राम बहादुर ने नागरिकता पार्टी के लिए सपा -बसपा सहित कांग्रेस नेताओं को तोड़ा

बिग ब्रेकिंग :-

नागरिक एकता पार्टी में बीएसपी और कांग्रेस सहित सपा से 9 लोगो ने किया पार्टी जॉइन

बीएसपी में कद्दावर नेता रहे पूर्व आईएएस रामबहादुर के करीबी बीएसपी में रहे अच्छे लाल निषाद , बीएसपी के प्रदेश कोऑर्डिनेटर भाईचारा कमेटी के कमलेश कुमार भारती ने नागरिक एकता पार्टी किया आज जॉइन किया ।

नागरिक एकता पार्टी के संरक्षक पूर्व आईएएस रामबहादुर व राष्ट्रीय अध्यक्ष शमीम खान के मौजूदगी में किया जॉइन किया

पीस पार्टी से रईस कुरैसी रिजवान अहमद ने भी पीस पार्टी छोड़ नागरिक एकता पार्टी किया जॉइन .

हरिनंदन सिंह गौतम ,संतोष पाल बीएसपी से ,मोहनलालगंज से पूर्व महासचिव अनूप पटेल और सपा से अजमत सिद्दीकी ने नागरिक एकता पार्टी किया आज जॉइन .

सभी को पार्टी में अहम मुकाम दिया गया –

कांग्रेस और बीएसपी में मंडल कोऑर्डिनेटर रही कैपटन दिनेश सिंह ने भी नागरिक एकता पार्टी किया जॉइन .

लोकसभा चुनाव में नागरिक एकता पार्टी कर चुकी है अपना प्रदर्शन .

पार्टी में संरक्षक पूर्व आईएएस रामबहादुर के सहयोग से सभी ने किया पार्ट जॉइन .

बीएसपी से इन सभी को तोडने में कामयाब हो रहे है नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बाद पूर्व आईएएस रामबहादुर.

नागरिक एकता पार्टी को मजबूत कर उप चुनाव से लेकर विधानसभा में अपना प्रदर्श दिखाएगी नागरिक एकता पार्टी .

फ़िल्म आर्टिकल- 15 पर पासी-ब्राह्मण संगठनों का विरोध क्यों और कैसे ?

