क्रांतिकारी खबर उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ से…


क्रांतिकारी खबर उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ से…जेएनयू छात्र नेता दिलीप यादव को बुरी तरह पुलिस ने पीटा..
सहारनपुर में घटित जातिय हिंसा जिसमे 40 से 50 घर जला दिए गए थे स्त्रियों, बच्चो और बुजुर्गो पर तलवारें चलाई गई थी जिससे सैकड़ो घायल है और कुछ लोगो को मौत के घाट उतार दिया गया था।
उसी के विरोध में यूनाइटेड ओ बी सी फ़ोरम के पहल पर लखनऊ में Joint Action committee तमाम बहुजन संगठनों के मदद से बनी। आज उस commitee का विधान सभा मार्च था।


जब लखनऊ में प्रदर्शकारियों ने जब जय भीम, जय फुले और जय मण्डल के नारे लगाये तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिससे कई साथी घायल हो गये है। आंदोलनरत सभी छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया।
BBAU, JNU, LU, AU, DSMNRU, MGAHV, DDUGU, आदि सभी विश्वविद्यालयों के छात्रों ने विधानसभा प्रदर्शन में अपनी सहभागिता दिखाई।

 

यह प्रदर्शन इसलिए मायने रखता है क्योंकि इस आंदोलन में OBC, SC, ST और अल्पसंख्यक युवाओ की भागीदारी रही मतलब साफ है बहुजन संगठित हो रहे है। और यह यदि देश भर में हो जाता है तो बीजेपी सरकार सत्ता से बेदखल हो जायेगी।

प्रतिरोध का स्वर: ‘द ग्रेट’मुहीम चलाइए


प्रतिरोध का स्वर: ‘द ग्रेट’मुहीम चलाइएआइये सौ वर्ष पीछे ले चलता हूँ.

‘जनेऊ’ पहनना ‘द्विजपन,जातीय वर्चस्व और दंभ की निशानी है. 1920 के दशक में बिहार के कई क्षेत्रों में यादव जाति ने जनेऊ धारण करने का आन्दोलन चलाया. फिर ‘सवर्णों’ ने इनका जबरदस्त विरोध किया, हिंसा हुई, पुलिस फायरिंग हुई इत्यादि. आजकल पिछड़ी जातियां भी जनेऊ पहनती है. अर्थात् जनेऊ का महत्त्व ही ख़त्म,वैसे भी आजकल कम लोग जो जनेऊ पहनते हैं, उसे लोग किस नज़र से देखते हैं आपको पता ही है.

सनद रहे, सहारनपुर मरोड़ का सबसे महत्वपूर्ण कारण यह बोर्ड ही है.

मेरे कहने का मतलब है जातीय दंभ और अहंकार के जीतने भी प्रतीक हैं उसे ध्वस्त कीजिए.इसलिए सभी जातियां को अपनी जाति के आगे ‘द ग्रेट’ लिखने की मुहीम चलानी चाहिए. अर्थात् जब सब ग्रेट तो ग्रेट शब्द दंभ और अहंकार ही अप्रासंगिक हो जायेगा. फेसबुक पर ही दो-चार ऐसा ही पोस्टर लगा कर देखिए, रिजल्ट पता लग जायेगा!!!

-प्रो. रतनलाल जी की वाल से 

सहारनपुर जातीय दंगों का खलनायक है सांसद फूलन देवी का हत्यारा शेर सिंह राणा !


सहारनपुर। नेशनल जनमत संवाददाता 
सीन -1 . 5 मई , सुबह के नौ बज चुके हैं. सहारनपुर के शिमलाना गांव में महाराणा प्रताप जयंती समारोह मनाया जा रहा है. इस समारोह के मुख्य अतिथि शेर सिंह राणा हैं. जी हां वही शेर सिंह राणा जो सांसद फूलन देवी के हत्यारे हैं. फिलहाल जेल से जमानत पर बाहर है.
समारोह में तकरीबन 1000 लोग उपस्थित हैं. इसी बीच शेर सिंह राणा के मोबाइल की घंटी बजती है और उन्हें सूचना दी जाती है कि पास के शब्बीरपुर गांव में महाराणा प्रताप की शोभायात्रा निकालने को लेकर ठाकुरों और जाटवों में झगड़ा हो गया और तीन चार ठाकुर घायल हो गए है. इसके बाद शेर सिंह राणा ने मंच पर मौजूद लोगों से शब्बीरपुर चलने को कहा.
भीड़ को भड़काया राणा ने-
मंच पर मौजूद लोगों ने मना करते हुए कहा कि इससे स्थिति बिगड़ सकती है. फिर शेर सिंह राणा ने खुद माइक थामते हुए कहा कि मैं कायरों की तरह यहां बैठा नहीं रह सकता. जिसे चलना हो चले . अगर कोई नहीं जाएगा तो वो अकेला ही शब्बीरपुर जाएगा. इतना सुनते ही एक हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ शब्बीरपुर गांव की ओर चल दी. सबसे पहले इस भीड़ ने रास्ते में पड़ने वाले बाल्मीकि मंदिर को निशाना बनाया. फिर चुन-चुन कर जाटव जाति के लोगों के घरों को निशाना बनाया गया.

