पदोन्नति में आरक्षण लागू कराने को महासभा के प्रतिनिधि मंडल ने की मुख्यसचिव से मुलाकात

माननीय सुप्रीम के दिनांक 05/06/2018 के आदेश व दिनांक 15/06/2018 के भारत सरकार के आदेश को तत्काल लागू कर अनुसूचित जाति/जन जाति के कर्मचारियों/अधिकारियों को प्रोनन्ति में आरक्षण देने के लिये डॉ0 आंबेडकर महासभा लखनऊ के प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री अनुप चन्द पाण्डेय से मुलाकात की और मांग पत्र देकर अबिलम्ब प्रोनन्ति में आरक्षण लागू करने की मांग की है ।

प्रतिनिधिमंडल में डा.कौलेश्वर प्रियदर्शी , सर्वेश पाटिल, विरेन्द्र विक्रम सुमन, श्रीमती बीना मौर्या,अमरनाथ प्रजापति शामिल रहे।

इस दौरान राज्यमंत्री डॉ0 लालजी प्रसाद निर्मल भी उपस्थित रहें।

मुख्यमंत्री से मिले ,हाथ से मैला उठाने वाले बाल्मीकि समाज के प्रतिनिधि

लखनऊ. 24 जून 2018. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने बाल्मीकि समाज के दो दर्जन से अधिक जनपदीय प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है कि हाथ से मैला उठाने की प्रथा में लगे हुए, जिन परिवारों ने इसे छोड़ दिया है, उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरियों में सेवायोजित किया जाएगा। इनके सही आंकड़े जुटाने के लिए डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल को निर्देश दिए हैं।

गौरतलब है कि पूरे प्रदेश में अभी भी हजारों परिवार हाथ से मैला उठाने के कार्यों में लिप्त हैं। इस मुद्दे को काफी समय से आंबेडकर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल उठाते रहे हैं। इसी क्रम में रविवार को मुख्यमंत्री के आमंत्रण पर दो दर्जन से अधिक प्रतिनिधियों ने मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पूरे प्रदेश के बाल्मीकि मंदिरों का सुद्रढ़ीकरण करवाया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत प्राथमिकता के तहत बाल्मीकि समाज के लोगों को शहरी और ग्रामीण इलाके में आवास एवं शौचालय दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि बाल्मीकि समाज के लोग बच्चों को स्कूल भेजें, यदि किसी तरह की कठिनाई होगी तो उनके लिए अलग से पठन-पाठन की व्यवस्था की जाएगी।

अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्रों को वर्ष 2015-16 में सिर्फ 14 लाख बच्चों को छात्रवृत्ति एवं प्रतिपूर्ति दी जाती थी, राज्य सरकार ने इसे बढ़ाकर 21 लाख कर दिया है। और इसे दो लाख और बढ़ाकर 23 लाख किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि उत्तर प्रदेश के श्रम कार्यालयों में बाल्मीकि समाज के प्रत्येक श्रमिक का पंजीकरण करवाएं एवं असुविधा होने पर मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत करवाएं।

इस दौरान मुख्यमंत्री को चार सूत्री मांगपत्र भी सौंपा गया। इसमें प्रत्येक शहर के नगर निगम में इन्हें व्यवसाय करने हेतु दुकान आवंटित करते हुए टी स्टॉल, सरकारी स्तर पर भीम भोजनालय- 15 रुपए प्रति थाली के मूल्य पर सुलभ कराई जाए, जिसका प्रबंधन बाल्मीकि एवं समकक्ष समाज को दिया जाए। हाथ से मैला उठाने के कार्य में लगे हुए, जो परिवार इस पेशे से मुक्त हुए हैं। उन परिवारों के एक-एक व्यक्ति को आउट सोर्सिंग की नौकरियों में स्थापित किया जाए। बाल्मीकि समाज में व्यापक शिक्षा के प्रचार-प्रसार हेतु बिहार राज्य की तर्ज पर इनकी बस्तियों में संध्यकालीन कक्षाएं चलाने हेतु टोली/शिक्षा नायक की नियुक्ति की जाए। हाथ से मैला उठाने की प्रथा पर एक वर्ष की अवधि के भीतर पूर्णतः रोक लगा दी जाए।