●अजय प्रकाश सरोज

अनुभव सिन्हा निर्देशित फ़िल्म आर्टिकल -15 शुरू ही से ही विवादों से घिरी रही । दो जातीय संगठनों के लोगों ने इस फ़िल्म का विरोध किया । पहले फ़िल्म के रिलीज़ होते ही बिना देखें ब्राह्मण संगठनों ने विरोध किया तो दूसरे फ़िल्म को देखने के बाद पासी समाज के बुद्धजीवियों और संगठनों ने आपत्ति दर्ज करवाई। विरोध और असहमतियों का होना लोकतंत्र का खूबसूरत पक्ष हैं। यह हर मसलें पर जरूरी होता हैं। लेकिन तऱीके भी लोकतांत्रिक होने चाहिए।
ब्राह्मणों ने फ़िल्म को बैन कराने के लिये सड़कों पर जुलूस निकालें ,सोशल मीडिया पर निर्देशक को भद्दी भद्दी गालियाँ दीं, अभिनेता आयुष्मान खुराना को जान से मारने की धमकी दीं और अनुभव सिन्हा के जीभ काटने पर इनाम देनें जैसे हिंसक बयान जारी किए । उनका आरोप था कि फ़िल्म में ब्राह्मणों का अपमान हुआ हैं। लेकिन ब्राह्मण बुद्धजीवियों द्वरा इस फ़िल्म को देखने के बाद विरोध जैसी कोई प्रतिक्रिया नही आई क्योंकि उन्हें दबे पांव समझ मे आ गया कि फ़िल्म में उनका ही वर्चस्व क़ायम हैं।
फ़िल्म का नायक ब्राह्मण जाति का हैं जो आईपीएस के रूप में हैं, और समाज में ब्याप्त जाति ब्यवस्था से लड़ने का प्रशासनिक और कानूनी रूप से प्रयास कर रहा हैं। जिससे उसको खुद की जाति से कोई खतरा भी नही ! जिसमें प्रशासनिक प्रेशर के अलावा फ़िल्म के अंदर कोई विरोधी गुट भी नही है। यह सॉफ्ट कॉर्नर मामला हैं। परिणामस्वरूप ब्राह्मण संगठनों का विरोध ठंठा पड़ गया। बाक़ी जिन थोड़े बहुत संवादों और कहानी में पुलिस महकमें के रवैए को दर्शाने का प्रयास किया गया वह हौवा के सिवा कुछ नही लगता।इनके विरोध वालें तर्क ‘कौआ कान ले गया ‘जैसा ही रहा।
दूसरा विरोधी गुट पासी समाज के संगठनों और उनके बुद्धजीवियों का रहा । जो फ़िल्म को देखने के बाद विरोध में उतरें लेकिन उनका विरोध शांतिपूर्ण रहा ।यूपी ,मध्यप्रदेश ,असम, दिल्ली , महाराष्ट्र ,छत्तीसगढ़ के संगठनों अपना विरोध दर्ज कराने हेतु बैठक करके प्रेस नोट जारी किया । जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति /प्रधानमंत्री /मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया। निर्देशक को सलाह दिया कि पासी समाज के बारें में विस्तृत अध्ययन करना चाहिए । पासी संगठनों की तरफ़ से हिंसक बयानबाज़ी नही की गई जबकि समाज और पुलिस की निगाह में यह हिंसक जाति के रूप पहचानी जाती रहीं हैं।

फ़िल्म का विरोध इसलिए हों रहा कि फ़िल्म में पासी समाज को सीधे तौर पर अपमानित किया हैं। देश मे पासी जाति की संख्या करोड़ो में हैं। और इस जाति का सम्मान और स्वाभिमान से समझौता न करने का इतिहास रहा हैं। फ़िल्म उन्ही को केंद्र में रखकर बनाई गई हैं। जिसे दीन हीन दिखाकर परिस्थितिजन्य समझौतावादी की छवि बनाई गईं। यह संवाद दिल को चोट पहुचानें वाली हैं कि ‘ मेरी बेटियों को रात भर रखकर छोड़ देतें ! मार क्यों डाला ?

इसके साथ ही पासियों को फ़िल्म की कहानी और संवाद से हैं आपत्ति है ? फ़िल्म में 3 रुपये दिहाड़ी ज्यादा माँगने पर मजदूर गरीब पासी लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया और फिर उसे ‘ऑनर किलिंग ‘बताकर पिता को ही आरोपी बना दिया जाता हैं। जिसे वह मजबूर पिता सीधे से स्वीकार कर लेते हैं । पासियों के मामलें यह बात पचती नही ! क्योंकि पासी जाति का सामाजिक चरित्र प्रतिक्रियावादी हैं। और जिस बदायूं कांड की घटना को पासियों से जोड़ा गया उससे भी पासी समाज के लोगो को आपत्ति हैं ।

इसके अलावा फ़िल्म के शुरुआती में ही पुलिस वाला यादव ड्राइवर ,अपने अधिकारी द्वारा पानी मांगने पर कहता है कि सर ! यह पासियों का मोहल्ला हैं सुअर पालते है । अछूत है ये लोग , इनके हाथ का छुआ पानी हम नही पीते ?

