बिहार के नवादा जिले में हुआ पासी सम्मेलन

अखिल भारतीय पासी समाज के तत्वाधान में नवादा ज़िले के हिसुआ प्रखंड में सम्मेलन का आयोजन हुआ । जिसकी अध्यक्षता हिसुआ वार्ड पार्षद अध्यक्ष कुन्ती देवी ने की ।

कार्यक्रम के उदघाटनकर्ता रजौली विधायक प्रकाश वीर ने की मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व बिहार विधान सभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में सिकन्दरा विधायक बन्टी चौधरी ने शिरकत की।

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ जिले के सभी जिला पार्षद, मुखिया ,सरपंच ,वार्ड पार्षद, पत्रकार एवं अन्य समाजसेवी को नीले रंग की पगड़ी और तलवार दे कर सम्मानित किया गया।

श्रीपासी सत्ता मासिक पत्रिका के सफल प्रतिनिधि के लिये निशान्त चौधरी को सम्मानित किया गया। आयोजक पत्रकार सुनील कुमार ,पत्रकार राजेश कुमार चौधरी, राजेश्वर कुमार, बिलटू चौधरी आदि लोगों सहित सैकड़ों पासी बिरादरी के बुद्धिजीवीगण भगीदार रहें।

पासी समाज मुंबई ने चैत्य भूमि पर बाबा साहब के अनुयाइयों कों कराया जलपान

भारतरत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण 6 दिसम्बर को चैत्यभूमि मुंबई में जन सैलाब आता है । बहुत से सरकारी और ग़ैर सरकारी संगठन आने वाले अनुयायीयों के लिए अपने अपने स्तर पर सुविधा प्रदान करते है । इस सामुदायिक शुभ कार्य मे मुंबई का पासी समाज भी पीछे नही रहता ।

5 तारीख़ की रात से लेकर सुबह तक “अखिल भारतीय पासी विकास मंडल” अनुयायीयों के लिए जलपान और सुविधा प्रदान करने के लिए उपस्थिति थे । तो 6 तारीख़ सुबह से शाम तक उसकी ही एक टीम रीचआउट कंट्रिवाइड पासी(RCP) टीम भी जलपान और सुविधा के लिए चैत्य भूमि में उपस्थित थे । RCP टीम द्वारा आयोजित कार्यक्रम की कूछ ख़ास बातें चर्चा करना चाहूँगा ।

– कार्यक्रम की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय स्तर के लेखक ,पत्रकार , बहुजन विचारक और डिवर्सिटी मैन के नाम से जाने वाले H L दूसाध और लखनऊ से आए भंते जी के हाथो हुआ ।दिल्ली से पधारी युवा और तेज़ तर्रार जर्नलिस्ट दीपाली तायड़े प्रोग्राम का ख़ास हिस्सा थी ।

हमने हमारे बैनर पर बहुंजन नायकों के साथ तीन फ़ोटो महाराजा बिजली पासी,लाखन पासी और उदा देवी पासी के फ़ोटो लगाए थे । बहुत से लोग , ग्रुप , मीडिया, शोधार्थी , समाज सेवी और विचारक स्टाल के पास आकर इनके बारे में जानकारी ले रहे थे । राजेश पासी ,रमेश चंद्र सरोज और सुधीर सरोज जी ने यथा सम्भव जानकारी उपलब्ध करवाई कूछ वेब्सायट ,किताबों और इतिहासकारों के सम्पर्क नम्बर दिए । ख़ास करके उदा देवी पासी से लोग काफ़ी प्रभावित दिखे ।

-हमारे सभी कार्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी अधिक रहती है ख़राब मौसम के बावजूद महिला साथियों का उत्साह कम न हुआ । स्टाल पर उनकी भागीदारी 50℅ थी दो में से एक स्टाल पूरी तरह से उनकी ही ज़िम्मेदारी थी ।