मुख्यमंत्री से मिलने वालों में डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल, राजेश कुमार विद्यार्थी, राजू प्रधान, अरविंद लाल, मोना भारती, अमित तिसावर, चंदन रावत, प्रेम सुधा, डॉ. कौलेश्वर प्रियदर्शी, पीएल भारती, बृजेश कुमार बाल्मीकि, विक्रम सुमन, सुबोध कुमार, भग्गूलाल बाल्मीकि, योगेंद्र कुमार परिहार, मुरारी लाल भाष्कर, करन संतोषी, विजय कुमार, ऋषि कुमार, राजेश कुमार, विशाल बाल्मीकि और अनिल कुमार शामिल रहे।

दौलत के बारूद पर बैठकर दलित राजनीति नहीं की जा सकती-डॉ0 लालजी निर्मल

●दलितों ने जो शब्द अपनाया वो सब अपमानजनक हो गए

गोविंद वल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान में ’21वीं सदी में दलित राजनीति एवं चुनौतियां’ विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार के मुख्य वक्ता डॉक्टर लाल जी प्रसाद निर्मल, राज्यमंत्री/ अध्यक्ष अनुसूचित जाति/जनजाति वित्त एवं विकास निगम लि. उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय अध्यक्ष, डॉ. अम्बेडकर महासभा लखनऊ,ने अपने संबोधन में दलित शब्द के प्रयोग पर कहा कि दोष शब्दों का नहीं सोच का है।जो जाति पहले अस्पृश्य थी उसके साथ कोई भी शब्द इस्तेमाल किया जाता है तो वो अपमानजनक हो जाता है।

उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के दलित समाज के लोगों ने सम्मान की चाहत में अपने नाम के आगे और पीछे ‘राम’ लगाया फिर भी समाज से उन्हें उपेक्षा ही मिली। उन्होंने कहा कि दलित केवल वोट बैंक बन कर रह गया है।
साथ ही उन्होंने दलित एकता की बात भी की। अपने संबोधन के दौरान इस बात का भी जिक्र किया कि दौलत के बारूद पर बैठकर दलित राजनीति नहीं की जा सकती।उन्होंने यह भी कहा कि “यदि मैं मुख्यमंत्री होता तो शपथ के पहले दिन से यह सर्वे कराता कि 70 सालों में दलितों को घर क्यों नहीं मिला? जिसे भी घर और जमीन नहीं मिली है, मैं सुनिश्चित करता कि उसे ये सारी सुविधाएं मिलें।

उन्होंने दलितों के लिए चलायी जा रही स्वरोजगार योजना का भी जिक्र किया. जिसमें 20 हजार से 15 लाख तक की राशि दी जाती है. उन्होंने कहा कि इसका लाभ दलितों को लेना चाहिए। उन्होंने कहा “सबको आरक्षण से समृद्ध नहीं बनाया जा सकता. उससे केवल मुठ्ठी भर लोगों का कल्याण हो सकता है।इसलिए दलितों को स्वरोजगार की तरफ भी ध्यान देना चाहिए।

सेमिनार के मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.एन. सिंह ने भौगोलिक दशाओं पर बात करते हुए प्राकृतिक संसाधनों के क्षेत्र में भारत के समृद्ध होने का जिक्र किया। उन्होंने भारत के सभी क्षेत्रों में अच्छे लोगों के अभाव का उल्लेख किया. साथ ही कहा कि कुशल व्यक्ति का निर्माण सत्ता द्वारा नहीं होता।यह समाज के प्रयासों से निर्मित होता है। उन्होंने समाज, परिवार और स्वयंसेवकों की भूमिका और कार्यशैली पर विस्तार से बात की।