घटना जाँच पड़ताल के दौरान ब्राह्मण आईपीएस अधिकारी द्वरा कायस्थ पीआरओ से खुद की जाति पूछना ? और फिर जाटव पुलिस कर्मी से यह संवाद कहलवाना की पीड़ितों की जाती हमारी जाती से अलग हैं वें पासी हैं , हम चमार हैं । हम पासी से काफी ऊपर आते हैं ? इनका छुआ तो हम खाते भी नही ! जबकि पश्चिम का जाटव खुद को चमार ही नही मानता, हैं भी नही ! और किसी भी पुस्तक में ऐसा वर्णन भी नही मिलता कि पासी ,चमार से निम्न हैं? न ही समाज में यह स्वीकार हैं।

पासी समाज के लोगों का कहना हैं यह कि यह फ़िल्म पासी समाज के गौरवशाली इतिहास को कलंकित करती हैं। इससे पासी समाज के बच्चों पर बुरा असर पड़ेगा । स्कूल कॉलेज में पासी बच्चों का मज़ाक बनेगा ! नई पीढ़ी अपनी जाति बताने में हीनता बोध करेगी, उसका मनोबल कमजोर होगा । जबकि उससे उसकी जाति हमेशा पूछी जाती रहेगी ।

भारत जातियों और धर्मों का देश हैं यह हमेशा बना रहेगा इस बात को ही ध्यान में रखकर भारतीय संविधान निर्माताओं ने आर्टिकल -15 को मजबूती से लिखा है कि किसी भी जाति ,धर्म ,समुदाय ,भाषा ,लिंग के आधार पर भेदभाव नही किया जाएगा। ” जबकि यह फ़िल्म
के करेक्टरों के साथ ही भेदभाव कर दिया गया ? ठाकुर को बलात्कारी और ब्राह्मण को न्यायिक ,यादव ड्राइवर , कायस्थ मुनीम अर्थात पीआरओ जाट रसोइयां बस जाटव को ,जाटव जी कहकर संबोधित किया गया हैं । क्या इतने भर से समानता का संदेश फ़िल्म में हैं ? या फिर जाटव जी द्वरा ठाकुर जाति के बलात्कार के आरोपी को थप्पड़ मारने से समाज मे बदलाव का संकेत हैं।

फ़िल्म को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ पासी /दलित एक्टिविष्टो का वैचारिक विरोध रहा हैं उनका कहना है कि फ़िल्म में प्रतिक्रियावादी युवाओं का एनकाउंटर दिखाकर निर्देशक क्या सन्देश देना चाहतें हैं ? क्या यह दलित एक्टिविष्टो के अंदर डर पैदा करने की कोशिश नही ? फ़िल्म का विरोध इसलिए भी होना चाहिए कि दलित उत्पीड़न पर प्रतिक्रिया देनें वाले संगठनों के युवा नेताओँ को किस बात के लिए पुलिस पकड़ती हैं। उनका ज़ुर्म क्या बस इतना है की वें दलितों को समाजिक परिवर्तन के जरिये न्याय लेने की बात करतें हैं । या फिर राजनीतिक लाभ के लिए फर्जी दलित-ब्राह्मण गठजोड़ का विरोध कर रहें थें ? फिल्में समाज पर असर डालतीं हैं क्या यह फ़िल्म दलित एक्टिविष्टो पर नकारात्मक प्रभाव नही डालेगी रहीं हैं ?

इसका जवाब फ़िल्म के निर्माता और निर्देशक से मंगा जाना चाहिए । अब बात शुरू हुई हैं तो सभी पक्षों की बातों को सुना जाना चाहिए , और उन्हें सन्तुष्ट भी करना चाहिए । तभी हमारे देश का लोकतांत्रिक ढांचा मज़बूत होगा।

लेखक :पत्रिका के संपादक हैं।
इलाहाबाद / प्रयागराज – 9838703861
Email: ap.saroj9838@gmail.com