– यह प्रोग्राम पासी समाज के लिए नहि था बल्कि बाबा साहेब के अनुयायीयों के लिए था इसलिए पासी समाज के अलावा भी दूसरे साथियों ने भी हमारा हाथ बँटाया जिनमे ,संतोष शर्मा , अखिलेश जैसवार , अरविंद जाधव , विजय जैसवार , सुरेश जैसवार , ज्ञानदेव कोरी , बसंतलाल मौर्य , सुहास कांबले,सुरेश गौतम,दीनानाथ जैसवार,चंद्रप्रकाश गौतम,गुलज़ार हूसेन , लेफ़्टिनेंट कर्नल रामलोटन कोरी , अनिल गुप्ता और मंगेश क़दम प्रमुख थे ।

इस अवसर 4000 आधा लीटर पानी की बोतलें 500 पानी के ग्लास और 4500 गुड -डे बिस्कुट के पैकेट के साथ हम सेवा में हाजिर थे। यह कोई बहुत बढ़ी सहायता नहि है । पर एक छोटी सी कोशिश थी हमारी तरफ़ से भी । छोटी सी कोशिश है बाबा साहेब के विचारों के तले इकट्ठा होने वाले लोगों को थोड़ा सहयोग करना और देश भर के विचारकों और समाज सेवियों से जुड़ना । जो सामान विचार धारा के लिए प्रयासरत है ।

प्रत्येक वर्ष की भाँति इस साल भी हमारी सहयोगी संस्थाओं ने हमें सहयोग कर हौसला बढ़ाया। जिनमें राष्ट्रीय पासी समाज मुंबई ,पासी समाज कल्याण( मीरा भयंदर), राष्ट्रीय मासिक पत्रिका ‘श्रीपासी सत्ता ‘ का सहयोग व समर्थन हमें बल प्रदान करता है। बाबा साहब को मानने वालों के लिए हम थोड़ी सहायता कर पाते हैं यह हमारा सौभाग्य है। जय भीम,नमो बुद्धाय —RCP टीम मुम्बई

वे संविधान के निर्माता,वे आजादी के अग्रदूत

“जिसने स्वदेश की सेवा को ,जीवन में सर्वोपरि माना !

कंटकाकीर्ण दुर्गम पथ पर ,जिसने न कभी रुकना जाना!!

सम्पूर्ण समर्पित कर जिसने,की कभी मूल्य की चाह नहीं!

हो राष्ट्र सुखी इससे बढ़कर थी, जिसे कोई परवाह नहीं !!

वे संविधान के निर्माता,वे आजादी के अग्रदूत ! वे सत्यअहिंसा के पोषक,भारतमाता के तपोपूत!!

सद्भाव सदा सिखाने की,जिनमें थी यह अद्भुत क्षमता!

पद की लिप्सा से दूर सदा,सत्ता से जिन्हें न थी ममता!!

नैतिक मूल्यों के आराधक उनका जीवन था त्याग भरा!

पाकर जिनको थी धन्य हुई भारत की पावन वसुन्धरा!!

उनका जीवन प्रेरणामयी,देता है हम सबको प्रकाश!

उनके पद चिन्हों पर चलकर,भारत कर सकता है विकास!!

बाबा तुम थे वो महापुरुष,मरकर जो कभी न मर सकते !

श्रद्धा से बार बार हम सब,मिलकरके तुम्हें नमन करते !!”

——विनम्र श्रद्धांजलि .