सेमिनार को पूर्व मंत्री रामानंद भारती ने भी संबोधित किया. उन्होंने चुनौतियों के समाधान पर जोर दिया. साथ ही ‘दलित’ शब्द के प्रयोग करने पर अपना विरोध दर्ज कराया।उन्होंने यह भी कहा कि सबसे बड़ी समस्या दलितों का एक साथ न बैठना है।
सेमिनार को अन्य लोगों ने भी संबोधित किया और डॉ. अम्बेडकर के आदर्शों पर चलने पर जोर दिया।

संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे अजय प्रकाश सरोज ने अपने वक्तव्य में कहा कि दलित नौजवानों को अपना कौशल विकास कर रोजगार और उद्यमिता के क्षेत्र में जाना चाहिए.उन्होंने यह भी कहा कि दलित राजनीति में उपेक्षा का शिकार हो रही जातियों को एकजुट कर वैकल्पिक दलित राजनीति को मजबूत करें और डॉ. अम्बेडकर के सपनों का भारत बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान करें.कार्यक्रम का आयोजन डॉ. अम्बेडकर महासभा लखनऊ के घटक ‘अनुसूचित जाति/जनजाति उत्पीड़न निवारण एवं सशक्तिकरण केंद्र’ द्वारा किया गया।

इस अवसर में माननीय कुलपति तथा माननीय राज्यमंत्री डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने पूर्व राज्यमंत्री श्री रामानंद भारती एवं ‘चक हरिहर वन’ गाँव के तीन दशक से अजेय प्रधान श्री शीतला प्रसाद जी को समाज और राजनीति में इनके विशिष्ट कार्यों के लिए ‘विशिष्ट सेवा सम्मान’ देकर सम्मानित किया।

इसी कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के. एन. सिंह और राज्यमंत्री माननीय लाल जी प्रसाद निर्मल ने संयुक्त रूप से संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे श्री अजय प्रकाश सरोज को सामाजिक अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने के लिए ‘उत्कृष्ट सेवा सम्मान’ से सम्मानित किया ।

साथ ही सेमिनार में सक्रिय भागीदारी और सामाजिक, राजनीतिक और अकादमिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम करने के लिए जी.बी. पन्त सामाजिक विज्ञान संस्थान की पीएच.डी. स्कॉलर संजू सरोज के साथ अलग-अलग क्षेत्र में काम करने के लिए असिस्टेंट प्रो. धर्मेन्द्र भारतीय, ज्योति भारती, डॉ. हमेन्द्र वर्मा, डॉ. सुधा, नीरज पासी, संजीव पुरुषार्थी, सुनील कुमार, डॉ. यशवंत. मनोज कुमार, कार्यक्रम संचालक रामयश विक्रम, साक्षी सिंह, रामसुचित भारती, अरुण कुमार आदि को ‘सम्मान पत्र’ देकर सम्मानित किया गया।

संगोष्ठी में विषय प्रवर्तन डॉ. कौलेश्वर प्रियदर्शी ने किया. सबका धन्यवाद करते हुए कार्यक्रम का समापन श्री अजय प्रकाश सरोज ने किया.

प्रस्तुति : संजू सरोज

यूपी विधानसभा अध्यक्ष ने अजय प्रकाश सरोज को किया सम्मानित

पत्रिका स्टॉप ,इलाहाबाद । एससी एसटी उत्पीड़न निवारण एंव सशकितकरण केंद्र के जिला प्रभारी व दलित उत्पीड़न पर मुखर रूप से आवाज़ उठाने वालें झूँसी त्रिवेनिपुरम निवासी अजय प्रकाश सरोज को उत्तर प्रदेश के विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित जी ने “महाराजा बिजली पासी अवार्ड “से सम्मानित किया।

अजय प्रकाश सरोज नेहरू ग्राम भारती विश्विद्यालय से पत्रकारिता के शोधार्थी है, और पासी समाज के लिए श्रीपासी सत्ता पत्रिका का संपादन करते है।