संवेदनशील नवयुवकों नें पीड़िता के लिए जुटाए 35 हज़ार और दो यूनिट ब्लड

पासी समाज के नवयुवकों ने जनपद कौशाम्बी के पुरामुफ्ती में ट्रेन हादसे में अपने दोनों पैरों को गवाने वाली अनीता नामक लड़की जोकि बहुत ही गरीब परिवार से है के इलाज हेतु लोगो के सहयोग से एकत्रित लगभग पैतीस रुपये और 2 यूनिट ब्लड आज स्वरूपरानी हॉस्पिटल में पीड़ित के परिवार को प्रदान किया। साथ ही उन सभी संवेदनशील लोगो की लिस्ट जारी किया जिन लोगों ने पीड़िता की मदद आर्थिक मदत देकर इलाज में सहयोग दिया हैं उनके नाम निम्न हैं-

1-5000 रुपये- एडवोकेट सौरभ सरोज (दिल्ली हाईकोर्ट)
2-1000 रुपये- रविप्रकाश (इलाहाबाद)
3-500 रुपये- सनी सरोज BSF (प्रतापगढ)4-1000 रुपये- गणेश पासी (कौशाम्बी)
5-300 रुपये-नीरज कुमार (भदोही)
6-500 रुपये- आलोक पासी (मुम्बई)
7-5000-भारत पासी DFO (इलाहाबाद)
8-500- दीपक कुमार (प्रतापगढ)
9-1000- जिंतेंद्र सरोज (लालगोपालगंज)
10-500 रुपये- धीरज कुमार CBCID (लखनऊ)
11-200 रुपये- राजेश भारतीय(भदोही)
12-500 रुपये-राधेश्याम रावत (लखनऊ)
13-1000 रुपये- कवि आरके सरोज (लखनऊ)
14-200 रुपए-राजेश रावत (अमेठी)
15-5000 रुपये-प्रीति प्रकाश(मम्फोर्डगंज)
16-1000 रुपए-उर्मिला सरोज (पीड़ित को नगद दिए)
17-500 रुपये- मोतीलाल कश्यप (पीड़ित को नगद दिए)
18-1000 रुपये-रंजीत सरोज (इलाहाबाद यूनिवर्सिटी)
19-500 रुपये- नीलेश पासी (मुंबई)
20-500 रुपये- अरुण कुमार (कटनी)
21-500 रुपये -संजय कुमार (मऊ)
22-500 रुपये-राजू पासी (रायबरेली)
23-500 रुपये- नंदकुमार (रायबरेली)
24-500 रुपये-अनिल सरोज SI (इलाहाबाद)
25-500 रुपये -सुमित कुमार (सोहबतियाबाग)
26-300 रुपये-संतोष भारतीय (इलाहाबाद)
27-200 रुपये-अरविंद सरोज छात्रनेता इलाहाबाद यूनिवर्सिटी
28-500 रुपये-प्रियांक सिंह (इलाहाबाद)
29-1000 रुपये-रविशंकर (इलाहाबाद)
30-1000 रुपये- बेंचेलाल (बिलासपुर)
31-2100 रुपये- मनोज पासी (जौनपुर)
32-500 रुपये-राजकुमार (मुंबई)
33-500 रुपये -जिंतेंद्र सरोज(जौनपुर)
34-500 रुपये-सुनील प्रगतिशील (इलाहाबाद)
35-500 रुपये-शरद सरोज (जौनपुर)
36-1000 रुपये- संदीप सरोज (मुंबई)
37-1 यूनिट ब्लड-आशीष कनॉजिया (इलाहाबाद)
38-1 यूनिट ब्लड-सूरज सरोज (इलाहाबाद)

समाज में कार्य करने उन सभी साथियों को दिल से आभार ब्यक्त कीजिये। सामाजिक साथियो ने

पीड़ित लड़की के पिता जी का खाता नम्बर भी देकर सहयोग की अपील की हैं

Name- Pappu
बैंक- बड़ोदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक
Acc N.-52910100013301
IFSC- BARB0BUPGBX

नई

बहुजन आंदोलनों को बारीकी से परखने वालें प्रसिद्ध दलित साहित्यकार कँवल भारती जी ने मायावती और कांशीराम की बसपा पर हमला बोलते हुए अपने फेसबुक पर लिखा कि –