अगर सभी तथ्यों की सूक्ष्म पड़ताल की जाए तो ऐसा लगता है कि किसी ने सहारनपुर हिंसा की प्लानिंग बड़े ही शातिराना अंदाज में पहले ही कर ली थी. कुछ ऐसे तथ्य हैं जो इस बात का इशारा करते हैं कि सहारनपुर हिंसा एक क्षणिक आवेश की घटना नहीं थी , बल्कि इस घटना को पूरी प्लानिंग के तहत अंजाम दिया गया.
पहली बार मनाई जा रही थी महाराणा प्रताप जयंती- 
सहारनपुर के शिमलाना गांव में पहली बार महाराणा प्रताप जयंती मनाई जा रही थी. इस जयंती को इतने बड़े स्तर पर मनाया जा रहा था कि इसमें यूपी, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, एमपी जैसे राज्यों के ठाकुर समाज के लोगों को आमंत्रित किया गया. ऐसे में सवाल यह उठता है कि शिमलाना जैसे छोटे से गांव में इतने बड़े पैमाने पर कार्यक्रम को आयोजित करने के पीछे क्या मकसद हो सकता है? इस कार्यक्रम का पैसा किसने दिया. जबकि इस कार्यक्रम को करने के लिए गांव के ही ठाकुर जाति के प्रधान को विश्वास में न लेने के कारण वो नाराज है.
इसी कड़ी में दूसरा तथ्य ये भी है कि शिमलाना और आसपास के गांव में कुछ समय पहले से राजपूत रेजीमेंट बनाने के नाम पर ठाकुर जाति के युवाओं को संगठित किया जा रहा था.
इसी कड़ी में तीसरा तथ्य ये भी है कि हमलावरों की भीड़ में कुछ लोग अपने हाथों में केमीकल से भरा हुआ गुब्बारा लेकर चल रहे थे. ये गुब्बारा वो जहां पर भी मार रहे थे उससे आग लग रही थी. शब्बीरपुर में घरों में आग लगाने के लिए माचिस का इस्तेमाल नही किया गया. वहां किसी कैमिकल से ही आग लगाई गई. सीमेंट की दीवारों पर जगह -जगह कैमिकल के काले धब्बे देखे जा सकते हैं.
ऐसे में साफ है कि कोई सहारनपुर हिंसा की तैयारी पहले से कर रहा था. वरना इस तरह से कैमिकल के गुब्बारें कहां से भीड़ के पास आए. ये सहारनपुर हिंसा के प्रयोजित होने का सबसे बड़ा सबूत है.
इसके अलावा गांव में केवल जाटव जाति के ही लोगों के घर जलाए गए. जबकि जाटव जाति के लोगों के घरों के पास ही नाई,धोबी,और बाल्मीकि जाति के लोगों के भी घर हैं, उन घरों को हिंसक भीड़ ने नहीं जलाया. इन तथ्यों से साफ है कि सहारनपुर हिंसा पहले से जाटव जाति से खुन्नस निकालने के लिए रची गई थी.
ये सारे सबूत इस बात के लिए इशारा करते हैं कि इस हिंसा का सूत्रधार कोई और नहीं बल्कि फूलन देवी का हत्यारा शेर सिंह राणा ही है . पर हैरत की बात है कि पुलिस इस हिंसा में उसका नाम तक लेने से बचती दिख रही है.
साभार फारवर्ड प्रेस 