18 जून को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के यशपाल सभागार लखनऊ में इतिहासकार राजकुमार पासी की नवीनतम कृति “बिजली पासी की ऐतिहासिकता” का लोकार्पण के अवसर पत्रकारिता सहित सामाजिक सरोकारों में सहभागिता के लिए माननीय विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बाराबंकी विधायक श्री बैजनाथ रावत , उन्नाव जनपद के मोहन विधानसभा के विधायक बृजेश रावत , इतिहासकार राजकुमार व समाज के अन्य विशिष्ट ब्यक्तित्वों के समक्ष विभिन्न क्षेत्रों के काम करने वाले विशिष्ट लोगो को सम्मानित किया। जिसमे अजय को वंचितों के लिए पत्रकारिता करने व उनके हक़ में आवाज़ उठाने के लिए सम्मानित किया गया।

“पुरस्कार व सम्मान से उपलब्धियां बढती है । महाराजा विजली पासी अवार्ड का सम्मान मुझे ऊर्जा से भरने वाला है। कार्यक्रम के आयोजक डॉ0 यशवंत सिंह सहित सभी अग्रजों को सादर आभार व धन्यवाद “- अजय प्रकाश सरोज, संपादक ,श्रीपासी सत्ता पत्रिका

आरके सरोज की रचित जागृतिवाणी काब्य संग्रह का लोकार्पण

श्री आर 0के0सरोज” अर्जुन सागर” प्रतापगढ़ी की जागृति वाणी एवं सरस्वती प्रसाद रावत की काव्य प्रबोधिनी काव्य कृतियां आज उनको साहित्यकार के रूप में स्थापित कर गईं।दोनो काव्य कृतियों के विमोचन एवं लोकार्पण के अवसर पर लखनऊ के नामचीन साहित्यकारों की उपस्थिति एवम उनका समीक्षात्मक उदबोधन, तत्पश्चात कार्यक्रम में उपस्थित सभी साहित्यकारों का सम्मान कार्यक्रम को चार चांद लगा गया।कवि सम्मेलनों के संचालन के भीष्मपितामह अगीत विधा के शशक्त हस्ताक्षर पंडित रंगनाथ मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित हुआ ।

इसभव्य कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व पुलिस महानिदेशक महेश चंद द्विवेदी जी, साहित्यकार डॉ अजय प्रसून जी, ओम नीरव जी, गोबर गणेश जी अशोक अनहद जी डॉ अशोक अज्ञानी जी, डॉ रामबहादुर मिश्र जी सहित भारी संख्या में सुप्रसिद्ध साहित्यकार उपस्थित रहे।मुझे भी साहित्यकार/कवि के रूप में सम्मानित किया गया। गौरव एवं आनंद के कुछ यादगार लम्हे।

_रामयश विक्रम

गूंगी ,बहरी, अनाथ व नाबालिग बलात्कार पीड़िता गर्भवती

15 साल की यह नाबालिग गूंगी ,बहरी पासी लड़की ,गांव अरवासी थाना फूलपुर इलाहाबाद की है। यह न तो बोल सकती है और न ही सुन सकती है।

इसके गांव के ही राजू गोंड़ जिसकी उम्र 45 साल है, ने अपनी हवस का शिकार बनाया है। उसके कुकृत्यों से अब इसके पेट मे राजू गोंड़ का 7 माह का बच्चा है ।

लड़की अनाथ है। इसका एक भाई है वह भी गूंगा है। पेट पालने के लिए गांव के ही एक ठाकुर के घर यह लड़की काम करती थीं । जहाँ राजू का आना जाना था। मौका पाकर उसने इस बच्ची का शिकार किया ।

जानकारी के मुताबित पास पड़ोस एवं गांव के लोगों ने जब पूछा तो उसने नाम लिखकर बताया कि राजू गोंड़ ने ही मेरे साथ क्या काम किया है । मुझे डराया धमकाया था इसलिए मैं किसी को कुछ नहीं बताई ।न्यायप्रिय लोगों ने थाने में गुहार लगाई तो फूलपुर का थानेदार डांटकर भगा दिया और कहा कि जाओ समझौता कर लो ।

अब नाबालिग विकलांग लड़की के पास जिंदगी भर इस कलंक को धोने का कोई उपाय नहीं बचा है। इसका कसूर क्या पासी होना है या विकलांग होना ?या फिर अनाथ व गरीब होना है।

सवाल बड़े बड़े है लेकिन क्या इस लड़की को न्याय मिल पायेगा ?