” मैं 1996 से कहता आ रहा हूँ कि कांशीराम और मायावती की सारी राजनीति भाजपा को मजबूत करने वाली है। इस संबंध में मेरी दो किताबों (कांशीराम के दो चेहरे और मायावती और दलित आंदोलन) को खूब गरियाया जाता है, सम्यक और गौतम बुक वाले इन किताबों के नाम से ही चिढ़ते हैं, इन्हें बेचना तो दूर।

पर आज तक किसी आलोचक ने इन किताबों में उठाए गए मेरे सवालों का जवाब नहीं दिया है।
मैं अब भी कह रहा हूँ कि कांशीराम के आंदोलन की पूरी रूपरेखा आरएसएस ने बनाई थी, सारा पैसा आरएसएस ने खर्च किया था, मकसद था कांग्रेस और वामपंथ से बहुजनों को अलग करना। मायावती जी आज भी कांशीराम के रास्ते पर ही चल रही हैं।

पूर्व सांसद राम निहोर राकेश का निधन

प्रयागराज / पासी समाज के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व सांसद राम निहोर राकेश जी का हृदय गति रुक जाने के कारण आज 15 मई ,पूर्वाह्न को निधन हो गया ।

श्री राकेश ,कौशाम्बी / चायल लोकसभा से सांसद रह चुके हैं राम निहोर राकेश जी पासी समाज के उन नेताओं में से एक रहें जिन्होंने अखिल भारतीय पासी महासभा का गठन करके समाज सुधार में बड़ा काम किया । तथा उनके पुत्र के अनुसार वें लोकसभा में चार बार सांसद रहें हैं

उनके निधन पर पासी समाज से पूर्व राज्यमंत्री रामानंद भारती सहित समाज अन्य सामाजिक गणमान्य लोगों में शोक की लहर हैं। उनके पुत्र रितेश राकेश के फेसबुक पर अपने पिता के साथ फोटो शेयर करके यह जानकारी दीं ।

कौशाम्बी में सांसद विनोद सोनकर को सबक सिखाएंगे पासी-खटिक

यूपी, कौशाम्बी / ब्राह्मणों को गाली, कोटेदारों , प्रधानों को धमकी देकर वोट माँगने वालें सांसद विनोद सोनकर की हालत क्षेत्र में बहुत खराब हो चुकी हैं। पासी बाहुल संसदीय क्षेत्र कौशाम्बी में 2014 में पासियों ने इनपर भरोशा किया। लेकिन चुनाव जीतने के बाद पासियों का उत्पीड़न शुरू कर दिये । यहां तक कि जिन पासियों और खटिकों ने इनके चुनाव में अंतिम समय तक लगे रहें सांसद बनने के बाद उनको भूल गए।

विनोद के इसी खराब होती स्थिति को देखतें हुए बीजेपी ने इनका टिकट काट दिए थें , लेकिन अमित शाह को बड़ी मशक्कत के बाद मनाने में कामयाब हो गए और पुनः टिकट बहाल कराकर चुनावी मैदान में हैं । लेकिन इस बार इनके पुराने समर्थक बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ मोर्चा खोलें हुए हैं।

यहां तक कई कई गांवों में तो इन्हें घुसने भी नही दिया गया। जिसकी चर्चा मीडिया जगत होती रहीं हैं। चुनाव प्रचार के दौरान इनके बदजुबानी के चलते ही कुंडा में कुछ दिन पहले जनसत्ता दल के समर्थकों के साथ झड़प भी हुई थीं।

ग्राउंड रिपोर्ट से पता चला कि संसद रहते दलित उत्पीड़न की घटनाओं में हमेशा लीपापोती करते रहें हैं। उसमें भी पीड़ित अगर पासी है तो संसद महोदय विपक्षीगणों की मदत करने में स्वंय की प्रतिष्ठा दांव पर लगा देते थें।यह कहकर की पासी हमको वोट नही करता हैं।