अतिथि सम्पादक की क़लम से…

(रामयश विक्रम “प्रदीप”) 9918710118

होली के दिन गई थीं राजा डालदेव पासी की राजसत्ता , रानियों ने की थीं जौहर

राय बरेली के पासी राजा डालदेव का राज्य डलमऊ में था । ये चार भाई थे, डालदेव, बालदेव और ककोरन और राजा भावों । राजा डालदेव ने अपना राज्य चारों भाइयों में बांटकर एक शक्तिशाली साम्राज्य की स्थापना की थी। इन तीनों का राज्य गंगा नदी तथा सई नदी के मध्य पूर्व में आरख ग्राम से लेकर पश्चिम में खीरों तक था।

राजा डालदेव का का किला लगभग 12 बीघे के क्षेत्र में था। इस किले के अंदर सैनिक छावनी थी। किला गंगा किनारे काफ़ी ऊंचाई पर था किले के चारों ओर 30 मीटर ऊंचाई पर गहरी खाई थी जिसे गंगा नदी के पवित्र जल से भरा जाता था।

यह किला अब टीले के रूप में है। बालदेव का किला सई नदी के किनारे था। राजा बालदेव ने ही राय बरेली नगर की नींव डाली थी और उसे बसाया था। इस राजा ने भरौली नाम के किले का निर्माण कराया था। कालांतर में भरौली शब्द बिगड़कर बरैली हो गया था।

राजा ककोरन जगतपुर से 12 किलोमीटर दूर डलमऊ तहसील के अंतर्गत सुदमानपुर में राजा ककोरन का किला था। इनके सबसे छोटे भाई राजा भावों ने राय बरेली से बीस किलोमीटर पूरब 200 मीटर लम्बा 200 मीटर चौड़ा मट्टी का किला बनवाया था । उन्होंने भर/ पासियों की एक बड़ी सेना तैयार की थी।

राजा डालदेव और इनके अन्य भाईयों के पासी राज्य की खुशहाली और संपन्नता जौनपुर के शासक इब्राहीम शाह शर्की 1402-1440 के साम्राज्य में एक काँटे की तरह थी इब्राहीम शाह ने डालदेव के राज्य पर आक्रमण कर दिया। डालदेव के भाई ककोरन ने सुदमानपुर में इब्राहीम से भीषण संघर्ष किया, लड़ते हुए ककोरन वीरगति को प्राप्त हुए।

इसके बाद इब्राहीम डलमऊ के राजा डाल देव पासी के ऊपर आक्रमण कर दिया ,वह बहुत पहले से योजना बना रहा था,लेकिन वो सफल नही हुआ । क्योकि उसकी सेना राजा की सशक्त सेना के सामने टिक नही पाती थी। वो हमेशा से मोके की तालाश मे रहता था।

इसी लिऐ उसने राजा के एक बघेल सरदार को लालच देकर उसने अपने तरफ मिला लिया। उस बघेल सरदार की गद्दारी से पूरा राज्या तहस महस हो गया। उसने नावाब को बताया हमले का सबसे अच्छा मौका होली के दिन रहेगा,क्योकि उस दिन पूरा राज घराना जश्न मे डूबा रहता है और सेना भी शराब के नशे मे लपरवाह रहती है फिर क्या था।

उस गद्दार बघेल ने रात को किले के पीछे का दरवाजा खोल दिया, और रात को हमला होने से पूरा प्रशासन हिल गया, उसने बूढो,बच्चो को भी नही बक्शा,धोखे से हुए हमले से सब तहस महस हो गया, राजा की हत्या कर दी गयी और जब वो जालिम राजा की रानियो क तरफ बढा, राजा की दोनो रानियो ने आग मे कूद कर जान दे दी लेकिन अपने उपर दाग नही लगने दिया ।

उन राजमाताओ को मेरा प्रणाम,,तब से आज तक सदियों के बाद भी उस ईलाके मे होली नही मनायी जाती। होली का पर्व एक सप्ताह बाद मनाया जाता है।

घूसघोर लेखपाल कर रहा है दलित उत्पीड़न

पीड़ित एडवोकेट राम खेलावन भारतीय व पुत्र पर उल्टे कराया मुकदमा । इलाहाबाद के सरायइनायत थाना अंतर्गत बहादुर गांव में जमीन का विवाद चल रहा है । जिसमे लेखपाल संतलाल सिंह एक पक्ष को सह देकर मामले को गम्भीर बना दिया।