ताड़ के पेड़ से गिरकर एक शम्भू की मौत ।


बिहार /तिलौथू रोहतास 
  प्रखंड क्षेत्र के सरैया निवासी शम्भू चौधरी की मौत तुतही स्थित फारुखगंज में ताड़ के पेड़ पर से गिर जाने के कारण हो गई। गौरतलब हो कि सरैंया निवासी दयाल चौधरी का 35 वर्षीय पुत्र शंभू चौधरी प्रतिदिन की भाँति गुरूवार की शाम सात बजे रोजगार के लिए ताड़ चढ़ने गया था। मृतक शंभू चौधरी ताड़ के ऊपरी हिस्से तक पहुंच गया था फिर वह ताड़ी उतारने के लिए ताड़ के पत्तों (खगड़ा) को पकड़ ऊपर बैठना चाहता था तबतक ताड़ का डंठल उखड़ गया और वह नीचे चला आया जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। राहगीरों ने इसकी सूचना परिजनों को दी।दयाल चौधरी का पूरा परिवार ताड़ी के व्यवसाय पर ही निभर्र है। मृतक शंभू चौधरी की पत्नी पुष्पा (30 वर्ष) अपने तीन नाबालिग बच्चों को गोद में लिए अपने किस्मत को कोस रही थी तो कभी कभी फ़फ़क फ़फ़क कर रो पड़ती थी। मृतक के दो नाबालिग बेटे और एक दुधमुंही बच्ची भी है वहीं वृद्ध पिता दयाल चौधरी को बुढ़ापे की लाठी छीन जाने का गम तो है ही साथ में उन्हें बच्चे और बहु की जिंदगी कैसे पार लगेगी ईस बात की चिंता ज़्यादा सता रही है। दयाल चौधरी के तीन बेटों में मृतक शंभू मांझील बेटा था। वहीं ईश घटना के आहत सरैंया निवासी अखिल भारतीय पासी समाज संघ के तिलौथू प्रखंड अध्यक्ष सूरज चौधरी, सचिव विनोद चौधरी, नरेश चौधरी, राजेंद्र चौधरी व नकुल चौधरी ने सरकार से पासी समाज के लिए नीरा के लाइसेंस के साथ साथ जीवन बीमा भी कराने का मांग किया है। हालाँकि पीड़ित परिवार को अभी तक न किसी सरकारी पदाधिकारी द्वारा सहयोग राशि ही प्रदान की गई है और न ही कोई जनप्रतिनिधियों ने सुध लिया है।

जिदंगी – जियो तो हर पल ऐसे जियो जैसे कि आखिरी हो !


नीरज पासी की इलाहबाद में एक छोटी सी दुकान थी। उसी दुकान में नीरज साइबर कैफे चलाता था। नीरज की शादी को अब 10 साल पूरे हो चुके थे, साथ ही एक बच्चा भी था लेकिन जिंदगी में अब पहले जैसी रौनक नहीं थी। सुबह उठो, बस लग जाओ पैसे कमाने में। जिंदगी अब बहुत व्यस्त हो चली थी।
एक दिन नीरज पासी जब दुकान पर गया तो सोचा कि आज मैं शाम को थोड़ा जल्दी घर जाऊँगा। रोजाना नीरज 10 बजे दुकान बंद करता था लेकिन आज 7 बजे ही दुकान बंद करके चल दिया। मन में सोच रहा था कि आज पत्नी से खूब बातें करूँगा फिर खाना खाने बाहर जायेंगे थोड़ा मन भी बहल जायेगा।
नीरज जब घर पहुँचा तो श्रीमति उनको देखकर बड़ी खुश हुईं। उस समय श्रीमती टीवी पर एक सीरियल देख रही थीं। पासी नीरज ने सोचा कि जब तक ये सीरियल खत्म हो, क्यों ना कम्प्यूटर पर मेल चेक कर लिए जाएँ। बस यही सोचकर नीरज कम्प्यूटर खोल कर बैठ गया, थोड़ी ही देर में श्रीमति ने टेबल पर ही चाय भी ला दी। नीरज चाय पीता हुआ दुकान का कुछ काम करने लगा। मन में बहुत ख़ुशी थी कि अभी थोड़ी देर में बीवी से बात करूँगा और खाना खाने बाहर जायेंगे।
टेबल पर काम करते करते समय का पता ही नहीं चला और 8 से 11 बज गए। श्रीमती ने सोचा कि पतिदेव भूखे होंगे तो टेबल पर ही खाना भी लगा दिया। नीरज ने जब घड़ी में 11 बजते देखा तो सोचा चलो खाना खा लेते हैं फिर थोड़ी देर नीचे पार्क में घूमने चलेंगे।
खाना खाते रहे इसी बीच एक मजेदार सीरियल आने लगा बस नीरज थोड़ी देर सीरियल देखने लगा और सीरियल में ऐसा खोया कि वहीँ सोफे पर ही सो गया। अचानक थोड़ी देर में आँखें खुलीं तो आधी रात हो चुकी थी। श्रीमती भी बैडरूम में आराम से सो चुकी थीं।
मन में बहुत ज्यादा अफ़सोस हुआ कि मैं क्या सोच के आया था कि आज गपशप करेंगे और खाना खाने बाहर चलेंगे लेकिन समय ही नहीं मिला।
दोस्तों हमारी भागदौड़ भरी जिंदगी भी कुछ ऐसी ही हो चुकी है। हम सुबह उठते हैं और बस लग जाते हैं जिंदगी की दौड़ में, थोड़े पैसे कमाने हैं, भविष्य को बेहतर बनाना है। वो भविष्य जो कभी आता ही नहीं है, हम आज भी वर्तमान में जी रहे हैं और कल भी वर्तमान में ही जीएंगे। केवल यही समय हमारे पास है जिसमें हम अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं। ना बीते समय पर आपका अधिकार है और नाही आने वाले समय पर लेकिन वर्तमान पर आपका पूरा अधिकार है। जिंदगी जी भर के जियो यारों, क्या पता कल हो ना हो….
यह लेख आप www.shripasisatta.com पर पढ रहे हैं, मुझे उम्मीद है आपको पसंद आया होगा। तो दोस्तो तक शेयर करे और इस लेख पर अपना कमेंट लिखना ना भूलें। जय विरांगना उदा देवी पासी 

