मनुवाद का शोषण का चिरपरिचित पैटर्न

 

अगरआप इतिहास के गर्भ में जायें और देखें सब से पहले बहुजनों के इतिहास को मिटाने के लिए ये मनुवादी अनेकों शास्त्र गढ़े। उनमें बहुजनों के खिलाफ कल्पनाओं से भरे अपने श्रेष्ठ पात्रों की वीरता का बखान किया। अपनी स्थिति और अच्छी बनाये रखने के लिए इन्होंने वर्ण व्यवस्था का निर्माण किया। वर्ण व्यवस्था के जरिए बहुजनों को मानसिक रूप से हीन बनाएं जाने वाली वर्ग व्यवस्था का निर्माण किया। वर्ग व्यवस्था के आधार पर बहुजनों को अनेकों जातियों-उपजातियो में विभाजन के अनेकों तौर तरीके अपनाए। उस समय जो शासक वर्ग था। उसे इन कहानियों में बताये गये पात्रों के प्रति ङर का भाव पैदा किया। धीरे-धीरे ये ब्राह्मण वादी मानसिकता के लोग सामाजिक श्रृंखला में सबसे ऊपर जाकर बैठ गए। और बहुजन धीरे-धीरे कमजोर होता गया। बहुजनों की कमजोर स्थिति के कारण इस देश पर दुनिया के हर कौम के लोग भारत पर आक्रमण करते रहे हैं। और अपने शासन स्थापित करते रहे हैं। और इन ब्राह्मण वादी मानसिकता के लोगों के बल पर शासन करते रहे हैं। यहां मुगल वंश का शासन सात-आठ सौ साल तक रहा। मुगल शासक यहां सैकड़ों सालों तक शासन करने में यूं ही कामयाब नहीं हुये। मुगलों को यहां स्थापित करने मे ये ब्राह्मण वादी ही ज्यादा जिम्मेदार हैं। ये मुगलों के साथ मिलकर बहुजनों के इतिहास को मिटाने का कार्य किया। और बहुजनो को हर तरीके से मतलब शारीरिक रूप से, मानसिक रूप से, आर्थिक रूप से, सामाजिक रूप से, और राजनैतिक रूप से कमजोर से और कमजोर बनाने की नीति अपनाते रहे हैं। जो हालात आज देश में मुसलमानों का हो रहा है। किसी जमाने में ये मुस्लिम शासक वर्ग इन ब्राह्मण वादियों के साथ मिलकर बहुजनों का किया करते थे। मुगलों की उस समय इन ब्राह्मण वादियों के साथ मिलकर शासन करने की मजबूरी थी। इस लिए मुगलों के शासन काल में कहीं भी बहुजनों के सम्मान और उत्थान की कहानियां नहीं मिलेगी। इतिहास में जितनी भी क्रूरतम घटनायें हुई हैं। वो सबके सब बहुजनों के ऊपर हुई हैं। ये ब्राह्मण वादी मानसिकता के लोग वर्ग व्यवस्था के बल पर हमेशा शासन करने वाले लोगों के साथ रहे हैं। जब मुगल कमजोर हुये तो अंग्रेज भारत आए। ये अंग्रेजों के साथ भी वही नीति अपनाई। अंग्रेज़ों के साथ मिलकर बहुजनों के ऊपर जितने भी अत्याचार हो सकते थे वो इन्होंने किया। अंग्रेज़ जब इनकी बनाई वर्ग व्यवस्था को जानकर उसे व्यवस्था में सुधार लाने की कोशिश की तो ये ब्राह्मण वादी अंग्रेज़ों के खिलाफ होकर अन्दोलन