इस बार पासी-खटिक समाज इनके इस दुर्ब्यावहार से ग़ुस्से में हैं, और सांसद जी के बदजुबानी से भी कौशाम्बी का भाजपाई मतदाता नाराज़ हैं। यहीं भाषा गठबंधन के प्रत्याशी इंद्रजीत सरोज का भी हैं। अचार संहिता के उल्लंघन में इनपर आयोग दो बार नोटिस जारी कर चुका हैं।

जिसका फ़ायदा सीधे और सरल प्रत्याशी गिरीश पासी, पूर्व सांसद शैलेन्द्र कुमार को मिल सकता हैं। गिरीश इस बार कांग्रेस के पंजे निशान पर चुनावी मैदान में हैं। तो शैलेंद्र राजा भईया की पार्टी जनसत्ता के उम्मीदवार हैं।

श्रृंगवेरपुर पासी धर्मशाला का होली मिलन समारोह सम्पन्न

दिनांक 31 मार्च 2019 को श्रृंगवेरपुर पासी धर्मशाला प्रयागराज का होली मिलन समारोह बङे हर्षोल्लास के साथ, पासी समाज में जन-चेतना को जागरुक करने वाले आदरणीय मास्टर धनीराम सरोज जी कि अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।

उन्होंने अपने अध्यक्षता सम्बोधन में उपस्थित लोग को शिक्षा,स्वस्थ्य और एकता पर विशेष बल दिया। कार्यक्रम का संचालन श्रृंगवेरपुर पासी धर्मशाला के पूर्व व वर्तमान में र्निविरोध नवर्निवचित अध्यक्ष श्री सियाराम सरोज जी ने किया।

कार्यक्रम के बीच में ही काफी दिनों से श्रृंगवेरपुर पासी धर्मशाला के महन्त व संरक्षक का पद खाली था। जिसे उपस्थित पासी समाज के गणमान्य लोगों के बीच ही चुन लिया गया। जिसमें पङिला पासी धर्मशाला थरवई,प्रयागराज के महन्त श्री श्री मंगलदास जी महाराज को मुख्य संरक्षक व श्री श्री महन्त सम्बोधी जी महाराज को संरक्षक और श्री श्री र्निमोही जी महाराज को मुख्य महन्त श्रृंगवेरपुर पासी धर्मशाला प्रयागराज मनोनीत किया गया। सभी उपस्थित लोगों ने हर्ष ध्वनि व फूलमालाओं से उनका अभिवादन किया।

समारोह में गीत संगीत का कार्यक्रम का भी था जिसमें पूर्व एस०डी०एम० माताफेर सरोज,फिल्म व टी०वी० कलाकार राकेश प्रधान व संगम पासी द्वारा एक से बङकर एक पासी पंवारा व लोकणीत प्रस्तुत किये गये। जिसे सुन दर्शक मंत्र-मुग्ध हो उठे।

अन्त में सभी स्वजाति बन्धु एक दूसरे से मिलकर आपना परिचय दिया,और पासी समाज के लिये हमेशा तत्पर रहने वाले स्वर्गीय श्रीराम शास्त्री जी के लिये दो मिनट का शोक भी रखा गया और उनके जीवन के बारे में भी बताया गया। इसके उपरान्त सभी ने भोजन (प्रसाद) ग्रहण करके अपने-अपने घरों के लिये प्रस्थान हुए।

कार्यक्रम मुख्य व्यास्थपक के रूप में पूर्व ब्लाक प्रमुख गिरीश पासी,तुलसीराम सरोज और इन्द्र लाल पासी ने आये हुए लोगों का आभार प्रकट किया.

कार्यक्रम में पासी समाज के शासन-प्रशासन,मंत्री,सांसद,विधायक,समाजसेवी,वकील डॉक्टर,ईजि० आदि हजारों लोग उपस्थित रहें.

