मनीष कुमार (विधायक धुरैया जदयू )
विशेष तथ्य :-
- मनीष कुमार लगातार तिन बार से है धुरैया के विधायक ।
- जदयू -बीजेपी वाली राजग गठबंधन की सरकार में एकमात्र पासी विधायक है मनीष , बावजूद इसके मंत्रिमंडल में शामिल नही किया गया ।
- राजग और नितीश कुमार ने पासी समाज के साथ किया भेदभाव ।
पटना (बिहार):- बिहार में राजनितिक उठापटक के बीच राजग गठबंधन वाली नई सरकार गठित हो गयी साथ ही साथ नए मंत्रिमंडल का विस्तार भी हो गया, लेकिन यह मंत्रिमंडल विस्तार बिल्कुल निराशाजनक है महागठबंधन वाली सरकार के तुलना में क्यूंकि इस सरकार के मंत्रीमंडल में इस बार तीन ही महादलित सदस्यों को मंत्री बनाया गया है ।जबकि पिछली सरकार में चार महादलित सदस्य थे जिसमे दो लोग पासी समाज से थे और वो भी अच्छे मंत्रालयो का प्रभार उन दोनों लोगो के पास था अशोक चौधरी(कांग्रेस) को शिक्षा मंत्रालय का प्रभार मिला था जबकि राजद के मुनेश्वर चौधरी को खनन व भूतत्व मंत्रालय का प्रभार मिला था ।हालाकि मुख्य्मंत्री नितीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड से एक भी नही थे जबकि उनकी पार्टी से मनीष कुमार जी बांका के धुरैया विधानसभा से लगातार तिन बार जीतते आ रहे है लेकिन इस बार के सरकार में मनीष कुमार जी के सतासिन पार्टी में पासी समाज के एक मात्र सदस्य होने के कारण उनका मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने की सरकार और नितीश कुमार से बहुत उम्मीद था पासी समाज को लेकिन मनीष कुमार जी को मंत्रिमंडल में जगह न देकर एक बार फिर नितीश कुमार ने पासी समाज का अपमान किया है और अपनी पासी विरोधी नीतियों पर कायम है क्यूंकि जनता दल यूनाइटेड से वैसे वैसे लोगो को मंत्रिमंडल में जगह दिया गया है जो बहुत कम पढ़ लिखे लोग है उदाहरण के लिए आपलोग निचे दी हुई सूचि देख सकते है किस तरह नितीश कुमार नेआठवी पास ,दसवी पास और बारहवी पास लोगो को नितीश कुमार ने मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया कई लोगो को तो दुबारा मंत्रिमंडल में जगह दी गयी है जैसे संतोष निराला और जयकुमार सिंह इन दोनो लोगो को दुबारा जगह दी गयी है जबकि साफ़ सुथरा छवि वाले सुशिक्षित सीबीएसई सैनिक स्कूल तिलैया से पढ़े और पार्टी के प्रति समर्पित लगातार तिन बार से बांका के धुरैया बिधानसभा क्षेत्र से जितने वाले विधायक मनीष कुमार को नितीश कुमार ने मंत्रिमंडल में जगह नही दिया ये विचारणीय सवाल है ? न तो मनीष कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप है और न ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है तो फिर उन्हें मंत्रिमंडल में क्यों नही शामिल किया गया । ये पासी समाज का घोर अपमान है । बिहार राज्य में पासी जाती का सरकार में एक मात्र सदस्य मनीष कुमार है जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नही किया गया है जबकि बिहार में पासी समाज की जनसंख्या करीब 25 से 30 लाख है । नितीश ने मनीष कुमार को मंत्रिमंडल में शामिल न करके अपनी पासी विरोधी छवि को कायम कर दिया है जैसे पिछले दिनो पासी समाज के रोजगार ताड़ी के उतारने और बिक्री पर प्रतिबंध लगाकर किया था । मनीष कुमार की तमाम उपलब्धियों के बावजूद उनको मंत्रिमंडल में शामिल न करना नितीश कुमार का पासी के प्रति भेद भाव वाली मानसिकता को प्रदर्शित करता है जिसका खामियाजा उन्हें आगामी चुनावो में भुगतना पड़ेगा ।
नाम | शिक्षा |
1. ललन सिंह | ग्रेजुएट |
2. संतोष निराला | ग्रेजुएट (एल एल बी ) |
3. जयकुमार सिंह | इंजीनियरिंग (सिविल) |
4. श्रवण कुमार | बारहवी पास |
5. मंजू वर्मा | बारहवी पास |
6. खुर्शीद उर्फ़ फिरोज अहमद | दसवी पास |
7. कपिल देव कामत | आठवी पास |
8. दिनेश चन्द्र यादव | दसवी पास |
9. मदन सहनी | ग्रेजुएट |
10. बिजेंद्र यादव | ग्रेजुएट |
11. रमेश ऋषिदेव | पोस्ट ग्रेजुएट |
ये सूचि नितीश के पार्टी जदयू के मंत्रियो का है जिसमे उनकी शिक्षा पर प्रकाश डाला गया है आपलोग खुद देखिये नितीश जी का चुनाव मंत्री पद के लिए कितना उपयुक्त है कैसे उन्होंने पार्टी में एक कुशल और लगातार तिन बार से जीत दर्ज करते हुए और पार्टी के प्रति हमेशा समर्पित रहने वाले धुरैया विधायक मनीष कुमार को मंत्रिमंडल में जगह न देकर उनकी उपेक्षा की , क्या मनीष कुमार इन सभी उपर्युक्त नेताओ से किन्ही मायने में कम है जो उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नही दिया गया ? या फिर इसका वजह नितीश कुमार का पासी विरोधी मानसिकता है ? सवाल है ? जरुर सोचियेगा .
Eska khamiyaja agale chunav me mil jayega nitish ji ko..jay Pasi samaj