    – अच्छेलाल सरोज, इलाहाबाद 

मो. 7800310397

युवा उद्धयोगपति प्रमोद कुमार सरोज जी को मिला इंडीयन लीडरशिप अवार्ड !

नई दिल्ली में आज 20 मई को ऑल इंडिया अचीवर फ़ाउंडेशन द्वारा आयोजित इंडीयन लीडरशिप अवार्ड इन इंडस्ट्रीयल डिवेलप्मेंट आयोजन में CPS Developers & Consultancy PVT. LTD. को नैशनल लीडरशिप का अवार्ड मिला । प्रमोद कुमार सरोज जी समाज के कुछ गिने चुने युवा उद्योगपतियों में से है । प्रमोद जी इस कम्पनी के निदेशक है और यह अवार्ड उन्हें डा० भीष्मा नारायण सिंघ पूर्व गवर्नर एंड यूनीयन मिनिस्टर , श्री बी पी सिंघ पूर्व गवर्नर ( सिक्किम ) ,वेद प्रकाश सेक्रेटरी ओफ़ इंडीयन कोंग्रेस कमिटी और श्री हरिकेश बहादुर पूर्व मेम्बर ओफ़ पार्लियामेंट के हाथो प्राप्त हुआ । 

प्रमोद कुमार सरोज जी युवा उद्धयोगपति है जो अपने बिज़नेस को बुलंदियों पर ले जाने के लिए हमेशा प्रयासरत तो  रहते ही  है पर साथ ही साथ समाज के प्रति भी काफ़ी रुचि रखते है । और सामाजिक कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति अक्सर दिखती रहती है । 


आज के समय में जहाँ बहुजन और पिछड़ो के बारे में हमेशा नेगेटिव समाचार छपते रहते है इस तरह के समाचार समाज को गर्व करने का मौक़ा देते है । बहुत बहुत बधाई प्रमोद कुमार सरोज जी । – राजेश पासी, मुंबई 

श्रीपासी सत्ता द्वारा आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार सफलता पूर्वक संपन्न!