-प्रमोद कुमार भारतीय

चक्रवर्ती सम्राट सुहेलदेव पासी जयंती समारोह मनाया गया

दिनांक 17 फरवरी 2019 को भारत क्रान्ति रक्षक पार्टी (बी.के.आर.पी.) के तत्वावधान में बहराईच जिले के चक्रवर्ती सम्राट महाराजा सुहेलदेव पासी जी की जयंती समारोह का आयोजन ग्राम दुर्जनपुर,झूंसी प्रयागराज में बङे हर्षोल्लास एवं एक संकल्प के साथ मनाया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता बी.के.आर.पी. के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट सुनील राजपासी ने किया।

उन्होंने अपने सम्बोधन चक्रवर्ती सम्राट महाराजा सुहेलदेव पासी जी के जीवन परिचय देते हुए बताया कि यही असली राष्ट्र रक्षक सम्राट है हम लोगों को इनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य आथिति बी.के.आर.पी. के राष्ट्रीय महासचिव रामेश चन्द्र यादव ने कहाकि महाराजा सुहेलदेव पासी जी कि जयन्ती समारोह तभी सफल होगी जब तक हम सब सामाजिक बुराईयों का त्याग नहीं करेंगे । इसलिये हम सब को नशा,जूआ आदि से दूर रहने का संकल्प लेना चाहिए।

समाजसेविका कमला प्रधान ने कहा कि हमें अपने राजाओ का सम्मान करना चाहिए उनकी जयंती उत्सवों को धूमधाम से मनाना होगा । साथ ही कार्यक्रमों में अपनी बहन बेटियों को शामिल कराने के लिए उचित माहौल दिया जाना चाहिए। महिलाओं को घरों से निकलकर समाज के बीच काम करने की जरूरत हैं। समाज के हर कार्यक्रमों में महिलाओं और पुरुषों की भागीदारी बराबर की दिखनी चाहियें।

युवा नेता नीरज पासी ने कहा कि पासी समाज के महापुरुषों के इतिहास के साथ आये दिन छेड़छाड़ करने की कोशिश होती है। हम सबको एक होकर आपनी बिरासत बचाने के लिए संघर्ष करने की जरूरत हैं। कार्यक्रम में लोकप्रिय रेडियो एवं टी.वी. गायिका सोना सोहनी ने चक्रवर्ती सम्राट महाराजा सुहेलदेव पासी के जीवन से सम्बन्धित एक से बढकर एक गीत प्रस्तुत किये। जिसे दर्शक सुन मंत्र-मुग्ध हो गए।कार्यक्रम का संचालन पार्टी के प्रवक्ता एडवोकेट प्रमोद कुमार भारतीया ने किया। तथा कार्यक्रम के संयोजक पवन पासी,पवन गुप्ता और सूर्यबली पासी ने आये हुए लोगो का आभार प्रकट किया और कहा कि आगे इस कार्यक्रम को और भव्य बनाएऐगे।कार्यक्रम में मुख्य रूप से भारत क्रान्ति रक्षक पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एडवो० बी.के.बाघाङिया,जिलाध्यक्ष प्रयागराज दूधनाथ पासी,शहर उत्तरी विधानसभा अध्यक्ष विनोद भारतीया,पूर्व प्रधान कमला देवी,राजेश मास्टर,नाथू राम बौद्ध,कुलदीप कुशवाहा,रामदुलारे पासी,नरेश पासी,रीशा देवी,सीता देवी, महन्त बसन्त महाराज जी, एडवो० राम खेलावन,एडवो०बङे लाल पासी,अरविन्द पाल,मो०यसीर,पी.एन.यादव,इंदल पासी,महेश मिश्रा,राकेश पासी,अमित पासी,इन्द्रजीत पटेल,सनील पासी गाजीपुर,एडवो०दिनेश निगम,,पत्रकार जय प्रकाश,बब्बलू पासी,नीरज पासी,राजकुमार भारतीया,एडवो० कमलेश भारतीया,अजीत पासी,रमेश पासी आदि सैकङो लोग उपस्थित रहे ।

