हताश और निराश ना हों… आप रोये नहीं.. जैसा मैंने पहले कहा कि आपका स्नेह और मुहब्बत आपके लालू को ताकत देता हैं…आपकी परेशानी से आपका लालू परेशान होता है. भरोसा देता हूँ कि मुझे डर नहीं, मुझे भय नहीं। मेरे साथ समूचा बिहार है। आप सब मेरे परिवार हैं… जिस व्यक्ति के पास इतना बड़ा करोड़ों लोगों का परिवार हो उसे दुनिया की कोई ताकत डरा नहीं सकती। आपकी ताक़त ही आपके लालू को लालू बनाती है।

सत्यमेव जयते। जय हिन्द।

आपका, लालू प्रसाद यादव

पूना भीमा कोरेगाव दलित हमलो के खिलाफ बिहार के शिवहर में अम्बेडकर विचार मंच ने निकाला प्रतिरोध मार्च और किया धरना प्रदर्शन !

बिहार (शिवहर ):- पुणे भीमा कोरेगाव दलितों पर मनुवादी और हिंदूवादी विचारधारा वाले संगठनों के सदस्यों द्वारा किये गये हमले और पत्थरबाजी को लेकर देश भर के दलित और बहुजन संगठनो में रोष है , अभी प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार राज्य के शिवहर में  पुणे भीमा कोरेगाव दलित हमलो वाली घटना के विरोध में अम्बेडकर विचार मंच द्वारा प्रतिरोध मार्च और धरना प्रदर्शन किया गया

आज बिहार के शिवहर में अम्बेडकर विचार मंच के संयोजक नथुनी चौधरी मूर्तिकार के नेतृत्व में महाराष्ट्र पुणे के भीमा कोरेगाव दलित हमलो के विरोध में  एकदिवसीय धरना प्रदर्शन और प्रतिरोध मार्च का आयोजन किया गया ,ये प्रतिरोध मार्च नथुनी चौधरी मूर्तिकार के नेतृत्व में शिवहर प्रखंड से विरोध मार्च करते हुए गुदरी बाजार , जिरोमाइल होते हुए जिला मुख्यालय पर समाहरणालय के सामने धरना प्रदर्शन में तबदिल हो गया , तथा जिलाधिकारी के बुलावे पर नथुनी चौधरी मूर्तिकार के नेतृत्व में एक प्र्तिनिधि मंडल जिलाधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर उन्हें अपना मांग पत्र भी सौपा जिसमे इस हिंसा की घटना की उच्चस्तरीय जांच करने , हिंसा भड़काने के मुख्य आरोपियों शम्भा जी भिड़े और मिलिंद एकवोटे को तत्काल गिरफ्तार किये जाने की मांग के साथ और भी अन्य मांगे रखी गयी थी

नथुनी चौधरी मूर्तिकार ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की देश में पिछले 3-4 सालो से दलितों पे हमलो की संख्या में इजाफा हुआ है अगर दलितों पर हमले होना बंद नही हुआ तो जनक्रांति होंगी .मौके पर सैकड़ो दलित बहुजन लोग  महिला और पुरुष मौजूद थे  |

महाराष्ट्र पुणे के भीमा कोरेगाव दलित हमलो के विरोध में भीम आर्मी बिहार के सीतामढ़ी जिला इकाई ने आरएसएस ,बीजेपी और सीएम फणनवीस का पुतला फूंका और प्रदर्शन किया !

बिहार (सीतामढ़ी ) :- महाराष्ट्र के पुणा भीमा कोरेगाव में शौर्य दिवस के २०० साल पुरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे दलितों पर हिंदूवादी संगठनों द्वारा किये गये हमलो को लेकर पुरे देश के दलित और बहुजनो में रोष है , एक ओर जहा पुरे देश के दलित संगठन इस हमले का विरोध दर्ज कराने के लिए जगह जगह धरना प्रदर्शन और पुतला दहन कर रहे है , वही इस मामले में क्रांति और परिवर्तन की धरती बिहार भी बहुत आगे है अभी हाल में ही भीम आर्मी बिहार की प्रदेश कमिटी द्वारा अमर आजाद के नेतृत्व में पटना के कारगिल चौक पर महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फणनवीस का पुतला दहन किया गया था ,

विशेष बाते :-

  • कार्यक्रम में शामिल लोगो ने महाराष्ट्र के बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की जब शासन और प्रशासन को भीमा कोरेगाव में भीड़ जुटने और हमला होने की आशंका के बारे में पहले से ही पता था तो सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था क्यों नही करायी गयी 
  • वही पुना भीमा कोरेगाव हिंसा के मुख्य आरोपी शम्भा जी भिड़े और मिलिंद एकबोटे को अबतक गिरफ्तार क्यों नही किया गया ,
  • दलितों पर हुए हमलो में मुख्य रूप से आरएसएस , शम्भा जी भिड़े का संगठन , और मिलिंद एकवोटे का संगठन हिन्दू एकता मंच का हाथ है , ये सब बाते वहां पर उपस्थित लोगो ने कही

 

आज मिली जानकारी के अनुसार बिहार के सीतामढ़ी जिले में भीम आर्मी बिहार के सीतामढ़ी जिला इकाई द्वारा अम्बेडकर  कल्याण छात्रावास के छात्रो की उपस्थिति में सीतामढ़ी के कारगिल चौक पर महाराष्ट्र के बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस  सहित आरएसएस और बीजेपी का भी पुतला दहन किया गया , मौके पर सैकड़ो छात्र और स्थानीय बहुजन समाज के लोग उपस्थित थे , मुख्य रूप से उमाकांत कुमार छात्रनायक , अम्बेडकर कल्याण छात्रावास सीतामढ़ी , पुनीत बैठा , और मनोज कुमार चौधरी मौजूद थे , कार्यक्रम में शामिल लोगो ने महाराष्ट्र के बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की जब शासन और प्रशासन को भीमा कोरेगाव में भीड़ जुटने और हमला होने की आशंका के बारे में पहले से ही पता था तो सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था क्यों नही करायी गयी , वही पुना भीमा कोरेगाव हिंसा के मुख्य आरोपी शम्भा जी भिड़े और मिलिंद एकबोटे को अबतक गिरफ्तार क्यों नही किया गया , दलितों पर हुए हमलो में मुख्य रूप से आरएसएस , शम्भा जी भिड़े का संगठन , और मिलिंद एकवोटे का संगठन हिन्दू एकता मंच का हाथ है , ये सब बाते वहां पर उपस्थित लोगो ने कही