रत हो गये। बहुजनों को बरगला कर ये अंग्रेज़ों के खिलाफ खङ़ा किया। आप देखें अंग्रेज़ों के खिलाफ खङी होने वाली भीड़ किसकी थी। सभी बहुजनों की थी। जब बहुजनों ने लङ़कर कुछ हासिल करने की सोची तो ये ब्राह्मण वादी बहुजनों को मिलने वाले हितों के खिलाफ होकर बङी कुटिलता से पूना पैक्ट का समझौता करवाया। बाबा साहेब पूना पैक्ट का समझौता कुटिल गांधी के जीवन दान के रूप में किया। जिससे बहुजनों के अधिकारों पर बङी कुटिलता से अघात किया गया। ये ब्राह्मण वादी अल्पसंख्यक की स्थिति में अपने आप को हिन्दू हिन्दू चिल्लाने लगते हैं। और बहुजनो की बङी आबादी को हिन्दू कहकर अपने आप को बहुसंख्यक घोषित करते हैं। और उसमें कामयाब भी हो गये हैं। ये हमेशा अपने हित के लिए बहुजनों के अधिकारों की बलि देते रहे हैं। आजकल देश में वही पुरानी कुटिलता भरी चालों से बहुजनों को बरगला कर अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ लङा़ने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। और लोग उनके बहकावे में आकर अपने ही पैरों में कुल्हाड़ी मारने का काम कर रहे हैं। इतिहास गवाह हैं कि कभी ब्राह्मणवादी मुसलमानों के शासन के साथ मिलकर बहुजनों के ऊपर कहर ढाया करते थे। अब समय बदल गया है। अब ये बहुजनों के साथ मिलकर मुसलमानों के ऊपर कहर ढाने का काम कर रहे हैं। इन ब्राह्मणवादियो का बहुजनों के ऊपर जुल्म करने का पैटर्न सदियों से एक जैसा ही रहा है। आज भी उसी पैटर्न पर चलकर जुल्म करते हैं। उसी कड़ी में आज सहारनपुर, गुजरात, व देश के अन्य हिस्सों में मे आप देख सकते हैं। आजकल गाय, और राम का नारा लगाकर अल्पसंख्यक समुदाय और बहुजनो को अपना निशाना बना रहे हैं। देश में ब्राह्मणवाद सबसे बड़े आतंकवाद के रुप में उभर कर सामने आने की कोशिश कर रहा है। बहुजनों को चाहिए कि ब्राह्मणवादी मानसिकता के आतंकियों से अपने आप को दूर रखें। और ऐसे लोगों से दूरी बना कर रखें। जो देश में अमन चैन को अपना निशाना बनाने की कोशिश करते हैं। सरकार को भी ऐसे लोगों से सहानुभूति न बरतकर सख्ती बरतनी चाहिए। ये सरकारी गुन्डे होने का तमगा जो इन्हें मिला हुआ है। सरकार को उस तमगे को छीन लेना चाहिए।देश में सरकार को सभी का साथ सभी का विकास वाले कॉन्सेप्ट पर चलना चाहिए। ये नहीं कि सबका साथ सिर्फ ब्राह्मण वादियों का विकास पर नहीं चलना चाहिए। देश में हो रहे धार्मिक उन्माद को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। देश में हर समुदाय की सुरक्षा होनी चाहिए। – एस आर भारतीया