पूर्व सांसद पन्ना लाल की सुपौत्री की शादी समारोह में जुटे गणमान्य लोग

अयोध्या (फैज़ाबाद) / आज़ादी के बाद 1952 में हुए प्रथम लोकसभा के आम चुनाव में निर्वाचित संसद सदस्य रहें स्व0 पन्ना लाल जी की सुपौत्री तथा डॉ. वीके लाल जी की पुत्री की शादी में इलाहाबादियों का जमावड़ा लगा रहा । इस परिवार का इलाहाबाद से गहरा नाता रहा है और संयोग से बाराती भी इलाहाबादी थें तो जाहिर सी बात हैं इलाहाबादी पासियों की संख्या रहेगी ही ।

हालाकि कि दोनों शहरों का नाम प्रदेश की सरकार ने बदल दिया हैं ।इलाहाबादी , प्रयागराजी हो गयें है और फैजाबादी, अयोध्या वासी हो गये हैं ।खैर छोड़िए इन सब राजनीतिक बातों को आपको बताते हैं शादी में कौन कौन शामिल हुए ।

समरोह में न्यायाधीश श्री चन्द्रभान जी ( चेयरमैन,प्रतिकर आपूर्ति अयोध्या) अपर आयुक्त श्री छोटे लाल पासी जी (IAS) एडीजीपी रहें रामदेव(ex. IPS ) लोजपा की महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती कमला कुमारी जी पुत्री महाशय मसूरियादीन , पूर्व विधायक सोरांव सत्यवीर मुन्ना पुत्र स्व0धर्मवीर भारती जी के साथ संपादक डॉ.अजय प्रकाश सरोज भी शामिल हुए । इसके अलावा स्थानीय विधायकों सांसदो व अधिकारियों का जमावड़ा लगा ही रहा ।

डॉ. वीके लाल को बधाई देकर अभिवादन करतें हुए अपर आयुक्त छोटे लाल पासी ,IAS

डॉ. वीके लाल को बधाई देकर अभिवादन करतें हुए अयोध्या के अपर आयुक्त (प्रशासन )छोटेे लाल पासी

डॉ.लाल जी के पिता श्री पन्ना लाल जी ,पूर्व सांसद व लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश के सदस्य भी रहें । उन्ही के अथक सामुहिक प्रयासों से 1952 में पासी समाज को अंग्रेजों द्वारा लगाये गए क्रिमिनल ट्राइब एक्ट से मुक्ति मिलीं थीं।

दलित बच्ची का बलात्कार व हत्या से हिंसक हुए दलित,फूंका थाना

बिहार में दलितों को कानून से न्याय नही मिलता है। दलितों में आक्रोश है दलित बहन का बलात्कार कर के हत्या करने का मामला सामने आया हैं

कैमूर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र में दलित बच्ची के साथ बलात्कार व हत्या होने के बावजूद प्रशाशन का रवैया बलात्कारियों को सजा दिलाने के जगह बचाने का रहा जिससे आक्रोश मे आ कर जनता ने सड़क जाम व आगजनी की यहां तक कि रामगढ़ थाना को भी आग के हवाले कर दिया नीतीश सरकार के जंगल राज में प्रशाशन से किसी को इंसाफ कि उम्मीद नहीं बची है कैमूर में लगातार बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराध बढ़ा है और प्रशाशन दोषियों पे करवाई करने के जगह मूक दर्शक बनी हुई है।

‘सभी प्रदर्शनकारियों से अपील है कि कानून अपने हाथ में ना ले सविधान के दायरे में रह कर बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष और तेज करें ‘

– अमर आजाद ,दलित नेता व अध्यक्ष ,भीम आर्मी बिहार