13 मई 2017 को इलाहाबाद संग्रहालय सभागार में आयोजित एक दिवसीय सेमिनार सफलता पूर्वक पूर्ण हुआ । इस आयोजन में  उत्तरप्रदेश के अलावा दिल्ली , मुंबई , मध्य प्रदेश  और बिहार के साथियों ने भी भाग लिया । सेमिनार के लिए देश भर से पत्रिका से जुड़े लोग , साहित्य लेखन से जुड़े लोग , ऐसे युवा जो अपनी पहचान सिर्फ़ अपने बल बूते पर बनाए है और समाज  में ऐक्टिव है ऐसे सीमित लोगों को ख़ास तौर पर आमंत्रित किया गया था । राजनीतिक  और पासी समाज  की संस्थाओ को फ़िलहाल इसमें शामिल नही किया गया था । यह सेमिनार पत्रिका की वेब्सायट के एक साल पूर्ण होने पर हमारे साथी डा० रमेश ( कॉर्प्रोट मंत्रालय ) की सलाह पर प्रयोग के तौर पर किया जो पूरी तरह से सफल था ।

मंच पर उपस्थित लोगों में प्रमुख अतिथि श्री छोटालाल पासी (IAS) अपर आयुक्त फ़ैज़ाबाद मंडल थे , इतिहासकार में लखनऊ से राजकुमार इतिहासकार जी और हरदोई से बहुजन चिंतक राम दयाल वर्मा जी थे , युवा साथी डा० रमेश आईएएस अलायड ( कारपोरेट मंत्रालय ) , राम सुचित भारतीय जी (प्रबन्ध सम्पादक), फ़िल्मकार केशव कैथवास जी , प्रोफ़ेसर भगवानदीन उपस्थित थे ।

सेमिनार शानदार वातानुकूलित हाल में लंच की वयस्था के साथ रखा गया था । सभी उपस्थित साथियों के नाम तो पॉसिबल नहि है पर सम्पादकीय मंडल के R K सरोज ( कवि /दरोग़ा ) , बिहार के वेद प्रकाश ( सोशल मीडिया स्टार ) उनके साथ अमित जी , राम यश विक्रम जी , बनारस के सोनू सिंह पासी , मुंबई के राजेश पासी , प्रतापगढ़ के वेद ( आर्यन ) जी , साथी यशवंत सिंह , प्रियांक जी , नोयडा से संजीव जी ,रागिनी जी , राजू पासी जी , नीरज जी आकर्षण के केंद्र थे ।

चूँकि यह एक दिवसीय सेमिनार था उपस्थित सभी लोगों ने अपने विचार रखे । मुख्य अतिथि छोटे लाल पासी जी कहा कि पासी समाज का चरित्र स्वाभिमानी है। वह आत्म सम्मान से समझौता नही करता है।इतिहासकार और साहित्य से जुड़े लोगों ने समाज पर अपना नज़रिया रखा । सम्पादक अजय जी ने  अपने व्याख्यान में समाज में वर्तमान के सभी पहुलुओं पर अपना पक्ष रखा । कम उम्र में इतनी परिपक्वता भरा विश्लेषण ने सभी का ध्यान खींचा। महिला साथियों में डा० सुधा जी ने महिलाओं और शिक्षा पर अपना दमदार पक्ष रखा , इलाहाबाद  के आसपास में सामाजिक रूप ऐक्टिव मिस रागिनी जी ने समाज में महिलाओं की भागीदारी पर ज़ोर दिया ।

इस सेमिनार  में भाग लेनेवाले 70% से ज़्यादा साथी 35 साल के आसपास के थे । सीनियर साथियों के सहयोग से आयोजित इस सेमिनार को युवा पासी समाज सेमिनार कहना ग़लत न होगा । और सबसे अच्छी बात  सेमिनार में अलग -अलग क्षेत्रों से  जुड़े लोगों का समावेश था । तक़रीबन  हर क्षेत्र में माहिर लोग  चाहे शिक्षा , साहित्य , फ़िल्म , लेखक , इतिहासकार , डॉक्टर , इंजीनियर , कवि , सरकारी अफ़सर , टीचर , विद्यार्थी , पत्रकार , सोशल मीडिया स्टार सभी क्षेत्र के लोग इस सेमिनार में उपस्थित थे । सभी लोगों से मिल कर एक दूसरे से मेल मुलाक़ात कर सभी बिंदुओं पर चर्चा हुई । 
सेमिनार में मंचाधीन साथियों के हाथो श्री पासी सत्ता पत्रिका के इस महीने के अंक का भी विमोचन हुआ । यह अंक मदारी पासी को समर्पित किया गया है जो जल्द ही आपके हाँथों में होगा ।
सेमिनार के अंत में हरदोई के पत्रकार साथी स्व0 हरिनाम रावत के सड़क हादसे में हुई असामयिक मृत्यु पर दो मिनट की शोक सभा होकर सम्पन्न हुई।