2 दिसम्बर को लेखपाल के कहने पर वकील राम खेलावन अपने वकील पुत्र सन्तोष के साथ सुलह समझौता के लिए उक्त जमीन पर बुलाया । जिसमे उसकी सह पर विपक्षी राम मिलन , सूर्यभान आदि अपने परिवार के अन्य सदस्यों ने वकील पुत्र सन्तोष कुमार व अशोक कुमार तथा भाई राम मूर्ति को लाठी ,डंडे व सरिया से मार कर अधमरा कर दिया।

सूचना पाकर 100 न0 की पुलिस व 108 एम्बुलेंस घायल को बेली ले जाकर इलाज करवाया। जिसमे अशोक कुमार पुत्र राम खेलावन का हाथ टूट गया है। लेकिन पुलिस अभी तक विपक्षियों पर प्राथमिकी दर्ज नही की है। उल्टे घूसघोर संतलाल सिंह के झूठी कहानी पर वकील के खिलाफ भी सरकारी कार्य मे बाधा डालने सहित कई गम्भीर मामले में रिपोर्ट दर्ज करा कर दलित वकील परिवार को पुलिस द्वारा उत्पीड़न करवा रहा है।

राम खेलावन ने बताया कि कल शाम को सरायइनायत थाने की पुलिस मेरे घर पर जाकर भद्दी भद्दी गलियां दी, और मेरे परिवार का उत्पीड़न कर रही है।

इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की है । आज जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों के समझ मामले रखा जाएगा। इसके अलावा अनुसूचित जाति जनजाति उत्पीड़न निवारण व सशक्तिकरण केंद्र में भी शिकायत दर्ज कराई है।

पद्मावती पर एक जुबानी जंग

पद्मावती पर एक जुबानी जंग थरूर और सिंधिया में भी हो गई। सच सुनकर सिंधिया का भी राजपूत खून उबल पड़ा, और थरूर को इतिहास पढ़ने की नसीहत दे डाली । अब इतिहास के सच उतने ही हैं, जितने इतिहास हैं। हिन्दुओं ने इतिहास कभी लिखे नहीं।

इतिहास लेखन मुसलमानों ने शुरू किया है। उनके बाद अंग्रेजों ने शुरू किया । हिन्दुओं ने जो लिखा, वह इतिहास की लीपापोती है। हमारे शहर में भी हिन्दू युवा वाहिनियों ने अल्टीमेटम दे दिया है कि पद्मावती को सिनेमा हाल में नहीं लगने देंगे। अगर लगी तो आग लगा देंगे। कल किसी राजपूत ने कहा कि दीपिका पादुकोण की सूपनखा की तरह नाक काट देंगे।

मेरठ के एक राजपूत ने दीपिका और भंसाली के सिर काटकर लाने वाले को पांच करोड़ रुपये का ईनाम देने की घोषणा की है। जैसे पुष्यमित्र सुंग ने बौद्धों का सिर काटने के लिए ईनाम रखा था। लगता है कहीं पुष्यमित्र का शासन ही तो नहीं लौट आया।

असल में आग लगाने, नाक-कान काटने और सिर काटने का इन लोगों का पुराना अनुभव है। यह इस कृत्य में जल्लादों से कम नहीं हैं। गुजरात, कंधमाल, सहारनपुर,की घटनाएं इसे साबित भी करती हैं। आरएसएस और भाजपा से भी यही खेल अच्छे से खेलना आता है। इसी हिंसा का इनको बेहतर अनुभव भी है। सरकार चलाना इनके बस की बात नहीं है। क्योंकि यह काम इनसे आता ही नहीं है। इनसे जो आता है, वही ये कर रहे हैं और वही यह कर सकते हैं।। मेरी एक दो राजपूतों से बात हुई, जिनकी आन, बान और शान को पद्मावती फ़िल्म ने बट्टा लगा दिया है। मैंने पूछा, आप पद्मावती का विरोध क्यों कर रहे हैं। जी इसने राजपूत स्त्रियों को गलत ढंग से दिखाया है। क्या गलत ढंग से दिखाया है ।

