जिस वर्ग-जाति से हम उम्मीद नही करते है वह हमारे पासी समाज के इतिहास को बचाने व सैकडों पासी भाईयो को सम्मानित करता है यह है डा. मनोज कुमार पांडेय (बाभन) जो महाराजा माहे पासी की मूर्ति स्थापित, सोलर विद्युत व किले की गेट सुन्दरी करण करवाया व माहे पासी किले पर पासी समाज के लोगो को सम्मानित भी करते रहते है दोस्तों यह चाहे वोट के लिये ही क्यो ना करते हो पर अपने समाज के लिये कार्य तो करते है , ऐसे ही सीतापुर का सातन पासी किला का मूर्ति व किले की गेट सुन्दरीकरण किसी जायसवाल(बनिया) ने किया है , और एक तरफ हमारा sc वर्ग (बसपा) जिसे हम वोट भी करते है और उम्मीद भी करते है कि पासी समाज को भी सम्मान करेगा पर कई बार मुख्यमंत्री(चमार) रहते हुये ना कोई स्मारक ना ही कोई सम्मेलन ना कोई सम्मान मिला बस चमार चमार चमार हर जगह चमार बाकी धोबी, खटिक, धरिकार व अन्य अनुसूचित जातिया सिर्फ दलित के नाम पर वोट करे अन्य अनुसूचित जाति किसी दूसरे पार्टी या व्यक्ति को सपोर्ट भी कर दिये तो चमार लोग ब्राह्मण-भक्त, संघी, दलाल गद्दार घोषित होने में देर नही लगाते।
क्या इनके महापुरुष हमारे है और हमारे महापुरुष इनके नही क्यो ये महाराजा बिजली पासी लाखन पासी विरांगना उदा देवी की जयंती व शहादत दिवस नही मनाते?
अखंड भारत न्यूज में छपी खबर के अनुसार माहे पासी किले पर हर वर्ग के लोग पहुचते है पर एक वर्ग ना कभी सोचता है ना पहुंचता है – अच्छेलाल सरोज ,इलाहाबाद
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धन्यवाद सातन की जगह छीता पासी पढे मित्रो त्रुटि के लिये क्षमाप्रार्थी हू *