जय भीम , जय भारत

राजा सुहेलदेव पासी की वीरता पाठ्य पुस्तकों  में होगी शामिल–मुख्यमंत्री योगी


आखिर युपी के सीएम योगी ने भी मान ही लिया कि महाराजा सुहेलदेव पासी पासी ही थे । अंग्रेज इतिहासकारों ने भी महाराजा सुहेलदेव पासी के पासी होने का प्रमाण दिया है । यहा तक कि उत्तरप्रदेश लोक सेवा आयोग के पुस्तक में भी महाराजा सुहेलदेव पासी का ही जिक्र ही है । केवल एक मात्र जैन ग्रंथ में ही महाराजा सुहेलदेव का राजभर के रुप में जिक्र है लेकिन जैन ग्रंथों को सबुतों के तौर पर प्रमाणिक नहीं माना जाता है । अंग्रेज इतिहासकारों ने सुहेलदेव को भारपासी (भारशिव पासी) माना है। मतलब महाराजा सुहेलदेव पासी (भारशिव वंशज ) ही थे ।ईस बात को बीजेपी प्रमुख अमित शाह ने भी माना है । अब आशा करते है कि योगी जी अपने किये वायदे के अनुसार महाराजा सुहेलदेव पासी के इतिहास को केवल महाराजा सुहेलदेव नहीं बल्कि उनके पुरे नाम महाराजा सुहेलदेव पासी के नाम से पाठ्यक्रम मे शामिल करायेंगे ।  – अमित कुमार जी की वाल से 

शुद्ध भारतीय मदर्स डे पर स्पेशल 


मदर्स डे वाला फीवर सबका उतर गया हो तो हमहुँ कुछ बोलें…

क्या है कि ई मदर्स डे जो है ऊ उन देशों के लिये ज्यादा सटीक त्यौहार है जहाँ अठारह बीस का होते ही लौंडे लौंडिया अपना घर दुआर छोड़कर लिवइन रिलेशनशिप में रहने लगते हैं…… अउर साल में एक दिन अपनी महतारी को चॉकलेट अउर फूल लेकर मिलने जाते हैं….. महतारी भी उस दिन केक बनाकर अपने लायक पूत का इन्तेजार करती है…।

लेकिन ई भारत देस जो कि अभी इण्डिया बनने से काफी दूर है , इहाँ अभी तीस – तीस साल के नखादे लौंडे महतारी बाप की रोटी तोड़ते हैं ..और दारु पीकर आते हैं तो बाप से बचने के लिए माँ के ही पीछे छिपते हैं….. नौकरी लग जाये तो बच्चों के भविष्य की खातिर माँ को अपने पास बुला लेते हैं… परिवार छोड़कर अगर अकेले बाहर रहते हैं तो दिन में सात बार अपनी महतारी को बतलाते हैं कि क्या खाया-क्या पीया… दिल्ली में दोस्तों के साथ दारु पी रहे हों और गाजीपुर से महतारी का फोन आ जाये तो सारा नशा उतर जाता है… प्रेमिका के साथ पिक्चर देख रहे हों अउर माँ का फोन आ जाये तो हिरन की तरह सिनेमाहाल के टोइलेट में घुसकर ऐसे बतियाने लगते हैं जैसे नौकरी का इंटरव्यू चल रहा हो….। और तो और गाय के बारे में एक शब्द नही सुन सकते काहें कि बचपन में सुना था कि गाय माता होती है..।

हम भारतीय अम्मा के पूत होते हैं मॉम के सन्स नहीं… । अम्मा को याद करने के लिये हमको किसी दिन की जरूरत नही.. ऊ तो हाथ में दाल भात का कौर और आँखों में गुस्सा लिये पूरी जिंदगी चौबीसो घण्टे हमारे पीछे पीछे ही घूमती है…  – साभार सोशल मीडिया

जस्टिन बीबर – भारत में पर्फ़ॉर्मन्स के लिए रखी ऐसी माँगे की इंग्लैंड की महारानी भी शर्मा जायें !