इतिहास से छेड़छाड़ की है। इतिहास क्या है जी पद्मावती ने जौहर किया था। फ़िल्म में क्या दिखाया है। जी फ़िल्म लगने नहीं देंगे। यानी फ़िल्म लगी नहीं है, तो तुमने देखी भी नहीं है। हाँ। फिर बिना फ़िल्म देखे तुम्हें कैसे पता कि पद्मावती में क्या है। जी हमें तो विरोध करना ही है। क्यों यह ऊपर से आदेश मिला है। ऊपर से कहाँ से। हमारे नेताओं से। बस यही हो रहा है। जो महाशक्ति इस विरोध को हवा दे रही है, उसी के संकेत पर यह खत्म होगा। उस महाशक्ति को कौन नहीं जानता।

एक शाम शहीद वीरांगना ऊदा देवी के नाम, श्रद्धांजलि सभा में जुटें पासी नवयुवक

चुनावी मौसम में बिना परमिशन के टेंट वाले ने कुर्सी , बाजा देने से मना कर दिया तो क्या हुआ । इलाहाबाद के साथियों ने वीरांगना ऊदा देवी पासी के प्रति अपनी श्रद्धा कम करने वाले नही । घंटो भर खड़े खड़े ही शहीद वॉल पर डटे रहे।

आज इलाहाबाद शहीद वाल सिविल लाइंस पर पासी समाज के नौजवान साथियों द्वारा पासी समाज की गौरव गाथा इतिहास में दर्ज कराने वाली माँ वीरांगना ऊदा देवी पासी जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने पँहुचे । उपस्थित क्रांतिकारी साथियों ने श्रद्धाजंलि सभा भी किये और कैंडल जला कर उनकी शहादत को याद कर नमन भी किये।

इलाहाबाद में शहीद वीरांगना ऊदा देवी के बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर पत्रिका परिवार की ओर से आयोजित यह कार्यक्रम चुनाव की आचार संहिता होने के कारण भव्य रूप धारण तो नही कर सका लेकिन भाग लेने वाले पासी नवजवानों ने अपने जोश से यह साबित किया कि हम किसी से कम नही।

आज के इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सम्पादक अजय प्रकाश सरोज, कर्मचारी नेता अजय भारतीय ( गवर्नमेंट प्रेस), यश.आर. भारतीय, राजू पासी, धर्मेंद्र भारतीय , संजीव पुरूषार्थी , नीरज पासी, मनोज कुमार, राजेश कुमार , आरपी सरोज, देवमणि, रागिनी पासी, रुक्मणी, राम मनोरथ सरोज, सुनील कुमार, जितेंद्र, सूर्यबली ,विभाकर, अनुराग आदि लोग बड़ी संख्या से भागीदार रहे।

लखनऊ ,मोहनलालगंज सहित प्रदेश भर में वीरांगना ऊदा देवी का बलिदान दिवस मनाने की तैयारी

16 नवंबर वीरांगना ऊदा देवी पासी जी का बलिदान दिवस है। पूरे प्रदेश में जगह जगह कार्यक्रम आयोजित है। आप लोग अपने नज़दीकी कार्यक्रम में शामिल होकर वीरांगना ऊदा देवी को श्रद्धांजलि अर्पित करें।

लखनऊ में मोहनलालगंज विधानसभा में लोजपा के जिलाध्यक्ष अनोद कुमार रावत द्वारा भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर राज्यमंत्री सुरेश पासी आमंत्रित है। सिकंदरबाग लखनऊ में घटना स्थल पर भी वीरांगना ऊदा देवी स्मारक संस्थान द्वारा राष्ट्रीय स्तर का आयोजन किया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अमेठी के जगदीशपुर में , इलाहाबाद में हिंदुस्तानी एकेडमी , निराला सभागार इविवि तथा त्रिवेणीपुरम झूँसी,

