पटना बिहार:- बिहार के मुख्यमंत्री नितीश जी ने अपने पद से इस्तीफा देकर बिहार की राजनीती में एक नया संकट पैदा कर दिया है ।मुख्यमंत्री नितीश के इस्तीफे पर बिहार में गहमागहमी है । मुख्यमंत्री नितीश ने इस्तीफा देते हुए कहा की मैंने ये इस्तीफा भ्रष्टाचार के मुद्दे और अपने जीरो टॉलरेंस की निति को कायम रखने के लिए दिया है । आपको बता दे की मुख्यमंत्री नितीश ने तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपो पर सफाई माँगा था और इसके लिए समय भी दिया गया था और तेजस्वी के इस्तीफे की मांग भी की गयी थी लेकिन तेजस्वी यादव , राजद सुप्रीमो लालू यादव इस्तीफा देने के पक्ष में नही थे । नितीश जी ने इस्तीफे का कारण लालू का अड़ियल रवैया बताया उन्होंने लालू यादव पर आरोप लगाये की लालू यादव संकट में बचाने का दबाव डाल रहे थे अतः उन्होंने इस्तीफा दे दिया । वही बीजेपी में नितीश के इस्तीफे को लेकर ख़ुशी है । प्रधानमंत्री मोदी ने नितीश को ट्वीट कर के इस्तीफे की बधाई दी और लिखा की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जुटने के लिए बधाई । वही बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा की बिहार की जनता को मध्यविधि चुनाव का सामना नही करने देंगे अगर समर्थन देना पड़ा तो नितीश को समर्थन दे सकते है । नितीश ने बीजेपी के समर्थन के सवाल पर कहा की अगर यह राज्य के हित में हो तो हम समर्थन ले सकते है ।
वही नितीश के इस्तीफे पर लालू यादव ने कहा की नितीश ने बिहार की जनता को थप्पड़ मारा है । महागठबंधन के टूटने के सवाल पर उन्होंने कहा की महागठबंधन टुटा नही है केवल मुख्यमंत्री का इस्तीफा हुआ है हमलोग महागठबंधन के तीनो सदस्य पार्टियो के बिधायक आपस में बैठ कर नया नेता चुन लेंगे । वही एक बड़ा बयान देते हुए लालू यादव ने कहा की नितीश कुमार पर हत्या का केस है उन्होंने एक पुराने केस का हवाला दिया । वही कांग्रेस पार्टी का कहना है की उन्हें नितीश कुमार के इस्तीफे की जानकारी नही थी । सोनिया गांधी ने नितीश कुमार से बातचीत करने को बोली है । हालांकि अभी बिहार का कोई भी राजनितिक पार्टी मध्यविधि चुनाव के पक्ष में नही है ।लालू यादव ने एक बयान देते हुए कहा की नितीश कुमार को जनता के दिए बहुमत का सम्मान करना चाहिए उन्हें बीजेपी के साथ नही जाना चाहिए बिहार की जनता ने उन्हें बीजेपी के खिलाफ मैंडेट दिया था और पांच साल के लिए मैंडेट दिया था और हमारी महागठबंधन की जिम्मेवारी है की आपसी मतभेद आपस में सुलझा कर जनता के मैंडेट का सम्मान करते हुए पांच साल तक सरकार चलाए ।