अब क्या कहे देश के लोगों के बारे में ……देश में इतनी समस्या है और देश में युवाओं की हालत यह है इस बन्दे के गाने के पीछे पड़े है ।मैंने तो इसका नाम भी नहि सुना था । अपनी बेटी सोनल पासी से सुना की यह बीबर कोई बहुत फ़ेमस सिंगर है , दुनिया पगलाई पड़ी है इसके पीछे …..यह इंडिया आ रहा है वह भी मुंबई में । 
हमने सोचा हम इतना पढ़ते रहते है यह कौन है जिसका हमने नाम नहि सुना ।
गूगल किया तो पता चला जनाब यूटूब स्टार है पॉप सिंगर है दुनिया माइकल जैक्सन की तरह इनकी भी दीवानी है ।

थोड़ा और पता किया तो इनके नख़रे देखकर पैरों तले ज़मीन खिसक गई …और ऐसे नख़रीले इंसान का गाना देखने हज़ारों रुपए ख़र्च करके जाएँगे …..हद है …….

इसका शो है 10 मई को. मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में. और ये भाई वहां शो करने के लिए जो भारी डिमांड किहिस है न, की का बताए …क्या ज़रूरत थी …पर कुछ लोगों का बिज़नेस है ….हमारे देश में मुँ***** कमी थोड़ी है पैसे भी देंगे नख़रे सहेंगे ।

म्यूजिक जर्नलिस्ट अर्थात संगीत पत्रकार हैं अर्जुन एस रवि. उन्होंने अपने ट्विटर पर दो टेक्स्ट इमेज पोस्ट की हैं. उसमें जस्टिन बीबर की तरफ से जारी की गई प्रेस रिलीज का फोटू है. इन डिमांड्स को देखकर लग रहा है कि कनाडा से कोई ईस्ट इंडिया कंपनी आ रही है भारत को लूटने. मुंबई पुलिस से Z सिक्योरिटी के अलावा एक प्राइवेट जेट की मांग की है, जिससे साहब स्टेडियम तक जाएंगे. नहीं तो शान में बट्टा लग जाएगा. इसके अलावा क्या क्या है, पढ़ डालो.

#1 इस शो का टिकट प्राइज जियरा उघार है. मतलब बड़े बड़े लोगों का भी करेजा नेच ले जाए. और वो पैसा बबुआ की लग्जरी में खर्च होगा. 120 लोग इसके क्रू में होंगे. उनके लिए 2 लग्जरी वॉल्वो बसों की व्यवस्था करनी होगी. खुद हुजूरे आला जिल्ले इलाही को एक रॉल्स रायस चाहिए और एक प्राइवेट प्लेन. और जाएंगे पूरा स्टेडियम तक उड़कर.

#2 भाई वहां से अपना डेली यूज का जरूरी सामान ला रहा है. और उस सामान का मतलब तुम चड्डी, बंडी, मंजन, बुरुस और मोजा समझे हो तो मोजा सूंघ लो. ये मुरहू 5 दिन के टूर के लिए टेबल टेनिस खेलने वाली टेबल, प्ले स्टेशन, आईओ हॉक(ये दो पहियों वाली चीज होती है जिसपर पैर रखकर बैलेंस बनाते हैं और स्पीड में चलते हैं) सोफा सेट, वाशिंग मशीन, फ्रिज और मसाज टेबल भी लेकर आ रहे हैं. ऐसा लग रहा है भाई को अपने पड़ोसियों पर भरोसा नहीं है. वो सोच रहा है कि घर पर ये चीजें सुरक्षित नहीं हैं तो इनको साथ ही ले चलते हैं. भाई अपना घर भी उठा लाता.

#3 दुइ ठो फाइव स्टार होटल बुक किए जाएंगे. और उनके कमरों की स्पेशल वाली सजावट होगी. बढ़िया मुगलिया स्टाइल में. अरे होगी काहे नहीं भाई. जलालुद्दीन बादशाह अकबर की सवारी आ रही है तो करना ही पड़ेगा. साथ में पर्पल कार्नेशन और लिली जैसे फूलों की सजावट होगी. पूरी टीम के लिए स्पेशल वाले कपड़े और एक बूमबॉक्स, ये हाई क्वालिटी के मोबाइल स्पीकर होते हैं. साथ में भाई को आईफोन की बैट्री भी चाहिए. साला कोहिनूर भी लाकर भाई की चड्डी में सजा देते.

#4 भैया जी इस टूर के दौरान योगा भी करेंगे. इसके लिए कमरे में खुशबू वाले तेल, अगरबत्ती और चक्र, आसनों वाली किताबों की सप्लाई होनी चाहिए. इत्ते से मन भरेगा नहीं. केरल से मसाज करने वाली भी बुलाई गई है. इत्ती अय्याशी करोगे तो शो कितनी टाइम करोगे यार.