मानुवाद का मुख्य सिध्दांत 


ब्राह्मणवाद एक ऐसी खतरनाक मानसिक बीमारी के रूप में देश में देखा जाना चाहिए। जब से ब्राह्मणवाद वाजूद में आया है। देश की प्रगति रूक गई है। देश कई बार गुलामी का दंश झेल चुका है। देश के टुकड़े भी हो चुके हैं। इसी मानसिक बीमारी से ग्रस्त सरकारे भी आती रही हैं। ब्राह्मणवाद का सबसे पहला सिध्दांत यही है कि अपने सामने किसी भी समुदाय की किसी भी विचारधारा को किसी भी तरह से पनपने ही न दिया जाए। ब्राह्मणवाद का सिध्दांत ये भी है कि बहुजनो को अनेको टुकड़ों में बाॅट दिया जाए। और टुकड़ों में बाटॅ कर इनके ऊपर अपना वर्चस्व कैसे कायम किया जाए। उन्हें किस तरह से प्रगति उन्नति प्रगति की दौड़ से पीछे रखा जाए उन्हें
शैक्षिक स्तर

पर कमजोर और मानसिक विक्लांग बना कर पीछे रखा जाए। मतलब ये है कि बहुजन जितना निरीह कमजोर और गरीब रहेगा। उतनी आसानी से उसके ऊपर शासन किया जा सकता है। आप देखे सरकार के जितने भी तंत्र हैं।उसको संचालित करने वाले लोग ब्राह्मणी मानसिकता से ग्रस्त लोग हैं। सरकारी तंत्र में वैठे लोग देश की आम जनता की तंगहाली, बदहाली, गरीबी, कमजोरी, बिमारी देखकर बड़ी खुशी होती हैं। आप गांव वे कस्बों में देखें जो ब्राह्मणी विचारधारा का शख्स बहुजनो को आज भी फलतें फूलते देखकर कितना जलता है। इसी जलन का नतीजा पूरे देश में सामने आ रहा है। इसका जीता जागता साबूत सहारनपुर मन्दसौर की घटना है। ऐसी घटनाएं देश में आए दिन होती रहती हैं। कुछ मनुवादी मानसिकता के लोग ऐसी घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं। मनुवादी मानसिकता के लोग हमेशा यही चाहते हैं कि बहुजन समाज के लोग शारिरिक तौर पर कमजोर रहें, मानसिक तौर पर, शैक्षिक तौर पर, आर्थिक तौर पर, सामाजिक तौर पर, तथा राजनीतिक तौर पर हमेशा कमजोर रहें। जबभी बहुजन समाज के लोग ऐसे रोगों से लङने की कोशिश करते हैं तो ये मनुवादी अपना कुचक्र इनके खिलाफ चलाना शुरू कर देते हैं। देश के बुध्दिजीवी देश को महाशक्ति बनाने के सपने देखते हैं। देश में बेमतलब और फालतू के सवाल खड़े किए जाते हैं। और देश की मीङीया रात दिन इसी के ङिवेट करती रहती है। ऐसा लगता है कि देश में और कोई समस्या ही न हो। ये ऐसी समस्या को बङी बनाने मे लगे रहते हैं। मीङीया और सरकार में वैठे लोग ज्यादातर मनुवादी मानसिकता के लोग हैं। देश तभी महाशक्ति बना पाएगा जब देश का आम नागरिक शारीरिक तौर पर, मानसिक तौर पर, स्वस्थ होगा आर्थिक तौर पर मजबूत होगा शैक्षिक स्तर पर हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करेगा तथा राजनीतिक तौर पर मजबूत स्थिति में होगा तभी देश महाशक्ति बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा। ये बिकाऊ मीङीया देश की छवि जो उजागर कर रहा है। इसे क्या माना जाए? धन्यवाद।

पासी समाज के महापुरुषों के नाम से छेड़छाड़ मान्य नहीं

देश में महापुरुषों के इतिहास के साथ हमेशा छेड़छाड़ की घटनाएं हमेशा होती रही हैं।इसी कड़ी में पासी समाज से सम्बन्ध रखने वाले महाराजा सुहेल देव पासी के इतिहास के साथ भी छेड़छाड़ करने की कोशिश की जा रही है।कुछ जाति विशेष के लोग उन्हें राजभर जाति से जोड़ने पर तुले हुए हैं।जो उनकी मानसिकता को प्रदर्शित करता हैं।वैसे तो महाराजा सुहेल देव पासी सभी समाज के माननीय महाराजा रहे हैं।सभी समाज के लोग उनके ऊपर गर्व करते है।सलार गाजी के साथ हुए जंग में सलार गाजी को मारकर और उसके ऊपर विजय की गाथा पूरे देश में गाई जाती है।लेकिन पासी जाति से सम्बन्ध रखने के कारण पासियों का उनके ऊपर गर्व करना स्वाभाविक हैं।बहुत समय पहले राजभर और पासी एकदूसरे के बहुत नजदीक रहे है।लेकिन कुछ राजनीतिक पार्टियां राजभर और पासी को अलग अलग कर के देख रही हैं।उनमें आपस में वैमस्यता फैलाने की और लड़ाने की पूरी कोशिश कर रही है।उसी कड़ी में महाराजा सुहेल देव पासी को महा राजा सुहेल देव राजभर के नाम से प्रचारित करने की कोशिश कर रही हैं।और राजभर वन्धुओ क भड़का कर पासियों से लड़ाने की पूरी कोशिश कर रही हैं।जो ठीक नहीं है।पासी समाज इसका पुरजोर विरोध करता हैं।अभी योगी जी के निर्णय से पूरे पासी समाज में खुशी की लहर हैं कि स्कूलों के पाठ्य क्रम में महाराजा सुहेल देव पासी की वीर गाथा के बारे में बच्चों को पढ़ाया जायेगा।इस उद्घोषणा से पासी समाज योगी जी को बधाई देता हैं।और महाराजा सुहेल देव पासी के नाम के साथ किसी भी तरह के छेड़छाड़ का पुरजोर विरोध करता हैं।पासी समाज में इस तरह के छेड़छाड़ के विरोध में लोग संवैधानिक तरीके से विरोध जताने के लिए तैयार है। जय महाराजा सुहेल देव पासी।जय माँ विरांगना ऊदा देवी पासी।जय भीम । एस आर भारतीया