राष्ट्रीय भागीदारी मिशन का बढ़ता कारवाँ, सीतापुर जनपद की कमेटी गठित

आज दिनांक 14 जून 2018 को सीतापुर जनपद में राष्ट्रीय भागीदारी मिशन के तत्वाधान में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में संगठन के मुख्य संयोजक सुशील पासी जी मौजूद रहे । बैठक का आयोजन मा. इंद्रपाल राजवंशी जी के द्वारा किया गया।

संगठन के प्रभारी सुरेंद्र मौर्य ने सीतापुर जनपद की कमेटी गठित कर उसकी घोषणा की , जिसमें सीतापुर जनपद के जिला प्रभारी के रूप में श्री चंद्रिका प्रसाद जी को तथा जिलाध्यक्ष के पद पर प्रवीण राजवंशी जी को नियुक्त किया गया।

इस मौके पर श्री राम जी, रामहेत वर्मा जी, जयपाल यादव जी, रमेश प्रजापति जी, हवलदार जगदीश प्रसाद भार्गव जी, डॉ नसीम, आदि बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

कौंधियारा में पासियों के घरों पर चला बुल्डोजर हुई थीं आगजनी,जाँच में हुआ खुलासा

●PUCL और एडवोकेट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने पासी गाँव उजड़ने पर संयुक्त निरीक्षण व जाँच किया

इलाहाबाद करछना तहसील के अंतर्गत कौंधियारा गांव में जहां 20 मई 2018 को एसडीएम करछना कुलदेव सिंह ने तहसीलदार के साथ ही कई थानों की फोर्स और पीएसी लेकर पासी समाज के गांव में बर्बरतापूर्वक घरों में आग लगा कर के बुलडोज़र से गिराने का काम किया और सभी पर FIR करके बारी बारी पकड़ कर जेल भेज रहें है।

जिसमें कच्चे-पक्के लगभग 50 घर तबाह हो गए और इस चिलचिलाती गर्मी में सभी खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए हैं।

जिलाधिकारी के लिखित आदेश द्वारा रोकने के बावजूद भी जानबूझकर SDM करछना ने एक पूर्व ब्राम्हण ग्राम प्रधान के इशारे पर ऐसी अमानवीय कार्य को अंजाम दिया।

जिसके लिए PUCL (पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज) और एडवोकेट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के संयुक्त जाँच दल ने गांव का निरीक्षण कर पीड़ितों से घटना की पूरी जानकारी लिया और अध्यक्ष अजीत भाष्कर ने नये उपजिलाधिकारी करछना से तुरन्त बातचीत कर पुनर्स्थापना एवं आवश्यक कार्यवाही करने के लिए कहा ।

मामले में जिलाधिकारी ने गांव को पुनर्स्थापना कराने का आश्वासन दिया है साथ में 2015 में तत्कालीन जिलाधिकारी के द्वारा दिए गए आदेश को मानते हुए उन्हें बने रहने के लिए कहा है। इसके साथ ही पीयूसीएल की जांच टीम के द्वारा जांच पड़ताल कर तथ्यों को इकट्ठा करके पीआईएल करने की तैयारी चल रही है।

कथाकार बृजमोहन ने इस तरह दीं बेटी को जन्मदिन की बधाई

मुझसे आगे मेरी बेटी….