#5 इनके अलावा वनीला रूम फ्रेशनर्स और वाइल्डबेरीज़, डव बॉडी वॉश और हाईड्रेटिंग लिप बाम. भाई इनमें से कुछ चीजों का नाम मैंने पहले नहीं सुना. गूगल बाबा की हेल्प ली.

#6 अब देखो भाई ने मैथ्स की क्लास लेने के बाद जो लिस्ट बनाई है. ड्रेसिंग रूम में सफेद परदे लगेंगे. ग्लास डोर अर्थात शीशे के दरवाजे वाला फ्रिज होना चाहिए. फ्रिज में निम्नलिखित चीजें होनी चाहिए. 24 बोतल नॉर्मल और अल्कलाइन वॉटर. अल्कलाइन पानी की एक प्रजाति है. मिनरल वॉटर से थोड़ा ऊपर. 4 तरह की एनर्जी ड्रिंक्स, 6 विटामिन की बोतलें, 6 क्रीम सोडा, 4 नैचुरल जूस, 4 वनीला प्रोटीन ड्रिंक्स और आधा गैलन बादाम वाला दूध. मतलब योगा ओगा से जो टाइम बचेगा वो भाई खाने पीने में लगाएगा.

#7 अब सुनो भाई के खाने का मेनू. सांस चढ़ाकर बैठो और चिंता बिल्कुल मत करो. बहुत कम लोगों को बहुत कम समझ में आने वाला है. मौसमी सब्जियां वो भी ऑर्गैनिक, मने बिना केमिकल खाद की डाली हुई. इंजेक्शन वाली लौकी नहीं. कटे हुए फल, ऑर्गैनिक केले, बिना बिया के अंगूर. इसके आगे जो लिखा है वो खुद हमारी समझ में नहीं आया लेकिन बता देते हैं. ऑर्गैनिक टर्की, ये देश नहीं किसी रेयर फल की बात हो रही है. लेटूस की सब्जी, कॉल्बी और प्रोवोलोन चीज़( ये फाड़ू विदेशी चीज है आगे हमसे न पूछो) काला जैतून और हरा बनाना पेपर. पसीना पोंछ लें हम फिर आगे बताएं.

#8 स्नैक्स में भाई क्या लेगा. बस थोड़े से स्लाइस्ड ब्रेड, आलू चिप्स, मिन्ट और तरबूज गम, सफेद भूना पॉपकॉर्न, गिरारडेल्ली डार्क चॉकलेट समुद्री नमक के साथ, बादाम, मेंथॉल, विनेगर चिप्स, ऑर्गेनिक मेवे, मूंगफली और बहुत कुछ. इनके अलावा ढेर सारी स्वीडिश यम्मी फिश, रिट्ज़ बिट्ज पीनट बटर और चीज़ सैंडविच वगैरह. मैं क्यों लिख रहा हूं ऐसे अजीब से नाम यार जब समझ में नहीं आ रहा. ऐसा लग रहा है एक आदमी उसने सिर्फ ये लिस्ट बनाने में खर्च कर दिया.

इस शो के ऑर्गनाइजर या तो लल्लूलाल हैं या तो बड़े सयाने. जिनके कस्टमर बड़े पेट वाले लोग हैं. नहीं तो ये एंटरटेनर के नाम पर ये सरग की सीढ़ी की जगह कोई अच्छा कलाकार बुला लेते. हमारे यहां तो लोग अल्ताफ राजा को भी शौक से सुनते हैं और हिमेश रेशमिया को भी. उनके इतने नखरे भी नहीं होते.

देखना १० मई का हमारे देश का युवा और भविष्य इसकी एक झलक पाने के लिए भागता दिखाई देगा । जब माइकल जैक्सन मुंबई आया था कुछ लोगों बात कर ली थी कुछ लोगों को छू लिया था कई दिन स्नान ही नहि किए 

यह ऐसी पीढ़ी है जो न देश के बारे सोचती है .. न सरकार के बारे में ..न देश की आम जनता के बारे में .. ..इनके लिए भारत देश यानी बड़े शहर , ब्राण्डेड कपड़े ,जूते , घड़ी सिर्फ़ दिखावे के लिए । हम अलग है ऊँचे है दूसरों से ।
ऐसी पीढ़ी से देश के लिए क्या करेगी …?? जिनके हाँथों में देश का भविष्य है वह नाचने गाने वाले के आगे कुछ सोच ही नहि पा रहे ….तो क्या आशा करे ..