पासी समाज हरिद्वार ने सम्पादक अजय प्रकाश सरोज का किया सम्मान

भारत में पासी समाज के अंदर चर्चित श्रीपासी सत्ता पत्रिका के मुख्य सम्पादक श्री अजय प्रकाश जी आज हमारे निवास स्थान शिवालिक नगर हरिद्वार पर पधारें। उनके सम्मान में ‘पासी समाज हरिद्वार ‘के साथियों के इच्छानुसार एक स्वागत समारोह मेरे निवास पर रखा गया। समाजिक जागरूकता  अभियान के प्रति समर्पित सम्पादक जी से मिलकर बहुत कुछ सीखने को मिला । साथ ही जागरूकता अभियान में आ रही सामाजिक भागीदारी की कमियों को भी हम सबसे चर्चा किये।पासी समाज हरिद्वार के सभी मित्र उनका अभार जता रहे है स्वागत करने में माननीय विहारी चौधरी, एस आर भारतीया,विजय पासवान,ऋषि कुमार,चेत राम,प्रदीप कुमार,राज कुमार,विजय पाल,राजेंद्र कुमार,सुभाष चन्द्र, सुबोधन शामिल रहे।। श्री अजय प्रकाश सरोज जी ने अपने सम्मान के लिए पासी समाज हरिद्वार का ह्मदय से आभार व्यक्त किया।औऱ अपने संदेश में समाज में बच्चों की शैक्षिक स्तर को बढ़ाने पर जोर दिया।तथा आपसी भाई चारा कैसे हो इस पर उन्होने जोर दिया।औऱ समाज को अपनी शुभ कामनाए दी। साथ ही किसान नेता मदारी पासी जी के जीवन पर आधारित पत्रिका के नए अंक का अवलोकन करने के लिए हम सबको भेट स्वरूप् दिए। यह अंक बहुत आकर्षक वव महत्वपूर्ण है।  

अजय जी हम सभी आप के ओजस्वी विचारों से बहुत ही प्रभावित हुए। बाबा साहेब के कांरवा को आगे बढ़ाने के लिए हम सभी श्री पासी सत्ता पत्रिका को हार्दिक शुभ कामनाएं देते है।

मन्दसौर किसान हत्याकान्ड से गरमाई राजनीति ,राहुल गांधी गिरफ्तार

मध्यप्रदेश / मध्यप्रदेश मन्दसौर किसानों के आन्दोलन के साथ हुए नृसंश हत्या कान्ड को लेकर सरकार के खिलाफ आन्दोलन रत किसानों के समर्थन में देश के कई राजनीतिक पार्टियां उतरी ।

इस अफरातफरी भरे महौल में सरकार औऱ प्रसासन की क्रूरता के खिलाफ आन्दोलन रत किसानों को अपना नैतिक समर्थन देने जा रहे राहुल गांधी को रास्ते में जाने से रोका।देश की जनता इस हत्याकांड से स्तब्ध है।देश के अन्नदाता के साथ अमानवीय कार्य से देश में सरकार के खिलाफ पूरा किसान समुदाय सड़कों पर उतरा।सरकार किसानों की समस्याओं को सुलझाने के बजाय उलझाने में लगी हुई है।सरकार अपना कुरुप चेहरा दिखाने में लगी हुई है।राहुल गांधी के साथ भी दुर्व्यवहार प्रसाशन ने किया ।और उन्हे गिरफ्तार किया गया। – एस आर भारतीय

कब तक मरते रहेंगे भारत के अन्नदाता

देश और उत्तर प्रदेश के मुखिया व्यवसायी राम देव के साथ दंड बैठक मार कर जनता को डराने में लगे हुए हैं ,और ये शो कर रहे हैं कि जनता जाए भाड में हम अपनी नौटंकी जरूर करेंगे। ये लोग प्रदेश और देश कि कानून व्यवस्था गुन्डे बदमाशों के हवाले करके दन्डबैठक लगाने में लगे हुए हैं।हमारे प्रधान सेवक को तो विदेशों में मौज मस्ती लेने से फुरसत ही नहीं मिल रही हैं।ये बेचारे देश में सिर्फ पिकनिक मनाने कभी कभार आ जाते हैं।देश के किसानों और बहुजनो के विकास के नारे विदेशों में जाकर खूब दे रहे हैं। इन्हें तो जुमला लेखक, जमुला का मंचन ,जुमलेबाजो के डाइरेक्टर, के रूप में देश की जनता देख रही हैं।जनता त्राहि त्राहि कर रही हैं। और इन्हें अपने मुँह की कालिख पोछकर दूसरे के मुह पर लगाने की नीति को हर स्तर पर अखतियार कर रहें हैं। देश में अन्नदाता किसानो के साथ निरंकुश तरीके से गोली चलाने का आदेश देकर देश की जनता के सामने सरकार अपने क्रुर मानसिकता को जनता को साफ साफ बता रही है। औऱ आरोप विपक्ष के ऊपर लगा रही है।सरकार में रह रहे नेता बेशर्मी की सीमा से बाहर जा रहे है । किसानों की कातिल हो चुकी सरकारे किसानों की समस्यो को समाधान करने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाने के बजाय देश में अफरातफरी का महौल बनाने में लगी हुई है। 

लेखक-एस आर भारतीय