आज मेरी बेटी का जन्मदिन है। अनन्त शुभकामनाएँ। मेरी बेटी है तो निश्चित ही मुझसे बहुत छोटी है, देर से जन्म लेने वाली तीसरे क्रम की आखिरी सन्तान। इसलिए अपने भाई-बहन से भी बहुत छोटी है। ठेठ बोली में कहा जाय तो पेटपुछी। सबकी प्यारी। इसका घर का नाम mini है, लेकिन किसी पर भी maxi साबित हो सकती है।

इसने 8 साल की उम्र से लिखना और सपारिश्रमिक छपना शुरू कर दिया था। आज भी जारी है। इसके लिखे और छपे शब्द मुझसे कई हज़ार अधिक हैं। यह भी सत्य है कि शब्दों का जो आर्थिक मूल्य इसे मिला वह भी मुझसे अधिक है। आकलन करने पर पाता हूँ कि मैं 5 अंकों के आँकड़े में उलझा हूँ और 6 का आँकड़ा शायद कभी छू नहीं सकता। पार करने की बात बहुत दूर है।

लेकिन यह 6 का आँकडा पार कर चुकी है। यह फोकट में नहीं लिखती। इसकी लोकप्रियता भी मुझसे अधिक है। यदा-कदा राष्ट्रीय चैनल्स पर दिखाई दे जाती है। निश्चित ही बेटी, बाप से आगे है। एक पिता के लिए कम खुशी की बात नहीं। हमारे बीच कोई स्पर्धा नहीं है। इसकी विधा अलग है और मेरी अलग। अपने कम लिख पाने के पीछे मैं अन्य व्यस्तताओं की दुहाई दे सकता हूँ, पर सच्चाई यह है कि मैं आलसी हूँ और टालते रहने की बुरी आदत का शिकार भी। अभी नहीं, फिर। या, आज नहीं कल करते रहने की प्रवृत्ति मुझ पर हावी रहती है।

जिसके कारण मैं अपने जीवन में कई जगहों पर चूका हूँ। वैसे मेरी यह बेटी भी कम आलसी नहीं है। मुझसे अधिक आलस्य इसे आता है। फर्क इतना है कि जो काम मैं एक महीने में करना चाहता हूँ, यह एक दिन में करके अलग कर देती है।

जब शुरू करती है, तो पूरा करके छोड़ती है। घड़ी नहीं देखती, दिन नहीं देखती, रात नहीं देखती। इस पर मुझसे बड़ा भूत सवार होता है। इसीलिए ही शायद यह मुझसे आगे है। मुझे गर्व है अपनी बेटी पर। मैं इसकी निरन्तर प्रगति व उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ।

– @झांसी से प्रसिद्ध कथाकार बृजमोहन की क़लम से ,बेटी मेधाविनी के लिए

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद में मारे गये गरीब दलित युवक के परिजनों की अपील

#जस्टिस_फॉर_धनराज

मेरे सम्मानित न्याय पसंद दोस्तों,

मैं, प्यारेलाल उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद के बहुआ कस्बे का निवासी हूँ. मैं दलित समुदाय का हूँ. मेरी जाति पासी है. मैं भूमिहीन दिहाड़ी मजदूर हूँ. 24 अक्टूबर,2017 को बहुआ के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष मुन्ना सिंह भदौरिया अपनी निजी राजनीतिक रैली की तैयारी के लिये मेरे पुत्र धनराज (उम्र 26 साल) से तीन दिन से लगातर रातो-दिन काम करवा रहा था।

24 अक्टूबर,2017 की सुबह मुन्ना सिंह भदौरिया मजदूरों से काम करवाते समय बोल रहा था कि आज 8 बजे से प्रोग्राम है. तुम लोगों ने अभी तक पंडाल लगाने का काम पूरा नहीं किया है. जल्दी करो… इसी काम में मुन्ना सिंह भदौरिया ने मेरे पुत्र धनराज से बहुआ नगर पंचायत कार्यालय परिसर में खड़ी ट्रैक्टर ट्राली में लदे लोहे के पोल जल्दी-जल्दी उतारने को कहा. मेरे पुत्र ने मना किया तो उससे धमका कर जबरदस्ती लोहे के पाइप उतरवाने लगा. नगर पंचायत कार्यालय परिसर में ही ट्रैक्टर ट्राली के ठीक ऊपर हाई वोल्टेज इलेक्ट्रिसिटी लाइन (11 हजार वोल्ट) है. लोहे का पोल उठाते समय इसी लाइन से लोहे का पोल छू गया और मेरे पुत्र धनराज की मौके पर ही मौत हो गयी ।