जनपद भदोही , आजमगढ़, फैजाबाद आदि जगहों पर श्रधांजलि सभाओं का आयोजन हुआ है। आप सभी साथी सुबिधा के अनुसार भागीदारी करें।

आप के बिना आयोजन सफल नही होंगे। इसलिए किसी के निमंत्रण का इंतजार मत करियेगा। अपनी सामाजिक जिम्मेदारी समझते हुए कार्यक्रम में पहुंचे।

शहीद वीरांगना ऊदा देवी पासी की श्रद्धांजलि सभा 15 नवम्बर को

प्रिय मित्रों,15 नवम्बर की शाम 3 बजें सिविल लाइंस स्थिति शहीद वॉल इलाहाबाद में शहीद वीरांगना ऊदा देवी पासी के बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित ” श्रद्धांजलि सभा व कैंडल मार्च ” में भागीदारी सुनिश्चित करें।

ध्यान रहें , अपनी जाति से निकलें वीर- वीरांगनाओं का हम आप सम्मान नही करेंगे तो दूसरा कोई नही करेगा !

आइये…36 अंग्रेजों को मारकर शहीद हुई वीरांगना की वीरता को यादकर श्राद्धा सुमन अर्पित करें ।

दुनिया का इतिहास उठाकर पढ़ लेना ऐसी अदम्य साहसी वीरांगना कोई मिल जाएं तो श्राद्धाजंलि देने मत आना ? लेकिन न मिलें तो अपने मित्रों को भी लेकर आइये …हम आपका इंतजार करेंगे ।

सिर्फ सुरेश पासी ही नही , पासी जाति के ये नेता भी है खुर पकड़

याद कीजिए लोक सभा का चुनाव लड़ रहें पूर्व मंत्री आरके चौधरी ने मंच पर मायावती के पैर छुयें थे। तब पासियों के स्वाभिमान को ठेस पहुँची थीं । उनकी यह तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब चली।

लेकिन जानकारी के लिए आपको बता दें कि लोकसभा में बाराबंकी से बसपा प्रत्याशी रहें कमला रावत ने तो हद की कर दीं थी , मंच पर मायावती के आते ही पैर छूने लगे तो फिर रुके नही, जब माया की निगाह उनकी तऱफ जाएं कमला रावत झट से पैर छू लेते । यह सिलसिला पचीसों बार हुआ। उनकी भी खूब बेइज्जती कर लोगों ने हंसी उड़ाई।

लेकिन भाजपा में राज्य मंत्री सुरेश पासी ने सबका रिकॉर्ड तोड़ दिया । एक दरोगा का ट्रांसफर कराने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री योगी के एक लाख बार पैर छुयें । यह बात उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहीं।

अब विधायक मिल्कीपुर गोरख नाथ बाबा का बड़ा चाटूकारिता भरा कदम देखिए कि उन्होंने अपने कार्ड में ही लिखवा दिया है ” योगी चरण सेवक”

इन कथित नेताओं को संसदीय मर्यादाओं का भी ख्याल नही रहता ? न तो इनके नेता इन्हें कभी फटकार लगाते है। क्योकि वें चाहते है कि ये दरित्र बनकर रहें ,इनका मानसिक विकास न हो पाए।

इसीलिए तो भाजपा में कई पढ़े लिखे अनुभवी पासी नेताओं के रहते सिर्फ बारहवीं तक पास सुरेश पासी को राज्य मंत्री का झुनझुना थमा दिया गया है। जिसे लेकर वे 2019 के लोकसभा के चुनाव तक बजाते रहें । क्योकि जगदीशपुर विधानसभा में एक लाख से ऊपर पासी मतदाता है।

स्मृति ईरानी यह सीट कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से छीन कर भाजपा की झोली में डालना चाहती है। अगर ईरानी की यह रणनीतिक योजना सफल नही हो पाती तो सुरेश का मंत्री पद भी जा सकता है।