मुन्ना सिंह भदौरिया ने लाश को लेकर मेरे घर में फेंकवा दिया और कहा कि आज मेरा बड़ा प्रोग्राम है. कोई बवाल नहीं करना तुम लोग. इस लाश को जल्दी जला दो. मैंने लाश जलाने या दफनाने से मना कर दिया और बहुत प्रयास के बाद ललौली थाने में मुन्ना सिंह भदौरिया के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करवायी. पुलिस ने मुन्ना सिंह भदौरिया के राजनीतिक प्रभाव के कारण एफ.आई.आर. गलत धाराओं में दर्ज की, मेरे पुत्र धनराज की मौत को घटना स्थल से दूर कहीं अन्य जगह पर हुआ एक्सीडेंट दिखा दिया है ।

इसकी शिकायत मैंने पुलिस अधीक्षक फतेहपुर, जिलाधिकारी फतेहपुर, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग दिल्ली और मुख्यमंत्री,उत्तर प्रदेश सरकार से की है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. अब मुझे अपने पुत्र की मौत के जिम्मेदार और लाश को अपमानजनक हालत में करने एवं पुलिस द्वारा गलत धाराएं लगाये जाने के खिलाफ कोर्ट में केस लड़ने के लिए मुझे पैसा चाहिए ।

मेरे पास इतना पैसा नहीं कि मैं केस लड़ सकूं. इसलिए आप तमाम न्याय पसंद लोगों से विनती करता हूँ कि मुझे अपनी हैसियत के अनुसार जिनसे जितना हो सके आर्थिक सहायता दें जिससे मैं अपने पुत्र के लिए न्याय की लड़ाई लड़ सकूं. आपको यह भी बता दूं कि जो रिपोर्ट मैंने ललौली थाने में लिखवाई थी, उस पर भी समझौता करने का दबाव बनाने के लिए मेरी पत्नी, चचेरी बहन, चाची, बुआ, बुआ की बहू, चाचा की बहू सहित परिवार की 7 महिलाओं के खिलाफ पांच धाराओं में झूठा मुकदमा मेरे बेटे धनराज की मौत के 6 महीने बाद दर्ज किया है और पुलिस रोज घर आती है, गालियां देती है।

पुलिस कहती है मुन्ना भदौरिया के खिलाफ केस वापस ले लो वरना जेल भेज देंगे। मेरे चाचा की बहू पेट से है, उसको इसी महीने बच्चा होना है, पुलिस ने उसके खिलाफ भी झूठा मुकदमा दर्ज किया है। वो तनाव में है। उसकी और उसके पेट में पल रहे बच्चे की जान को खतरा है।

-आपका प्यारेलाल पासी।
इस केस में कोआर्डिनेट कर रहे भाई का बैंक डिटेल निम्नवत है-

Account Holder Name- Arun Kumar
Bank Name- State Bank Of India
A/C No- 31468959930
Branch- University of Delhi, Delhi
IFSC Code- SBIN0001067

नोट- जो साथी खाते में पैसा जमा कराएं वो इस नंबर 9560713852 (अरुण कुमार ) को फोन करके या मेसेज करके सूचित कर दें कि कहाँ से कितनी राशि खाते में जमा करायी. अथवा अरुण कुमार प्रियम के फेसबुक इनबॉक्स में सूचित कर दें.। कृपया मदत की धनराशि 7 जून से पहले करने का कष्ट करें ,क्योंकि एडवोकेट को देनें है।